Coronavirus: कोरोना काल में 51.6 फीसदी लोगों में दिखे डिप्रेशन के लक्षण, रिसर्च का दावा

By प्रिया कुमारी | Updated: June 14, 2020 18:12 IST2020-06-14T17:48:17+5:302020-06-14T18:12:44+5:30

Coronavirus: कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के कारण सामाजिक दूरी होने के कारण यूथ में डिप्रेशन के लक्षण देखने को मिले हैं। रिसर्च में पता चला है कि 51 प्रतिशत युवाओं मेें डिप्रेशन के लक्षण देखने को मिले हैं।

depression Symptoms seen in 51.6 percent of people during Coronavirus period, research claims | Coronavirus: कोरोना काल में 51.6 फीसदी लोगों में दिखे डिप्रेशन के लक्षण, रिसर्च का दावा

कोरोना काल में 51.6 प्रतिशत लोगों में दिखे डिप्रेशन के लक्षण

Highlightsकोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन ने लोगों को एक दूसरे से दूर कर दिया है।कोरोना काल में 51.6 प्रतिशत लोगों में दिखे डिप्रेशन के लक्षण दिखने को मिले है।

कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन ने लोगों को एक दूसरे से दूर कर दिया है। खास कर युवा अपने दोस्तों से दूर हो गए हैं। इसी बीच एक रिसर्चर ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है। रिसचर्स ने कहा है कि सरकार को इस पर सोचना चाहिए है और इसके लिए उपाय निकालना चाहिए। लैंसेट चाइल्ड एंड अडोलेसेंट हेल्थ जर्नल में एक राय के लेखक के अनुसार 10 से 24 साल की उम्र के बीच साथियों के साथ बातचीत करना मस्तिष्क के विकास और आत्म-भावना के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।

पहले के अध्ययनों ने संकेत दिया है कि इस अवधि के दौरान सामाजिक संपर्क कम होने से दीर्घकालिक हानिकारक प्रभाव पड़ सकते हैं। 51.6 फिसदी लोग मानसिक अवसाद से ग्रस्त हो चुके हैं। शोध के अनुसार सामान्य आबादी में मानसिक अवसाद की दर 5 फिसदी है। लेकिन 15 फिसदी लोग किसी न किसी मानसिक विकार की जद में हैं। लेकिन कोरोना संकट और लॉकडाउन के दौरान ये समस्या गंभीर होती नजर आ रही है। 


रिसर्च के अनुसार लोगों की मानसिक स्थिति का आकलन करने के लिए कुछ सवाल पूछे गए। जैसे उत्साह न होना खुशी का अहसास न होना, निसहाय महसूस करना, नींद कम या ज्यादा आना।

थकान या एनर्जी की कमी,  होना भूख कम या ज्यादा लगना। अपने बारे में बुरा महसूस करना साथ ही परिवार पर बोझ समझना, टीवी देखते या किसी भी चीज को पढ़ते समय ध्यान नहीं पाना। बार बार ख्याल आता कि मर जाता तो अच्छा होता। खुद को नुकसान पहुंचाना। 

ये अध्ययन 478 लोगों पर किया गया है। हालांकि ये आंकड़ें कम हैं लेकिन रिसर्च को नकारा नहीं जा सकता। मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम को सामुदायिक स्तर पर मजबूत बनाकर आने वाले दिनों में इस समस्या को दूर किया जा सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना से उत्पन्न स्थिति और लॉकडाउन के कारण पैदा हुए दूसरे किस्म की परेशानीयों के प्रभाव को उजागर करता है। इसके लिए जरूरी है कि लोगों को मानसिक इलाज देने के लिए सोचना चाहिए। वरना आने वाले दिनों हालात और भी खराब हो सकते हैं और इसमें इजाफा देखने को मिल सकता है। 

डिप्रेशन के शुरुआती लक्षण

डिप्रेशन शुरुआत में पता नहीं चलता लेकिन धीरे-धीरे आपको काफी कमजोर बना देता है। डिप्रेशन को मजाक में ना ले और इलाज के लिए मनोवैज्ञानिक से मिले। शुरुआती लक्षण होते हैं कि सोने के दौरान काफी कठिनाई होना प्रांरभिक संकेत होते हैं। रात में दौरान बेचैनी और सुबह उठने की इच्छा नही होना शांतिपूर्ण दिमाग के लिए रोडब्लॉक हैं।

हर कदम पर भ्रमित होने की प्रवृति धीमी सोच और बार-बार भूलने की डिप्रेशन के संकेत साबित होते हैं। अत्यधिक चिंता और अधिक सोचना हर समय कम आत्म-सम्मान का कारण बन सकता है।

Web Title: depression Symptoms seen in 51.6 percent of people during Coronavirus period, research claims

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