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COVID-19 vaccine: Pfizer की कोरोना वैक्सीन 90% असरदार, जानिये कब आएगा टीका

By उस्मान | Updated: November 10, 2020 10:10 IST

कोरोना वायरस वैक्सीन : इस वैक्सीन के पिछले चरणों के परिणाम साकारात्मक रहे हैं

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ठळक मुद्देफाइजर ने इस वैक्सीन को जर्मन बायोटेक फर्म के साथ मिलकर विकसित किया इस महीने के अंत में एफडीए द्वारा एक टीके की समीक्षा की जाएगीइमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मिल सकती है मंजूरी

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच अमेरिकी दवा निर्माता फाइजर ने कोविड-19 वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल्स का प्रारंभिक डेटा जारी किया है। कंपनी का दावा है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन 90 फीसदी से अधिक प्रभावी पाई गई है।

फाइजर ने इस वैक्सीन को जर्मन बायोटेक फर्म के साथ मिलकर विकसित किया है। कंपनी का कहना है कि इस महीने के अंत में अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा एक टीके की समीक्षा की जाएगी। इसमें वैक्सीन को इमरजेंसी में इस्तेमाल करने की मंजूरी भी ली जा सकती है। 

Pfizer और BioNTech ने किस प्रकार का टीका विकसित किया है?

यह एक वैक्सीन है जिसे एमआरएनए (mRNA) तकनीक का उपयोग करके विकसित किया गया है। यह मैसेंजर आरएनए अणुओं का उपयोग करता है जो कोशिकाओं को बताते हैं कि प्रोटीन क्या बनाना है।

एक बार जब एमआरएनए को शरीर में डाला जाता है, तो कोशिकाएं अपने निर्देशों का उपयोग करती हैं। वो स्पाइक प्रोटीन की कॉपी बनाती हैं जिससे बदले में प्रतिरक्षा कोशिकाओं को इससे लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाने का काम करती हैं। 

कब आएगा कोरोना का टीका

कंपनी द्वारा की गयी घोषणा का यह मतलब नहीं है कि टीका जल्द आ जाएगा। स्वतंत्र तौर पर डाटा के विश्लेषण से यह अंतरिम निष्कर्ष निकला है। अध्ययन के तहत अमेरिका और पांच अन्य देशों में करीब 44,000 लोगों को शामिल किया गया। 

फाइजर ने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया है और कहा है कि अध्ययन के अंत तक परिणाम में बदलाव हो सकता है। फाइजर के क्लीनिकल डेवलपमेंट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ बिल ग्रूबेर ने कहा, 'हम अभी किसी तरह की उम्मीद जगाने की स्थिति में नहीं है। हालांकि, हम नतीजों से काफी उत्साहित हैं।' 

फाइजर और जर्मनी की उसकी सहायक कंपनी बायोएनटेक भी कोविड-19 से रक्षा के लिए टीका तैयार करने की दौड़ में है। एक और अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना ने भी कहा है कि इस महीने नियामक खाद्य और औषधि प्रशासन के पास आवेदन दाखिल करने की संभावना है।

इस बीच अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने फाइजर को बधाई दी है। कंपनी की घोषणा के बाद जारी वक्तव्य में बाइडन ने कहा कि ‘‘वह इस महत्वपूर्ण खोज में मदद करने वाले और हमें उम्मीद देने वाले विलक्षण महिलाओं एवं पुरुषों को बधाई देते हैं।’’

स्वतंत्र तौर पर डाटा के विश्लेषण से यह अंतरिम निष्कर्ष निकला है। अध्ययन के तहत अमेरिका और पांच अन्य देशों में करीब 44,000 लोगों को शामिल किया गया। फाइजर ने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया है और कहा है कि अध्ययन के अंत तक परिणाम में बदलाव हो सकता है।

एक और अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना ने भी कहा है कि इस महीने नियामक खाद्य और औषधि प्रशासन के पास आवेदन दाखिल करने की संभावना है। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी फाइजर की घोषणा का स्वागत किया। हालांकि साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी कि नए संभावित टीके ने केवल एक अवरोध पार किया है इसलिए सतर्कता बनाये रखनी होगी। उन्होंने लोगों से लॉकडाउन के नियमों का पालन करने को कहा।

दुनियाभर में कोरोना से 6 लाख से ज्यादा लोगों की मौत

दुनियाभर में अब तक 51,243,488 लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि 1,269,319 लोगों की मौत हो गई है। इससे सबसे ज्यादा अमेरिका प्रभावित हुआ है और यहां संक्रमितों की संख्या 10,421,956 हो गई है और मरने वालों का आंकड़ा 244,448 हो गया है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

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