देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में गिरावट आई है और कई राज्यों ने अपनी अनलॉक प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बीच कोरोना के घातक रूप डेल्टा प्लस ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है और इसे तीसरी लहर का कारण भी माना जा रहा है। एक्सपर्ट्स मान रहे हैं कि टीकाकरण के जरिये इससे बचा जा सकता है।
सरकार ने आधिकारिक तौर पर कहा कि डेल्टा प्लस 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' है. देश कई करीब 12 राज्यों में इसके पचास से अधिक मामले मिले हैं. भारत के अलावा यूएस, यूके, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, चीन और रूस में वैरिएंट का पता चला है।
कोरोना वैक्सीन डेल्टा प्लस के खिलाफ कितनी असरदार ?
कोरोना के टीकों को मूल रूप से कोरोना के स्ट्रेन यानी अल्फा वेरिएंट, द डेल्टा वैरिएंट और उभरते हुए नए वेरिएंट को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया था। हालांकि हाल के दिनों में, अध्ययनों ने दावा किया है कि वैक्सीन डेल्टा स्ट्रेन के खिलाफ प्रभावी साबित हो सकते हैं। लेकिन जब डेल्टा प्लस संस्करण की बात आती है, तो विशेषज्ञ अभी तक यह निर्धारित नहीं कर पाए हैं कि क्या टीके इससे सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
क्या डेल्टा प्लस दोनों टीके लगवा चुके लोगों को प्रभावित कर सकता है ?
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर ओपी चाहर ने कहा कि राजस्थान में डेल्टा प्लस संस्करण का पहला मामला उस महिला में पाया गया, जिसने दोनों खुराक ले रखी थी. महिला मई में ही कोरोना से उबर गई थी।
चाहर के मुताबिक, महिला का सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में 30 मई को भेजा गया था। उसकी रिपोर्ट आ गई है। महिला के नमूने में डेल्टा प्लस संस्करण पाया गया है। हालांकि महिला में कोरोना के लक्षण नहीं थे और वो पूरी तरह से ठीक हो गई है. इसका मतलब यह हुआ कि डेल्टा प्लस संस्करण पूरी तरह से टीका लगवा चुके और ठीक हुए लोगों को भी अपनी चपेट में ले सकता है।
डेल्टा प्लस वैरिएंट क्या है ?
डेल्टा प्लस वैरिएंट 'डेल्टा' वैरिएंट का घातक रूप है, जो पहले भारत में पाया गया था। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, डेल्टा वैरिएंट अब तक 85 देशों में पाया गया है, और दक्षिण अफ्रीका में इसका असर सबसे अधिक प्रभाव देखने को मिला है। दक्षिण अफ्रीका में संक्रामक रोग विशेषज्ञों का मानना है कि डेल्टा वैरिएंट के कारण देश पहले से ही संक्रमण की तीसरी लहर का अनुभव कर रहा है।
डेल्टा प्लस वैरिएंट के लक्षण क्या हैं?
भारत के शीर्ष वायरोलॉजिस्ट ने कहा है कि डेल्टा प्लस संस्करण में डेल्टा के साथ-साथ इसके साथी बीटा संस्करण के लक्षण भी हैं। इनमें से कुछ लक्षणों में खांसी, दस्त, बुखार, सिरदर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, उंगलियों और पैर की उंगलियों का रंग बदलना, सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं। विशेषज्ञों द्वारा सूचीबद्ध और डेल्टा प्लस संस्करण के लिए जिम्मेदार अन्य लक्षण हैं: पेट में दर्द, मतली और भूख में कमी।
डेल्टा प्लस से बचने के उपाय
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि जब डेल्टा प्लस कोरोना वायरस वैरिएंट से लड़ने की बात आती है, तो फेस मास्क पहनना और वैक्सीन लगवाना जैसे इससे बचने के उपाय हैं।