भारतीय वैज्ञानिकों का दावा, इन 3 तरह के ब्लड ग्रुप वाले लोगों को है कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा खतरा

By उस्मान | Published: December 1, 2021 10:51 AM2021-12-01T10:51:54+5:302021-12-01T10:53:51+5:30

वैज्ञानिकों ने यह भी बताया है कि कुछ ब्लड ग्रुप वालों को कोरोना वायरस का कम जोखिम होता है

covid prevention: Indian scientist claim, People with A, B blood groups and Rh+ more vulnerable to Covid-19 | भारतीय वैज्ञानिकों का दावा, इन 3 तरह के ब्लड ग्रुप वाले लोगों को है कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा खतरा

कोरोना वायरस अपडेट

Highlightsकुछ ब्लड ग्रुप वालों को कोरोना का अधिक जोखिमदिल्ली के एक अस्पताल के डॉक्टरों ने किया अध्ययनअध्ययन 'फ्रंटियर्स इन सेल्युलर एंड इंफेक्शन माइक्रोबायोलॉजी' में प्रकाशित

इन दिनों कोरोना वायरस के नए घातक रूप ओमीक्रोन को लेकर पूरी दुनिया में दहशत का माहौल बना हुआ है। इस बीच एक नए अध्ययन में पता चला है कि ब्लड ग्रुप ए, बी और आरएच फैक्टर (रीसस फैक्टर) पॉजिटिव वाले लोगों को कोरोना वायरस का सबसे अधिक खतरा है। हालांकि ब्लड ग्रुप एबी और आरएच निगेटिव वाले लोगों को इसका कम खतरा है।

यह अध्ययन दिल्ली के एक अस्पताल, सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा किया गया है। अस्पताल ने कुल 2,586 कोविड पॉजिटिव रोगियों पर शोध किया। उन्होंने पीसीआर (आरटी-पीसीआर) के माध्यम से 2020 में 8 अप्रैल से 4 अक्टूबर तक अस्पताल में भर्ती मरीजों का परीक्षण किया।

अध्ययन एसजीआरएच में अनुसंधान विभाग और रक्त आधान चिकित्सा विभाग द्वारा किया गया था। इसे 'फ्रंटियर्स इन सेल्युलर एंड इंफेक्शन माइक्रोबायोलॉजी' के 21 नवंबर के संस्करण में प्रकाशित किया गया।

अध्ययन में कहा गया है कि 'ए, बी और आरएच + ब्लड ग्रुप वाले लोग कोविड-19 संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, जबकि (ओ, एबी और आरएच) वालों को कम जोखिम होता है। शोध में यह भी दावा किया गया है कि ब्लड ग्रुप और बीमारी की गंभीरता के साथ-साथ मृत्यु दर के बीच कोई संबंध नहीं है।

आरएच फैक्टर या रीसस फैक्टर एक प्रोटीन है जो लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) की सतह पर मौजूद होता है। सीधे शब्दों में कहें तो ब्लड ग्रुप के आगे पॉजिटिव या नेगेटिव साइन आरएच फैक्टर को दर्शाता है। इसलिए आपका ब्लड टाइप पॉजिटिव है, तो इसका मतलब है कि रक्त कोशिकाओं में आरएच प्रोटीन होता है। यदि आपका ब्लड टाइप निगेटिव है, तो रक्त कोशिकाओं में आरएच प्रोटीन की कमी होती है।

अस्पताल में अनुसंधान विभाग के सलाहकार डॉ रश्मि राणा ने बताया कि कोरोना वायरस एक नया वायरस है और यह स्पष्ट नहीं है कि रक्त समूहों का कोविड-19 जोखिम या प्रगति पर कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं। इसलिए हमने कोविड-19 संवेदनशीलता, पूर्वानुमान के साथ एबीओ और आरएच रक्त समूह के संबंध की जांच की।

देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मामले 547 दिन बाद एक लाख से कम

भारत में कोविड-19 के 8,954 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कोरोना वायरस के कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,45,96,776 हो गई। वहीं देश में 547 दिन बाद कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या बुधवार को एक लाख से कम हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की जारी अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, 267 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 4,69,247 हो गई।

देश में लगातार 54 दिन से कोविड-19 के दैनिक मामले 20 हजार से कम हैं और 156 दिन से 50 हजार से कम दैनिक मामले सामने आ रहे हैं। मंत्रालय ने बताया कि उपचाराधीन मरीजों की संख्या 99,023 है, जो कि कुल मामलों का 0.29 फीसदी है और यह मार्च, 2020 के बाद से सबसे कम है। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर स्वस्थ होने की दर 98.36 फीसदी है, जो कि मार्च, 2020 के बाद से सबसे ज्यादा है।

पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 1,520 की कमी आई है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितंबर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितंबर को 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख के पार चले गए थे। देश में 19 दिसंबर को ये मामले एक करोड़ के पार, इस साल चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।

Web Title: covid prevention: Indian scientist claim, People with A, B blood groups and Rh+ more vulnerable to Covid-19

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