लाइव न्यूज़ :

Covid 3rd wave: कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों में नजर आ सकते हैं ये 5 लक्षण, बचने के लिए करें ये 6 काम

By उस्मान | Updated: August 25, 2021 09:06 IST

Open in App

कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है। एक्सपर्ट्स तीसरी लहर की आशंका भी जता रहे हैं। बताया जा रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर तक आ सकती है। यह भी कहा जा रहा है कि जब तीसरी लहर पीक पर होगी तो रोजाना करीब पांच लाख मामले सामने आ सकते हैं। इसे देखते हुए एक्सपर्ट्स की टीम ने सरकार को अस्पतालों में 23 फीसदी बिस्तर बढ़ाने की सिफारिश की है। 

विशेषज्ञों ने कुछ महीनों में तीसरी लहर की भविष्यवाणी की है जिसमें बच्चों और 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों के सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। 

कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। अस्पतालों में बच्चों के डॉक्टर और बाल चिकित्सा वार्डों में बिस्तरों ई संख्या बढ़ाई जा रही है। ऐसे में सवाल यह है कि माता-पिता को अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए क्या करना चाहिए? 

दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में बाल विकास क्लिनिक के निदेशक डॉ प्रवीण सुमन ने द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि माता-पिता को अपने बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए किन सावधानियों का पालन करना चाहिए और बच्चों के मामले में क्या कदम उठाए जाने चाहिए। 

तीसरी लहर में बच्चों में कैसे होंगे कोरोना के लक्षणडॉक्टर ने बताया कि बच्चों में कोरोना वायरस के लक्षण बहुत कम नजर आते हैं या बहुत हल्के होते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि तीसरी लहर में भी बच्चों में कम लक्षण नजर आ सकते हैं। हालांकि कई मामलों में मध्यम से गंभीर लक्षण भी देखने को मिले हैं। 

बच्चों के संक्रमित होने पर क्या करेंवैसे तो बच्चों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आते लेकिन आपको फिर भी उनके लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए। संक्रमित होने के दो से छह हफ्ते के बीच बच्चों में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (एमआईएस) के लक्षण नजर आ सकते हैं। इसके लक्षण महसूस होने पर आपको तुरंत इलाज शुरू करा देना चाहिए। 

हल्के लक्षणों में क्या करेंअगर बच्चे में हल्के लक्षण हैं और उसकी उम्र दस साल से ज्यादा है, तो उसे घर में अलग रखें और उस दौरान कोरोना नियमों का पालन करें। खासकर डाइटका ध्यान रखें। अगर लक्षण गंभीर हो रहे हैं, तो तुरंत अस्पताल जाना चाहिए। 

घर में बच्चों को किस तरह का खाना देंहोम आइसोलेशन के दौरान बच्चों को हेल्दी डाइट दें और उसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होनी चाहिए। इसके अलावा बच्चों को तरल पदार्थों की कमी न होने दें। डायरिया या दस्त जैसी समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। 

गंभीर लक्षण के मामले में क्या करें अगर बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो रही है, भूख की कमी है, नाक की समस्या है, ऑक्सीजन की कमी है, पेट की गड़बड़ के लक्षण हैं, तो ऐसे में आपको अस्पताल जाना चाहिए। 

बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए क्या करें बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए चार चीजें बहुत जरूरी हैं जिसमें हेल्दी डाइट, नींद, एक्सरसाइज और मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना शामिल है। जंक फूड से बचें, हाइड्रेट रहें, पर्याप्त नींद लें, रोजाना एक्सरसाइज करें।  

इन बातों का रखें ध्यान बच्चों में तनाव या चिंता पैदा न होने दें, उनसे बात करें, उनके साथ समय बिताएं। उन्हें महामारी के बारे में बताएं। उनका टीवी देखना कम करें और अपना समय दें। परिवार के कामों में व्यस्त रखें, घर के बाहर न जाने दें। किसी भी लक्षण या परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 

टॅग्स :कोरोना वायरसकोविड-19 इंडियाहेल्थ टिप्समेडिकल ट्रीटमेंट
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत