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Covid vaccine update: बच्चों के लिए टीका सितंबर से, डेल्टा के खिलाफ भी है कारगर, जानें टीके का पूरा अपडेट

By उस्मान | Updated: August 23, 2021 12:42 IST

दो साल से 18 साल तक के बच्चों को टीके की खुराक दिए जाने का ‘ट्रायल’ जारी है

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ठळक मुद्देकिशोरों पर कोविड टीके का अध्ययन करने के लिए आवेदन कियाडेल्टा स्वरूप के खिलाफ कारगर है कोविड टीका बाजार में जल्द उपलब्ध होगा जाइडस कैडिला का कोविड टीका 

राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) की निदेशक प्रिया अब्राहम ने कहा है कि बच्चों के लिए कोविड-19 टीका सितंबर से उपलब्ध हो सकता है और दो साल से 18 साल तक के बच्चों को टीके की खुराक दिए जाने का ‘ट्रायल’ जारी है। 

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के ओटीटी मंच ‘इंडिया साइंस’ को दिए साक्षात्कार में अब्राहम ने कहा कि दो साल से 18 साल की उम्र के बच्चों के लिए दूसरे और तीसरे चरण का ‘क्लिनिकल ट्रायल’ चल रहा है। उन्होंने कहा, “उम्मीद है कि जल्दी ही नतीजे उपलब्ध होंगे और उन्हें नियामक संस्थाओं को सौंपा जाएगा। सितंबर या उसके ठीक बाद हमारे पास बच्चों के लिए कोवैक्सिन टीका उपलब्ध हो सकता है।” 

किशोरों पर कोविड टीके का अध्ययन करने के लिए आवेदन कियादवा निर्माता कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन (जेएंडजे) ने 12 से 17 वर्ष के बच्चों पर अपने कोविड टीके का अध्यन करने के लिए भारतीय दवा नियामक के समक्ष आवेदन दाखिल किया है। अमेरिकी कंपनी ने कहा कि वह अपने कोविड टीके की वैश्विक पहुंच को सुविधाजनक बनाने और बच्चों की अधूरी जरूरतों को पहचानने के लिए प्रतिबद्ध है। 

भारत में जेएंडजे के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने 12 से 17 वर्ष के बच्चों पर कोविड वैक्सीन का अध्ययन करने के लिए 17 अगस्त, 2021 को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएसईओ) के समक्ष आवेदन दाखिल किया है।’’ 

प्रवक्ता ने कहा कि हर्ड इम्युनिटी को प्राप्त करने के लिए यह बहुत जरुरी है कि कोविड-19 वैक्सीन का चिकित्सीय परीक्षण आगे बढ़ता रहे। उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी कोविड वैक्सीन को सभी आयु समूहों के लिए समान रूप से आसान बनाने के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण कार्य के लिए गहराई से प्रतिबद्ध हैं।’’ 

डेल्टा स्वरूप के खिलाफ कारगर है कोविड टीका कोविड-19 के डेल्टा स्वरूप के खिलाफ टीके की दो खुराक काफी प्रभावी हैं। इस बारे में पहले भारत में पता चला और अब ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन में भी इस निष्कर्ष पर पहुंचा गया है। 

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अध्ययन में पाया गया कि फाइजर/बायोएनटेक और ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के टीके नए संक्रमण से बेहतर सुरक्षा देते हैं। इसमें सात लाख से अधिक लोगों पर अध्ययन किया गया। 

ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका टीके का उत्पादन भारत में कोविशील्ड के रूप में हो रहा है। विश्वविद्यालय के नूफील्ड डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन की तरफ से जारी निष्कर्ष में बताया गया, ‘‘फाइजर/बायोएनटेक और ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के टीके नए संक्रमण से अब भी बेहतर सुरक्षा देते हैं, लेकिन अल्फा (जिसकी पहचान पिछले वर्ष इंग्लैंड में हुई थी और ब्रिटेन में यह वैरिएंट चिंता का कारण भी था) की तुलना में प्रभाव कम है।’’ 

बाजार में जल्द उपलब्ध होगा जाइडस कैडिला का कोविड टीका केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने गुजरात में अपनी ‘‘जन आशीर्वाद यात्रा’’ के अंतिम दिन कहा कि जाइडस कैडिला के कोविड टीके ‘‘जाइकोव-डी’’ को भारत के औषधि महानियंत्रक से मिली आपात इस्तेमाल की मंजूरी के बाद कंपनी ने इसका उत्पादन शुरू कर दिया है और यह टीका जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगा। 

मांडविया ने कहा कि जाइडस कैडिला द्वारा निर्मित जाइकोव-डी डीएनए आधारित कोरोना वायरस रोधी दुनिया का पहला टीका है। इसके अनुसार टीके की तीन खुराक दी जाएंगी। उन्होंने कहा, ‘‘ 12 वर्ष की आयु से अधिक के लोग यह टीका लगवा सकते हैं।’’ 

इस टीके को 12 साल व इससे अधिक उम्र के लोगों को दिया जा सकेगा। आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद जाइकोव-डी देश का पहला ऐसा टीका बन गया है जो 12 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के लोगों को भी दिया जा सकेगा।  

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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