देश दुनिया में कोरोना वायरस की तीसरी लहर की संभवनाएं जताई जा रही है। कोरोना की तीसरी की संभावनाओं के बीच एक आशंका यह भी जताई जा रही है कि ये बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। ऐसे में बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन के लिए तेजी से काम किया जा रहा है।
वहीं इस बीच अच्छी खबर ये है कि अगले दो हफ्तों में जायडस कैडिला की वैक्सीन को इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी मिल सकती है। नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ पॉल ने बताया कि, ये वैक्सीन 12 से 18 साल के बच्चों के लिए 67 फीसदी तक कारगर है। जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन का 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों पर ट्रायल भी हो चुका है। अब जल्द ही डीसीजीआई से अनुमति मिलने की उम्मीदें जताई जा रही हैं।
बता दें कि जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन जाइकोव डी का तीसरे चरण का ट्रायल पूरा हो चुका है। कैडिला ने कोरोना की वैक्सीन के लिए सीडीएससीओ यानी सेंट्रल ड्रग स्टैण्डर्ड कंट्रोल आर्गेनाईजेशन के पास इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है।
कंपनी ने करीब 28 हजार लोगों पर ट्रायल पूरा करने के बाद इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन यानी आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन दिया है। इस पर सीडीएससीओ की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी में डेटा एनालिसिस काम तेजी से चल रहा है। कंपनी की ओर से वैक्सीन ट्रायल का सारा डेटा दे दिया गया है।
तीसरी लहर में बच्चों में कैसे होंगे कोरोना के लक्षणडॉक्टर ने बताया कि बच्चों में कोरोना वायरस के लक्षण बहुत कम नजर आते हैं या बहुत हल्के होते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि तीसरी लहर में भी बच्चों में कम लक्षण नजर आ सकते हैं। हालांकि कई मामलों में मध्यम से गंभीर लक्षण भी देखने को मिले हैं।
बच्चों के संक्रमित होने पर क्या करेंवैसे तो बच्चों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आते लेकिन आपको फिर भी उनके लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए। संक्रमित होने के दो से छह हफ्ते के बीच बच्चों में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस) के लक्षण नजर आ सकते हैं। इसके लक्षण महसूस होने पर आपको तुरंत इलाज शुरू करा देना चाहिए।
हल्के लक्षणों में क्या करेंअगर बच्चे में हल्के लक्षण हैं और उसकी उम्र दस साल से ज्यादा है, तो उसे घर में अलग रखें और उस दौरान कोरोना नियमों का पालन करें। खासकर डाइटका ध्यान रखें। अगर लक्षण गंभीर हो रहे हैं, तो तुरंत अस्पताल जाना चाहिए।
घर में बच्चों को किस तरह का खाना देंहोम आइसोलेशन के दौरान बच्चों को हेल्दी डाइट दें और उसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होनी चाहिए। इसके अलावा बच्चों को तरल पदार्थों की कमी न होने दें। डायरिया या दस्त जैसी समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
गंभीर लक्षण के मामले में क्या करें अगर बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो रही है, भूख की कमी है, नाक की समस्या है, ऑक्सीजन की कमी है, पेट की गड़बड़ के लक्षण हैं, तो ऐसे में आपको अस्पताल जाना चाहिए।
बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए क्या करें बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए चार चीजें बहुत जरूरी हैं जिसमें हेल्दी डाइट, नींद, एक्सरसाइज और मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना शामिल है। जंक फूड से बचें, हाइड्रेट रहें, पर्याप्त नींद लें, रोजाना एक्सरसाइज करें।
इन बातों का रखें ध्यान बच्चों में तनाव या चिंता पैदा न होने दें, उनसे बात करें, उनके साथ समय बिताएं। उन्हें महामारी के बारे में बताएं। उनका टीवी देखना कम करें और अपना समय दें। परिवार के कामों में व्यस्त रखें, घर के बाहर न जाने दें। किसी भी लक्षण या परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।