दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि राजधानी में कम्युनिटी ट्रांसमिशन यानी सामुदायिक संक्रमण शुरू हो गया लेकिन केंद्र ही इस बारे में घोषणा कर सकता है। उन्होंने सामुदायिक संक्रमण को तकनीकी शब्द बताते हुए अब इसकी जिम्मेदारी केंद्र पर डाल ली है। उन्होंने कहा है कि संक्रमण के जितने मामले आ रहे हैं उसमें आधे में स्रोत का पता नहीं है।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि स्थानीय प्रशासन का आकलन "प्रसार के तीसरे चरण" की ओर इशारा करता है। जैन ने कहा, 'एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने भी सामुदायिक प्रसारण की और इशारा किया है लेकिन केंद्र ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।'
कम्युनिटी ट्रांसमिशन क्या है (What is community transmission)
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कम्युनिटी ट्रांसमिशन (सामुदायिक प्रसार) वो चरण होता है जब कोई रोग पूरे समुदाय में फैलने लगता है। इसका मतलब यह है कि रोग उन लोगों में भी फैल फैलना शुरू हो जाता है, जो कभी उन इलाकों में नहीं गए हैं, जहां से यह रोग पैदा हुआ है। इस चरण में रोग महामारी का रूप ले लेता है और इसे काबू करना बेहद मुश्किल हो जाता है।
कम्युनिटी ट्रांसमिशन का सबसे बड़ा कारण बड़ी संख्या में लोगों को इंफेक्शन हो जाना है क्योंकि इससे उसके फैलने की गति बढ़ जाती है। इसके अलावा अधिक संख्या में लोगों के बीमार होने पर अस्पताल और स्वास्थ सेवाओं पर दबाव बढ़ जाता है।
महामारी का तीसरा चरण होता है कम्युनिटी ट्रांसमिशन
इसे महामारी की तीसरी स्टेज माना जाता है। रिपोर्ट के अनुसार, इस स्टेज में बड़ी संख्या में मामलों में वायरस के संचरण को रोकना कठिन हो जाता है। इसका मतलब है कि वायरस समुदाय के भीतर घूमना शुरू हो जाता है और उन व्यक्तियों को भी संक्रमित कर सकता है, जो न तो प्रकोप से प्रभावित देश की यात्रा कर चुके हैं और न ही वायरस से संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हैं।
महामारी के होते हैं तीन चरण (Stages of pandemic)
कोई भी रोग जब पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लता है, तो इसे महामारी कहा जाता है। इस मामले में आमतौर पर किसी एक देश से जहां से इंफेक्शन की शुरूआत होती है, वहां से दूसरे देशों में यह फैलता है। कोरोना चीन में पैदा हुआ और चीन के बाहर पहला मामला थाईलैंड में पाया गया। यह किसी महामारी की पहला चरण है।
पहला चरणयानि जब किसी बीमारी के वायरस या विषाणु एक ही देश की सीमा तक सीमित होते हैं और किसी दूसरे देश में सिर्फ पीड़ितों के माध्यम से पहुंचते हैं तो यह महामारी का पहला चरण होता है।
दूसरा चरणलेकिन जब बिमारी के वायरस स्थानीय स्तर पर एक पीड़ित से दूसरे स्वस्थ लोगों को पहुंचने लगता है तो इस महामारी की दूसरी स्टेज माना जाता है। इस स्टेज़ पर एक खास इलाके में एक पीड़ित से दूसरे व्यक्ति में यह वायरस फैलता है।
कम्युनिटी ट्रांसमिशन को कैसे रोका जा सकता है?
अगर कोरोना वायरस के तीसरे स्टेज की बात करें, तो ऐसी स्थिति में लॉकडाउन अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि कोई भी व्यक्ति वायरस का प्रसार कर सकता है, बेशक उसने विदेश यात्रा न की हो और न वो किसी संक्रमित के संपर्क में आया हो। इसे रोकने के लिए सरकार को बाहर से आने वाले लोगों की जांच के लिए उन्हें कम से कम 14 दिन निगरानी में रखना चाहिए।
अगर किसी व्यक्ति को कोरोना के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो उसे तुरंत सामने आकर अपनी जांच करानी चाहिए। लोगों को एक साथ जमा होने से बचना होगा यानी सभी लोगों को जितना संभव हो, उतना अकेले रहना चाहिए। लोगों को अपने हाथों की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। पॉजिटिव मामलों के इलाज के लिए जांच सुविधाओं, उपकरणों, आइसोलेशन बेड्स, वार्ड्स, दवाओं आदि का बेहतर इंतजाम करना चाहिए।