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प्रोस्टेट कैंसर से पहले शरीर देता है 10 चेतावनी, जरूर कराएं ये मेडिकल टेस्ट, टल सकती है मुसीबत

By उस्मान | Updated: December 18, 2019 15:27 IST

ज्यादातर मामलों में प्रोस्टेट कैंसर के शुरूआती लक्षण स्पष्ट नहीं होते हैं।

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ठळक मुद्देप्रोस्टेट कैंसर के लक्षणों को जानने के लिए पीएसए टेस्ट कराना जरूरी हैदुर्भाग्य यह है कि प्रोस्टेट कैंसर बहुत ही धीमी गति से बढ़ता है

प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों को होने वाली एक जानलेवा बीमारी है। ज्यादातर मामलों में इसके शुरूआती लक्षण स्पष्ट नहीं होते हैं। हालांकि जो भी लक्षण दिखाई देते हैं, वो हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। प्रोस्टेट कैंसर के लक्षणों को जानने के लिए नियमित रूप से डिजिटल रेक्टल टेस्ट और प्रोस्टेट-स्पेसिफिक एण्ड्रोजन (पीएसए) टेस्ट कराना जरूरी है। 

प्रोस्टेट क्या है?

प्रोस्टेट एक ग्रंथि का नाम है, जो केवल पुरूषो में पाई जाती है। यह मूत्राशय के नीचे और मलाशय के सामने स्थित होता है। यह ग्रंथि एक गाढ़े तरल पदार्थ का उत्पादन करती है। यह पदार्थ वीर्य को तरल बनाता है, तथा शुक्राणु कोशिकाओं का पोषण करता है। इसके अलावा यह मूत्र के प्रवाह को नियंत्रित करने में भी अहम भूमिका निभाता है।

प्रोस्टेट कैंसर क्या है?

प्रोस्टेट कैंसर इस ग्रंथि की कोशिकाओं में बनने वाला एक प्रकार का कैंसर है। हालांकि ग्रंथि में कई प्राकर की कोशिकाएं और इनमें कैंसर हो सकता है। दुर्भाग्य यह है कि प्रोस्टेट कैंसर बहुत ही धीमी गति से बढ़ता है। ज्यादातर रोगियों में तब तक लक्षण नही दिखाई देते, जब तक कि कैसर गंभीर अवस्था में नही पहुंचता।

प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती संकेत और लक्षण

हेल्थ वेबसाइट कैंसरसेंटर के अनुसार, प्रोस्टेट ग्रंथि की मूत्राशय और मूत्रमार्ग से निकटता के कारण, प्रोस्टेट कैंसर विभिन्न प्रकार के मूत्र लक्षणों के साथ हो सकता है, विशेष रूप से प्रारंभिक अवस्था में। इसके आकार और स्थान के आधार पर, एक ट्यूमर मूत्रमार्ग पर दबाव डाल सकता है और पेशाब को रोक सकता है।

 

प्रोस्टेट कैंसर के शुरूआती संकेत और लक्षणों में पेशाब के दौरान जलन या दर्द होना, पेशाब करने में कठिनाई, या पेशाब करते समय रुकना और शुरू होना, रात को बार-बार पेशाब आना, मूत्राशय पर नियंत्रण नहीं होना, मूत्र प्रवाह की कमी, पेशाब में खून आना (हेमट्यूरिया), स्पर्म में खून आना, इरेक्शन में परेशानी होना, स्खलन के समय तेज दर्द होना शामिल हैं। 

प्रोस्टेट कैंसर के एडवांस लक्षण

प्रोस्टेट कैंसर फैल सकता है और आसपास के अंगों या हड्डियों में ट्यूमर का बना सकता है। यदि कैंसर रीढ़ में फैलता है, तो यह रीढ़ की हड्डी पर दबाव डाल सकता है जिसे मेटास्टेटिक प्रोस्टेट कैंसर कहते हैं और इसके लक्षणों में पैरों या पेल्विक हिस्से में सूजन होना, कूल्हों, पैरों या पैरों में सुन्नपन या दर्द होना, हड्डी का दर्द होना शामिल हैं।

प्रोस्टेट कैंसर के लक्षण हर किसी में अलग-अलग हो सकते हैं। वैसे प्रोस्टेट कैंसर का सबसे आम पहला संकेत रक्त में पीएसए स्तर में वृद्धि है। नियमित रूप से पीएसए टेस्ट कराने से लक्षणों को जांचने और सही इलाज में मदद मिल सकती है। 

प्रोस्टेट कैंसर का इलाज

इससे पहले कि प्रोस्टेट कैंसर आसपास के हिस्सों या हड्डियों में फैलने लग जाए, इसका निदान बहुत जरूरी है। क्योंकि प्रोस्टेट कैंसर कोशिकाएं अक्सर धीरे-धीरे बढ़ती हैं, कई पुरुषों को तत्काल उपचार की आवश्यकता नहीं हो सकती है। ऐसे मामलों में रोगी पर कड़ी नजर रखना जरूरी है। इस दौरान रोगियों को नियमित रूप से पीएसए टेस्ट, बायोप्सी और अन्य मेडिकल टेस्ट करवाने पड़ते हैं ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि कैंसर बढ़ रहा है या नहीं। आमतौर पर इसके इलाज में सर्जरी, कीमोथेरपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्मोन थेरेपी, इम्मुनोथेरेपी और क्लिनिकल टेस्ट शामिल हैं।

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