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क्या पोलियो वैक्सीन कोरोना के खिलाफ असरदार है?, वैज्ञानिकों ने कहा-भारत में पोलियो टीके ने युवाओं को कोविड-19 से बचाया

By उस्मान | Updated: October 31, 2020 11:13 IST

कोरोना का इलाज : जानिये पोलियो की खुराक कोरोना वायरस के खिलाफ कितनी प्रभावी है

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ठळक मुद्देयह क्रॉस-प्रोटेक्शन नामक एक प्रक्रिया के माध्यम से होता हैओरल पोलियो वैक्सीन द्वारा विकसित प्रतिरक्षा कोरोना से लोगों की रक्षा कर सकती हैभारत में बच्चों के बीच मृत्यु दर केवल 10 प्रतिशत है

भारत में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच एक अच्छी खबर आई है। शोधकर्ताओं को कुछ ऐसे सबूत मिले हैं जिनमें पाया गया है कि भारत में पोलियो की ओरल वैक्सीन से युवाओं की कोरोना वायरस से रक्षा हो रही है। अध्ययन के अनुसार, यह क्रॉस-प्रोटेक्शन नामक एक प्रक्रिया के माध्यम से होता है।

आईबी टाइम की एक रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं के अनुसार, ओरल पोलियो वैक्सीन द्वारा विकसित दीर्घकालिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया भी कोरोना वायरस से लोगों की रक्षा कर सकती है, क्योंकि यह जैविक समानताएं जो वैक्सीन प्रकार I और II वायरस के साथ साझा करती हैं। 

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी से जुड़े शोधकर्ताओं ने कहा, 'पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से तबाही मची हुई है लेकिन भारत में संक्रमित बच्चों के बीच मृत्यु दर केवल 10 प्रतिशत है जोकि बहुत कम है।

अध्ययन के लेखकों ने कहा कि जिन बच्चों को नियमित रूप से विभिन्न टीकों का टीकाकरण हुआ है, उन्होंने सार्स-को-2 के कारण होने वाली बीमारी कोरोना से सुरक्षा मिली है। 

उन्होंने यह भी कहा कि भारत में, बड़े पैमाने पर पोलियो टीकाकरण, बीसीजी टीकाकरण और खसरा टीकाकरण अभियान ने बच्चों के शरीर में कई प्रकार के चर प्रतिजनों के खिलाफ मेमोरी रेस्पोंस स्थापित की हैं।

कोरोना संक्रमितों की संख्या 81 लाख के पार

कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है, लेकिन राहत की बात यह है कि सक्रिय मरीजों की संख्या तेजी से कम हो रही है। इस घातक वायरस की वजह से पूरी दुनिया प्रभावित है। इस बीच भारत में कोरोना के मरीज 81 लाख से पार हो गए हैं। देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के 48,268 नए मामले सामने आए। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई है। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 551 मरीजों की मौत हुई है। अबतक 81,37,119 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमे से 5,82,649 सक्रिय मामले हैं और 74,32,829 लाख ठीक हो गए हैं, जिन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है। वहीं, 1,21,641 मरीजों की मौत हो चुकी है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार देश में 30 अक्टूबर तक कुल 10,87,96,064 नमूनों की जांच की गई, इनमें से 10,67,976 नमूनों की जांच शुक्रवार को की गई। भारत उन कुछ देशों में है जहां रोजाना बड़ी संख्या में जांच की जा रही है। देश में प्रयोगशालाओं के बेहतर नेटवर्क और इस तरह की अन्य सुविधाओं से इसमें पर्याप्त सहायता मिली है।

पिछले एक सप्ताह से लगातार एक हजार से कम लोगों की मौत हो रही है। यह आंकड़ा दो अक्टूबर से 1,100 से कम है। दस राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों- महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, असम, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ठीक हुए मामलों में से 75 प्रतिशत मामले दर्ज किये गये है। 

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