डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज से पीड़ित व्यक्तियों में कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावना आम स्वस्थ लोगों से अधिक होती है। हालांकि ऐसे लोग थोड़ी अतिरिक्त सावधानी बरत कर इस खतरनाक संक्रमण से बच सकते हैं। यह बात वरिष्ठ चिकित्सकों ने कही है।
किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित 16 मरीज भर्ती थे जिनमे से 11 मरीज ठीक होकर अपने घर चले गये हैं। वहीं संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में इसके आठ मरीज भर्ती हैं।
संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के एंडोक्राइनॉलोजी विभाग के प्रोफेसर सुशील गुप्ता ने कहा, ‘जिन मधुमेह रोगियों का मधुमेह अनियंत्रित रहता है और जिनकी तीन महीने की एचबीवनसी टेस्ट की रीडिंग साढ़े सात से आठ के बीच होती है, उनमें कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। ऐसे रोगी अगर कोरोना वायरस से संक्रमित हो गये तो उन्हें बचाना बहुत मुश्किल होता है।''
संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर सुदीप कुमार ने कहा, मधुमेह और हृदय रोगों से पीड़ित व्यक्तियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता आम मरीजों की तुलना में बहुत कमजोर होती है। इससे कोई भी वायरस ऐसे रोगियों के दिल पर तेजी से असर डालता है और दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाता है। ऐसे रोगियों में यदि वायरस पहुंच गया तो उससे लड़ने की क्षमता शरीर में आम स्वस्थ व्यक्तियों की तुलना में बहुत कम होती है और करीब एक तिहाई रोगी इस वायरस की चपेट में जल्दी आ जाते हैं।’
उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिये जरूरी है कि ‘मधुमेह और हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति अपनी दवाइयां कतई न छोड़ें, आम दिनों की तुलना में इस समय अपने स्वास्थ्य का ज्यादा ख्याल रखें, अपना रक्तचाप और ब्लड शुगर नापते रहें और उसे नियंत्रित रखें। खान पान बिल्कुल सादा रखें और व्यायाम अवश्य करें।
संजय गांधी पीजीआई के कार्डियोलॉजिस्ट डा. सुदीप ने कहा कि 60 साल के आसपास के मधुमेह और हृदय रोगों से पीड़ित आजकल इस संक्रमण के दौर में अपना विशेष ख्याल रखें क्योंकि रोग के कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिये वे घर से बाहर न निकलें और घर में ही व्यायाम करते रहें और खान पान संतुलित रखें।
केजीएमयू के प्रवक्ता डा. सुधीर सिंह ने कहा कि आजकल दिल और मधुमेह के रोगी अक्सर कोरोना वायरस के पीसीआर टेस्ट करवाने के लिये पूछताछ करते हैं लेकिन ऐसे रोगी तभी अपनी जांच करायें जब उनमें कोरोना वायरस का कोई लक्षण हो और वह जिस डाक्टर से इलाज करा रहे हैं वह उन्हें ऐसी जांच कराने की सलाह दे।
बेकार में ऐसी जांच कराने के लिये परेशान न हों क्योंकि हम लोग केवल उन्हीं लोगो की कोरोना वायरस की जांच कर रहे है जिनमें इसके लक्षण हैं या वह व्यक्ति किसी कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया है।