कोरोना वायरस का प्रकोप अब पहले से ज्यादा बढ़ रहा है और संक्रमितों की संख्या बढ़कर 57,236,335 हो गई है और 1,365,634 लोगों की मौत हो गई है। कोरोना का अभी तक कोई स्थायी इलाज या टीका नहीं आया है। हालांकि कई कंपनियों ने दावा किया है कि उनके टीके का अंतिम परीक्षण चल रहा है और अगले साल तक कोई न कोई टीका आ सकता है। चलिए जानते हैं कि किस टीके का काम कहां तक पहुंचा है।
इटली में कोविड-19 के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया जनवरी में आरंभ होगीइटली में जो भी लोग कोविड-19 से बचाव के लिए टीकाकरण करवाना चाहते हैं, उन्हें संभवत: अगले वर्ष सितंबर तक टीके की सभी खुराकें मिल जाएंगी। वायरस आपातकाल संबंधी इटली के विशेष आयुक्त डेमोनिको अर्करी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि बुजुर्ग लोग और ऐसे लोग जिन्हें संक्रमण का जोखिम अधिक है, उन्हें टीकाकरण में प्राथमिकता दी जाएगी। अर्करी ने कहा, 'टीकाकरण का यह सबसे बड़ा अभियान होगा, न केवल इटली में बल्कि यूरोप और दुनिया के कई हिस्सों में भी।'
अर्करी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 'फाइजर' को यूरोपीय मेडिकल एजेंसी से मिलने वाली मान्यता की प्रक्रिया समय पर पूरी हो जाएगी ताकि टीके की पहली खुराक जनवरी में लोगों को दी जा सके।
कोविड-19 का टीका अप्रैल तक आने की उम्मीदभारत में टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों और बुजुर्गों के लिए ऑक्सफोर्ड कोविड-19 का टीका अगले वर्ष फरवरी तक और आम लोगों के लिए अप्रैल तक उपलब्ध होना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जनता को जरूरी दो खुराक की कीमत अधिकतम एक हजार रूपए होगी लेकिन यह परीक्षण के अंतिम नतीजों और नियामक की मंजूरी पर निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि 2024 तक हर भारतीय को टीका लग चुका होगा।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का टीका अधिक आयु के लोगों के लिए 'उत्साहजनक'ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित कोविड-19 टीका 56-69 आयु समूह के लोगों तथा 70 साल से अधिक के बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में महत्वपूर्ण सुधार करने में कारगर है। इस टीके का विकास भारतीय सीरम संस्थान के साथ मिलकर किया जा रहा है।
अध्ययन में 560 स्वस्थ व्यस्कों को शामिल किया गया और पाया गया कि 'सीएचएडीओएक्स 1 एनकोव-19' नाम का यह टीका अधिक आयु समूह के लोगों के लिए काफी उत्साहजनक है। इसका मतलब है कि यह टीका अधिक आयु समूह के लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर सकता है।
फाइजर और बायो-एनटेक टीका 95 प्रतिशत तक प्रभावी विश्व की अग्रणी दवा निर्माता कंपनियों फाइजर और बायो-एनटेक ने कहा कि उनका कोविड-19 टीका तीसरे चरण के परीक्षण के अंतिम विश्लेषण में 95 प्रतिशत तक प्रभावी पाया गया है और यह 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों पर भी कारगर है। इसी के साथ ये कंपनियां अमेरिकी नियामक से आपातकालीन मंजूरी लेने के लिए आवेदन कर सकती हैं।
अमेरिकी फार्मा कंपनी और उसकी जर्मन सहयोगी बायो-एनटेक ने कहा कि उन्होंने कोविड-19 के एमआरएनए आधारित संभावित टीके ‘बीएनटी 162बी2’ के तीसरे चरण का अध्ययन पूरा कर लिया है जिसमें उन्हें सभी प्रकार के आरंभिक प्रभाव देखने को मिले हैं।
कोरोना वायरस संक्रमण के लिए चीन का 'कोरोना वैक' टीका सुरक्षित चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के लिए 'कोरोना वैक' टीके के प्रारंभिक चरण के क्लिनिकल ट्रायल के परिणामों में यह दावा किया गया है कि यह दवा अब तक सुरक्षित सबित हुई है और इसने 18 से 59 वर्ष के स्वस्थ लोगों में एंटीबॉडीज विकसित की है।
'लैन्सेट इंफेक्शियस डिसीज' जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार संक्रमण का टीका बनाने की दौड़ में शामिल 'कोरोना वैक' के पहले टीकाकारण के 28दिन के भीतर यह लोगों में एंटीबॉडीज प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है। चीन के जियांग्सू प्रॉवेंशियल सेंटर फॉर डिसीस कंट्रोल के शोधकर्ताओं ने सर्वाधिक एंटीबॉडीज प्रतिक्रिया पैदा करने के लिए सबसे ज्यादा डोज का पता लगाने का दावा किया है।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)