COVID-19 vaccine: कोरोना का टीका कब आएगा, किस टीके का परीक्षण कहां तक पहुंचा, जानिये पूरी डिटेल्स
By उस्मान | Updated: November 12, 2020 13:11 IST2020-11-12T13:07:29+5:302020-11-12T13:11:28+5:30
कोरोना वायरस वैक्सीन अपडेट : जानिये कोरोना वायरस के टीके बनने का काम कहां तक पहुंच गया है और आम लोगों के लिए कब तक उपलब्ध हो जाएगा

कोरोना वायरस की वैक्सीन
कोरोना वायरस से दुनियाभर में अब तक 52,457,990 संक्रमित हो गए हैं और 1,290,026 लोगों की मौत हो गई है।अगर भारत की बात करें तो इससे अब तक 8,684,039 लोग संक्रमित हुए हैं जिनमें से 128,165 लोगों की मौत हो गई है।
अभी तक इस वायरस का कोई स्थायी इलाज या टीका उपलब्ध नहीं हुआ है। हालांकि कई टीकों का अंतिम परीक्षण चल रहा है और माना जा रहा है कि अगले साल तक कोई न कोई टीका बाजार में आ जाएगा। चलिए जानते हैं फिलहाल कोरोना वायरस वैक्सीन के ट्रायल कहां तक पहुंचे हैं और लोगों के लिए कब तक उपलब्ध हो सकते हैं।
'कोविशिल्ड' के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए पंजीकरण पूरा
पुणे स्थित 'सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ' (एसआईआई) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने भारत में कोविड-19 के टीके 'कोविशील्ड' के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए 1,600 प्रतिभागियों का पंजीकरण पूरा होने की घोषणा की।
एसआईआई और आईसीएमआर देश में 15 विभिन्न केन्द्रों में 'कोविशील्ड' का 2/3 चरण का क्लिनिकल ट्रायल कर रहे हैं। आईसीएमआर ने कहा, 'अभी तक हुए परीक्षणों के परिणाम से यह उम्मीद जगी है कि 'कोविशील्ड' घातक वैश्विक महामारी का एक वास्तविक समाधान हो सकता है। भारत में अभी तक जितने टीकों का मानव परीक्षण हुआ है, इसके नतीजे सबसे अच्छे हैं।
जायडस कैडिला का परीक्षण का दूसरा चरण पूरा
दवा कंपनी जायडस कैडिला ने कहा कि उसने कोविड-19 के मरीजों पर चिकित्सकीय परीक्षण का दूसरा चरण बायोलॉजिकल थेरेपी ‘पेगीहेप’ के साथ सफलतापूर्वक पूरा किया है और अब कंपनी चिकित्सकीय परीक्षण का तीसरा चरण शुरू करेगी।
जायडस कैडिला ने कहा कि पेगीलेटेड इंटरफेरॉन अल्फा - 2बी ने कोविड-19 के मरीजों में उल्लेखनीय रूप से वायरल को कम किया है और ऑक्सीजन की कमी को दूर किया है।
कम तापमान पर ही रखा जा सकता है फाइजर का कोविड-19 टीका
एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया कि दवा कंपनी फाइजर द्वारा विकसित संभावित कोविड-19 टीके के भंडारण के लिए शून्य से 70 डिग्री सेल्सियस कम तापमान की आवश्यकता है और यह भारत जैसे विकासशील देशों, खास तौर से कस्बों और ग्रामीण इलाकों में टीके की आपूर्ति के लिए बड़ी चुनौती है।
गुलेरिया का कहना है कि भारत में ज्यादार टीकों को दो से आठ डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखा जाता है। देश के ज्यादातर हिस्सों में कोल्ड चेन में सबसे कम शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस नीचे तक के तापमान में टीके रखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश के कस्बों, गांवों और सुदूर क्षेत्रों में इतने कम तापमान वाली कोल्ड स्टोरेज चेन नहीं हैं, ऐसे में टीके को वहां तक पहुंचाना बड़ी चुनौती होगा।
स्पूतनिक-5 टीका कोविड-19 पर 92 प्रतिशत तक प्रभावी
रूस के गमालेया राष्ट्रीय महामारी विज्ञान एवं सूक्ष्मजीव अनुसंधान संस्थान द्वारा तैयार किये जा रहे कोविड-19 के ‘स्पूतनिक-5’ नामक टीका परीक्षण में 92 प्रतिशत तक प्रभावी पाया गया है। रूस में हो रहे सबसे ज्यादा रेंडमाइज्ड प्लेसिबो नियंत्रित तीसरे चरण के ट्रायल से प्राप्त प्रथम अंतरिम आंकड़ों के आधार पर यह पुष्टि की गई।
भारत में बनेगा सार्स-सीओवी-2, एचआईवी का टीका
भारतीय विज्ञान संस्थान ने दावा किया कि संस्थान के आणविक जैवभौतिकी इकाई के प्रोफेसर राघवन वरदराजन के नेतृत्व में अनुसंधानकर्ता सार्स-सीओवी-2 और एचआईवी के खिलाफ प्रभावी टीका रणनीति विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
आईआईएससी, बेंगलुरु की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पिछले हफ्ते प्रकाशित दो अध्ययनों में अनुसंधानकर्ताओं ने ‘गर्मी सह सकने वाले’ कोविड-19 के टीके की डिजाइन और एचआईवी के आवरण प्रोटीन में विशेष क्षेत्रों की पहचान करने की त्वरित प्रणाली का उल्लेख किया जिनसे प्रभावी टीके बनाने में मदद मिल सकती है।

