Covid-19: वैज्ञानिकों का दावा, छींकने-खांसने से निकलने वाली बूंदों से कोरोना का खतरा कम

By उस्मान | Updated: October 28, 2020 14:45 IST2020-10-28T14:45:40+5:302020-10-28T14:45:40+5:30

कोरोना वायरस फैलने के कारण : अभी तक यही कहा जा रहा था कि यह खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों की कारण तेजी से फैलता है

Covid-19: study says Aerosol microdroplets aren’t very good at carrying coronavirus | Covid-19: वैज्ञानिकों का दावा, छींकने-खांसने से निकलने वाली बूंदों से कोरोना का खतरा कम

कोरोना वायरस

Highlightsबंद स्थान में बूंदों का खास प्रभावी नहीं बात करने से नहीं फैलता वायरसअति सूक्ष्म बूंदें होने के कारण उनमें वायरस की संख्या कम होती है

कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने को लेकर अभी तक यही कहा जा रहा था कि यह खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों की कारण तेजी से फैलता है लेकिन अब यह दावा गलत साबित होता दिख रहा है।

एक नए अध्ययन में पता चला है कि खांसने अथवा छींकने के बाद हवा के संपर्क में आने वाली एयरोसोल माइक्रोड्रॉपलेट्स (हवा में निलंबित अतिसूक्ष्म बूंदें) कोरोना वायरस संक्रमण फैलाने के लिए खास जिम्मेदार नहीं होतीं। 

बंद स्थान में बूंदों का खास प्रभावी नहीं 
जर्नल 'फिजिक्स ऑफ फ्ल्यूड' में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक बंद स्थान में सार्स-सीओवी-2 का एयरोसोल प्रसार खास प्रभावी नहीं होता है। अनुसंधानकर्ताओं ने एक बयान में कहा, 'यदि कोई व्यक्ति ऐसे स्थान पर आता है जहां कुछ ही देर पहले कोई ऐसा व्यक्ति मौजूद था जिसे कोरोना वायरस संक्रमण के हल्के लक्षण थे तो उस व्यक्ति के संक्रमण की जद में आने की आशंका कम होती है।'

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बात करने से नहीं फैलता वायरस
उन्होंने कहा कि यह आशंका और भी कम होती है जब वह व्यक्ति केवल बात ही कर रहा हो। अध्ययन में कहा गया, 'सार्स-सीओवी-2 के प्रसार पर हमारे अध्ययन ने दिखाया कि एयरोसोल प्रसार संभव है, लेकिन यह ज्यादा प्रभावी नहीं है, खासतौर पर बिना लक्षण वाले अथवा कम लक्षण वाले संक्रमण के मामलों में।'  

एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय में अध्ययन के सह-लेखक डैनियल बॉन कहते हैं कि अति सूक्ष्म बूंदें होने के कारण उनमें वायरस की संख्या कम होती है। इसलिए उससे संक्रमण के प्रसार का खतरा कम है। 

कोरोना से अब तक 1,172,879 लोगों की मौत

पूरी दुनिया में कोरोना का खतरा कम होने का नाम नहीं ले रहा है. चीन से निकले इस खतरनाक वायरस से अब तक 44,295,172 लोग संक्रमित हो गए हैं जिनमें से 1,172,879 लोगों की मौत हो गई है। इस वायरस से सबसे ज्यादा अमेरिका प्रभावित हुआ है। यहां कोरोना से 232,084 लोगों की मौत हुई है और 9,038,030 लोग संक्रमित हुए हैं।

भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को एक दिन 43,893 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 79,90,322 हो गए। वहीं 508 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,20,010 हो गई। 

अब तक देश में 72,59,509 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं और इस हिसाब से संक्रमण से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 90.85 प्रतिशतत हो गई है। वहीं संक्रमण से मृत्यु दर 1.50 प्रतिशत है। 

6,10,803 लोगों का इलाज जारी 
देश में अभी 6,10,803 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाच चल रहा है, जो कुल मामलों का 7.64 प्रतिशत है। 

अब तक कुल 10,54,87,680 नमूनों की जांच
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार 27 अक्टूबर तक कुल 10,54,87,680 नमूनों की कोविड-19 की जांच की गई, जिनमें से 10,66,786 नमूनों का परीक्षण सोमवार को ही किया गया।  

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

Web Title: Covid-19: study says Aerosol microdroplets aren’t very good at carrying coronavirus

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