सोआ (Dill) एक जड़ी बूटी है जिसे वैज्ञानिक रूप से एनाथुम ग्रेवोलेंस के नाम से जाना जाता है। इस जड़ी बूटी का इस्तेमाल सैकड़ों वर्षों से रसोई और औषधीय उद्देश्यों के लिए किया जाता है। यह पौधा शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है।
इसके इस्तेमाल से आपको पाचन, आंतों की गैस, जिगर की समस्याएं, पित्ताशय की थैली, बवासीर, संक्रमण, मासिक धर्म की ऐंठन और अनिद्रा जैसी गंभीर बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। 100 ग्राम सोआ में लगभग 43 कैलोरी, 3.5 ग्राम प्रोटीन, 7 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और लगभग 2 ग्राम फाइबर होता है जबकि फैट सिर्फ 1 ग्राम ही पाया जाता है।
1) डायबिटीज कंट्रोल करने में सहायकसोआ में डायबिटीज कंट्रोल करने की क्षमता होती है। इसमें कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स पाया जाता है, जो सीरम लिपिड्स और इंसुलिन लेवल में उतार चढ़ाव को कम करने में मदद करता है। यह आपके शरीर में ब्लड शुगर लेवल को प्रभावी रूप से नियंत्रित कर सकता है।
2) इम्युनिटी सिस्टम को बनाता है मजबूत इसके पोषक तत्व शरीर में इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में सहायक होते हैं। यदि आप बार-बार संक्रमण का शिकार होते हैं तो इसका मतलब यह है कि आपका प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर है। लेकिन सोआ का इस्तेमाल करके आप अपनी प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ा सकते हैं।
3) इन्फेक्शन से बचाने में मददगारइस औषधीय पौधे में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। यह आंतरिक अंगों के साथ-साथ बाहरी चोट, घाव और कट आदि में संक्रमण को रोकने में मदद करता है। सोआ के ये गुण शरीर को विभिन्न संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं।
4) कब्ज और बवासीर का रामबाण इलाजसोआ में फाइबर की उच्च मात्रा होती है साथ ही इसमें कुछ फ्लैवोनोइड्स भी होते हैं जो जीवाणुनाशक के रूप में जाने जाते हैं। इसके अलावा सोआ मैग्नीशियम जैसे खनिज पदार्थों का स्रोत होता है। यदि आपको पेट से संबंधित किसी प्रकार की बीमारी जैसे दस्त, कब्ज, पेट दर्द, बवासीर आदि है तो यह आपकी मदद कर सकता है।
5) हड्डियों को बनाता है मजबूतयह पौधा कैल्शियम का भंडार है और कैल्शियम हड्डियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। सोआ में यह पर्याप्त मात्रा में होता है, जो आपकी हड्डियों के विकास में मदद करता है। नियमित रूप से सोआ का सेवन करने पर यह आपकी हड्डियों की चोटों का उचित उपचार कर सकता है। इसके अलावा यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों को भी रोक सकता है।