लाइव न्यूज़ :

Diabetes T‬ips: महिलाओं और पुरुषों में डायबिटीज के इन 9 लक्षणों को समझें, जानिये किसे है ज्यादा खतरा

By उस्मान | Updated: June 25, 2021 09:23 IST

डायबिटीज महिला और पुरुष को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करती है, लक्षणों को समझें और बचाव करें

Open in App
ठळक मुद्देडायबिटीज महिला और पुरुष को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करती हैडायबिटीज के लक्षणों को समझें और बचाव करेंकोरोना काल में डायबिटीज के मरीज रहे सतर्क

टाइप 2 डायबिटीज एक मेटाबोलिक डिसऑर्डर है जो सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित करता है। देश में 77 मिलियन से अधिक लोग इसका शिकार हैं। इसमें शरीर में इंसुलिन के स्राव कम हो जाता है जिससे ब्लड ग्लूकोज बढ़ने लगता है, जिसे हाइपरग्लाइसेमिक भी कहा जाता है। 

यह बाद में शरीर में चयापचय को प्रभावित करता है और सूजन भी पैदा करता है। टाइप 2 डायबिटीज का पूरे शरीर पर व्यापक प्रभाव पड़ता है जिसके कारण यह पुरुषों और महिलाओं को अलग तरह से प्रभावित करता है।

टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम ज्यादा किसे है?

अध्ययनों से पता चलता है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को डायबिटीज होने का खतरा अधिक होता है। यह टेस्टोस्टेरोन की उपस्थिति के कारण होता है। टेस्टोस्टेरोन पुरुषों में मांसपेशियों और बालों के विकास, मुखर परिवर्तन और जननांग विकास को उत्तेजित करता है। 

यह उनके शरीर में जीवन भर बड़ी मात्रा में मौजूद रहता है जो शुक्राणु के उत्पादन और कामेच्छा को बनाए रखने में मदद करता है। लेकिन यह हार्मोन उनके शरीर में वसा के जमाव से भी जुड़ा होता है, विशेष रूप से आंत की चर्बी से। 

कई अध्ययनों से पता चलता है कि आंत का वसा सीधे टाइप 2 डायबिटीज के विकास से जुड़ा हुआ है, जिससे पुरुषों में इस पुरानी बीमारी के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है। महिलाओं में भी कुछ मात्रा में टेस्टोस्टेरोन होता है, जो विशेष रूप से रजोनिवृत्ति के बाद हार्मोन के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।

महिला और पुरुषों में डायबिटीज के लक्षणों में अंतर

ब्लड ग्लूकोज लेवल में वृद्धि आपके शरीर को एक से अधिक तरीकों से प्रभावित करती है। टाइप 2 डायबीटीज के सामान्य लक्षणों में लगातार प्यास लगना, लगातार पेशाब आना, थकान, चक्कर आना और वजन कम होना शामिल हो सकते हैं। 

ये सामान्य लक्षण हैं, जो पुरुषों और महिलाओं दोनों में देखे जाते हैं। इसके अलावा, पुरुषों को मांसपेशियों और जननांगों का नुकसान हो सकता है। इसके अतिरिक्त, महिलाओं को अक्सर जेनेटियल यीस्ट इन्फेक्शन, मूत्र पथ के संक्रमण और पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम की समस्याओं का अनुभव होता है।

यदि स्थिति को समय पर प्रबंधित नहीं किया जाता है, तो टाइप 2 डायबिटीज के कारण न्यूरोपैथी, रेटिनोपैथी, हृदय रोग और गुर्दे की बीमारी भी हो सकती है।

गंभीर जटिलताओं का खतरा किसे है ?

हालांकि पुरुषों में टाइप 2 डायबिटीज होने का जोखिम अधिक होता है, लेकिन महिलाओं में गंभीर जटिलताएं विकसित होने की संभावना अधिक होती है। एक बार जब महिलाएं टाइप 2 डायबिटीज का शिकार हो जाती हैं, तो उन्हें हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी, स्ट्रोक और अवसाद या चिंता जैसी स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएं होने का खतरा होता है।

डायबिटीज और कोरोना

डायबिटीज से पीड़ित लोगों में भी कोरोना के संपर्क में आने के बाद गंभीर जटिलताएं विकसित होने की संभावना अधिक होती है। हाई ब्लड ग्लूकोज और अनकंट्रोल डायबिटीज के मामले में यह जोखिम अधिक है। एक छोटे से अध्ययन से पता चलता है कि अधिक डायबिटीज वाले पुरुषों को SARS-CoV-2 से संक्रमित होने पर मृत्यु का अधिक जोखिम होता है। 

टॅग्स :डायबिटीजडायबिटीज डाइटहेल्थ टिप्सकोरोना वायरसमेडिकल ट्रीटमेंट
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत