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COVID 3rd wave: मामले कम होते ही फिर बदले कोरोना के लक्षण, अब मरीजों में दिख रहे हैं ये 2 अजीब लक्षण

By उस्मान | Updated: November 12, 2021 16:19 IST

कोरोना वायरस के मामले बेशक कम होने लगे हैं मगर अब कोरोना ने अपने लक्षण भी बदलने शुरू कर दिये हैं जिससे इसकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है

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ठळक मुद्देकोरोना ने अपने लक्षण भी बदलने शुरू कर दिये हैं जिससे इसकी पहचान करना मुश्किल हो रहा किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें, तुरंत टेस्ट कराएंकोरोना को हल्के में न लें, डॉक्टर की सलाह लें

कोरोना वायरस के नए मामलों में तेजी से कमी आ रही है लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। मामले कम होते ही कोरोना ने एक बार फिर अपना रंग बदलना शुरू कर दिया है। कोरोना के लक्षण फिर बदलने लगे हैं। 

डॉक्टरों का कहना है कि दूसरी लहर के बाद से रोगियों में कोरोना के लक्षण काफी बदल गए हैं, जिससे संक्रमण का पता लगाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बड़ी संख्या में रोगियों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है। इसके बाद मरीजों में गंभीर लक्षण नजर नहीं आ रहे।

डॉक्टर उन लोगों को भी टेस्टिंग कराने की सलाह नहीं दे रहे, जिनके लक्षण हल्के हैं। इसका नुकसान यह हो रहा है कि कोरोना के कई मामले दर्ज नहीं हो रहे हैं। एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि वायरस ने लक्षण बदल लिए हैं। अब देखा जा रहा है कि एक ही परिवार के कई सदस्य खांसी और सर्दी से पीड़ित पाए जा रहे हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों का मानना है कि मौसम बदलने के दौरान खांसी और जुकाम होना आम है, इसलिए शुरू में ऐसा लग रहा है कि यह सामान्य फ्लू है। लेकिन जब परिवार के और सदस्य इसी तरह के लक्षणों का सामना कर रहे हैं, तो हमें संदेह होने लगा कि इसमें और भी कुछ हो सकता है। 

इसके अलावा ठीक होने के बाद बहुत से मरीजों में कुछ लक्षण बने हुए हैं और उन्हें स्वाद और गंध की कमी का अनुभव हो रहा है। यह आमतौर पर फ्लू की शुरुआत के आठवें या नौवें दिन के आसपास होता है।

डॉक्टरों ने कहा है कि हम लक्षणों में महत्वपूर्ण बदलाव देख रहे हैं। पहली और दूसरी लहर के विपरीत जब कोविड रोगियों को सूखी खांसी का अनुभव हुआ, अब यह गीली खांसी या कफ पैदा करने वाली खांसी है। इसके अलावा, पहले मध्यम और उच्च श्रेणी के तापमान के विपरीत, रोगी अब निम्न-श्रेणी के तापमान से पीड़ित हैं।

डॉक्टरों का सुझाव डॉक्टर मानते हैं कि एक ओर जहां कोविड का डर खत्म हो गया है, वहीं लोग बुखार को हल्के में ले रहे हैं जैसा कि उन्होंने पहले किया था। यह खतरे की निशानी हो सकती है. बहुत से लोग बुखार से पीड़ित हैं। उनमें से एक तिहाई लोग कोविड के मरीज हैं जबकि अन्य को मलेरिया और डेंगू है और बाकी को छाती में संक्रमण है।

देश में 267 दिन में कोविड-19 के सबसे कम उपचाराधीन मामलेभारत में एक दिन में कोविड-19 के 12,516 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,44,14,186 हो गई। वहीं, उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर 1,37,416 हो गई, जो 267 दिन में सबसे कम है। 

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, संक्रमण से 501 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,62,690 हो गई। केरल सरकार की ओर से बृहस्पतिवार को जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य में सामने आए 419 मामलों में से 47 पिछले कुछ दिनों में सामने आए। वहीं, मौत के 372 मामलों को केन्द्र तथा उच्चतम न्यायालय के नए दिशानिर्देशों के आधार पर कोविड-19 से मौत के मामलों में जोड़ा गया है। 

आंकड़ों के अनुसार, देश में लगातार 35 दिन से कोविड-19 के दैनिक मामले 20 हजार से कम हैं और 138 दिन से 50 हजार से कम दैनिक मामले सामने आ रहे हैं। उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी घटकर 1,37,416 हो गई है, जो कुल मामलों का 0.40 प्रतिशत है। यह दर मार्च 2020 के बाद से सबसे कम है। 

पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 1,140 की कमी दर्ज की गई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.26 प्रतिशत है, जो मार्च 2020 के बाद से सर्वाधिक है। दैनिक संक्रमण दर 1.07 प्रतिशत है, जो पिछले 39 दिनों से दो प्रतिशत से कम है। वहीं, साप्ताहिक संक्रमण दर 1.10 प्रतिशत है, जो पिछले 49 दिन से दो प्रतिशत से कम बनी हुई है। 

अभी तक कुल 3,38,14,080 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं, जबकि मृत्यु दर 1.34 प्रतिशत है। राष्ट्रव्यापी टीकाकरण मुहिम के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 110.79 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं।  

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