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COVID medicine India: कुछ हफ्तों में लॉन्च होगी कोरोना की दवा, एक गोली कीमत हो सकती है 25-50 रुपये, जानें कितनी असरदार है दवा

By उस्मान | Updated: November 13, 2021 15:12 IST

बताया जा रहा है कि पूरे उपचार की कीमत 500-1000 रुपये हो सकती है

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ठळक मुद्देभारत में मोल्क्सवीर (Molxvir) नाम से बिकेगी कोरोना की दवादवा कंपनी सन फार्मा लॉन्च करेगी दवापूरे उपचार की कीमत 500-1000 रुपये हो सकती है

भारत में कोरोना वायरस की दवा आने वाले कुछ हफ्तों में लॉन्च हो सकती है और पूरे उपचार की कीमत 500-1000 रुपये होने का अनुमान है। इस दवा को अमेरिकी दवा कंपनी मर्क एंड रिजबैक बायोथेराप्यूटिक्स द्वारा विकसित किया गया है। यह कोरोना की पहली मौखिक गोली है।

कोरोना वायरस की गोली का नाम का नाम मोलनुपिरवीर (Molnupiravir) है जोकि एक एंटीवायरल दवा है। गोली के शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि यह अस्पताल में भर्ती होने की संख्या को आधा कर सकती है।

पिछले हफ्ते ब्रिटेन इस दवा को मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया। इस दवा को कोविड पॉजिटिव आने और लक्षणों की शुरुआत के पांच दिनों के भीतर लेने की सिफारिश की गई है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के सूत्रों से पता चला है कि नियामक इस सप्ताह की शुरुआत में दवा के आपातकालीन उपयोग पर अपना फैसला दे सकता है क्योंकि यह भारत में लगभग 700 रोगियों के डेटा की समीक्षा के अंतिम चरण में है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आने वाले हफ्तों में मौखिक कोविड-19 गोली को लॉन्च किया जा सकता है. विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दवा की कीमत 25-50 रुपये प्रति टैबलेट होगी। एक मरीज को पांच दिनों के उपचार के दौरान 15-20 गोलियां लेनी होंगी।

अधिकारी के अनुसार, 'हम उम्मीद कर रहे हैं कि प्रत्येक रोगी के लिए इस दवा के एक कोर्स की लागत केवल 500-1000 रुपये हो सकती है जो बहुत सस्ती होगी।' 

भारत में दवा बनाने के लिए लाइसेंस प्राप्त कंपनियों में से एक सन फार्मा है. कंपनी ने ने गुरुवार को कहा कि फर्म इसे 'किफायती कीमत' मोल्क्सवीर (Molxvir) नाम से लॉन्च करेगी।

सन फार्मा, डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज, नैटको, हेटेरो फार्मा और अरबिंदो फार्मा सहित आठ कंपनियों ने दवा के जेनेरिक संस्करणों के उत्पादन के लिए स्वैच्छिक लाइसेंसिंग समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं और उन्होंने अब आरईयू के लिए आवेदन किया है।

इसके अलावा अमेरिकी फार्मास्युटिकल कंपनी फाइजर ने भी एक एंटीवायरल गोली पैक्सलोविड (Paxlovid) बनाई है. फाइजर की एंटीवायरल गोली के बारे में बताया जा रहा है कि यह कोरोना के जोखिम को कम करके अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु की संभावना को 89 प्रतिशत की कम कर सकती है।

फाइजर की पैक्सलोविड और मर्क की मोलनुपिरवीर दोनों गोलियों को मौखिक रूप से लिया जा सकेगा। निवारक उपाय के रूप में कोई भी गोली नहीं ली जा सकती है। इसका सेवन केवल उन लोगों को करना है, जिन्हें कोरोना पॉजिटिव है और लक्षण दिख रहे हैं।

फाइजर की पैक्सलोविड के क्लिनिकल परीक्षण में हल्के से मध्यम कोविड-19 के 1,219 रोगियों की जांच की गई और इस गोली ने वयस्कों के लिए अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु की संभावना को 89 प्रतिशत तक कम कर दिया।

पैक्सलोविड लेने वाले रोगियों में, 0.8 प्रतिशत अस्पताल में भर्ती थे, और 28 दिनों के उपचार के बाद किसी की मृत्यु नहीं हुई। मर्क निर्मित मोलनुपिरवीर को 775 रोगियों को प्रशासित किया गया, जिन्होंने कोविड-19 के लिए सकारात्मक परीक्षण किया।

मोलनुपिरवीर प्राप्त करने वाले रोगियों में, केवल 7.3 प्रतिशत अस्पताल में भर्ती थे और किसी ने भी घातक संक्रमण विकसित नहीं किया था। फाइजर पैक्सलोविड की तीन गोलियां कोविड-19 के निदान वाले रोगियों को दिन में दो बार दी जानी चाहिए। गोलियों को संक्रमण की शुरुआत के तीन से पांच दिनों के भीतर प्रशासित किया जाना चाहिए।

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