Covid effect: ठीक होने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ रहा कोरोना, ठीक हुए मरीजों के लीवर में मिले फोड़े

By उस्मान | Updated: July 24, 2021 12:31 IST2021-07-24T12:31:41+5:302021-07-24T12:31:41+5:30

कोरोना से ठीक होने के बाद भी लोगों को कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है

Covid effect:covid long term effects, long covid symptoms, post covid symptoms in Hindi | Covid effect: ठीक होने के बाद भी पीछा नहीं छोड़ रहा कोरोना, ठीक हुए मरीजों के लीवर में मिले फोड़े

कोरोना के दुष्प्रभाव

Highlightsकोरोना से ठीक होने के बाद भी लोगों को कई गंभीर समस्याओं का खतराकई अंगों को नुकसान पहुंचा रहा है कोरोना वायरसठीक होने के कई हफ्तों या महीनों तक रहे सकते हैं लक्षण

कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त होने वाले 14 मरीजों के यकृत में ‘असमान्य बड़े’ और कई फोड़े पाए गए। इनमें से एक मरीज की पेट में अत्यधिक रक्त स्राव से मौत हो गई। कोविड-19 के उपचार के दौरान 14 मरीजों में से आठ को स्टेरॉइड की खुराक दी गई थी। 

राजधानी दिल्ली के एक प्रमुख निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि यकृत में फोड़े (लीवर में मवाद बनना) आम तौर पर एंटअमीबा हिस्टोलिटिका नामक परजीवी की वजह से होते हैं, जो दूषित भोजन और जल की वजह से संचारित होता है। 

डॉक्टरों ने बताया कि ये मरीज (10 पुरुष और चार महिला) 28-74 आयु वर्ग के हैं और इन्हें पिछले दो महीनों में अस्पताल में लाया गया था। अस्पताल के एक प्रवक्ता ने बताया, 'हमने दो महीनों में कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त होने वाले 14 मरीजों में पहली बार यकृत (लीवर) में इस तरह के असमान्य बड़े फोड़े देखे।' 

डॉक्टरों को संदेह है कि खराब पोषण और स्टेरॉइड की खुराक लेने से मवाद बनी और यकृत को नुकसान पहुंचा। सर गंगा राम अस्पताल के लीवर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड पैन्क्रियाटिकबिलरी साइंसेज के अध्यक्ष डॉक्टर अनिल अरोड़ा ने बताया कि कोविड-19 से मुक्त होने के 22 दिन के भीतर यकृत के दोनों हिस्सों के बड़े दायरे मवाद से भर गए। 

ऐसी स्थिति में मरीज को अस्पताल में भर्ती करने और मवाद को बाहर निकलने की प्रक्रिया की जरूरत थी। इनमें से 13 मरीजों की जान तो बच गई लेकिन एक मरीज की मौत पेट में अत्यधिक रक्त स्राव की वजह से हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि ये सभी मरीज बुखार से पीड़ित थे और इन्हें पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द की भी शिकायत थी। 

अरोड़ा ने बताया कि इनमें से आठ मरीजों को कोविड-19 इलाज के दौरान स्टेरॉइड की खुराक दी गई थी। डॉक्टरों ने बताया कि खराब पोषण लेने वाले , एचआईवी और कैंसर के मरीजों में कमजोर प्रतिरोधक क्षमता और स्टेरॉइड के इस्तेमाल से अमीबा फोड़ों की समस्या पैदा करता है।  

देश में कोरोना के मामले 3.13 करोड़ पार 
देश में शनिवार को कोविड-19 के 39,097 मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामले 3,13,32,159 हो गए हैं जबकि 546 और मरीजों की मौत के साथ मृतक संख्या 4,20,016 हो गई। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सुबह आठ बजे अद्यतन किए गए आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़ कर 4,08,977 हो गई है जो कुल मामलों का 1.34 प्रतिशत है जबकि बीमारी से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 97.35 प्रतिशत है। 

एक दिन में उपचाराधीन मामलों में 3,464 मरीज बढ़ गए हैं। इसके अलावा, कोविड-19 की जांच के लिए शुक्रवार को 16,31,266 जांचें की गईं जिसके बाद देश में अब तक कुल 45,45,70,811 नमूनों की जांच की जा चुकी है जबकि दैनिक संक्रमण दर 2.40 प्रतिशत दर्ज की गई है। 

यह दर 33 दिनों से लगातार तीन प्रतिशत से कम दर्ज की जा रही है। साप्ताहिक संक्रमण दर 2.22 प्रतिशत दर्ज की गई। आंकड़ों में बताया गया कि बीमारी से स्वस्थ होने वालों की संख्या बढ़कर 3,05,03,166 हो गई है जबिक इससे मृत्यु दर 1.34 प्रतिशत है। देश में कोविड-19 टीके की अब तक 42.78 खुराकें दी जा चुकी हैं। 

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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