Covid-19: टीकाकरण नहीं कराने वाले मित्र से आपके कोविड संक्रमित होने का खतरा 20 गुणा अधिक
By उस्मान | Updated: October 28, 2021 15:28 IST2021-10-28T15:28:58+5:302021-10-28T15:28:58+5:30
टीका नहीं लगवाने वाले लोगों के टीके लगवा चुके लोगों की तुलना में संक्रमित होने की आशंका 10 गुना अधिक होती है।

कोरोना वायरस
टीका लगवाने के बाद स्वयं संक्रमित होने और उसके कारण अन्य लोगों के संक्रमित होने की आशंका भी कम हो जाती है। हालांकि टीकाकरण गंभीर संक्रमण से मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है लेकिन कुछ लोगों को फिर भी गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ सकती है।
टीकाकरण नहीं कराने वाले व्यक्ति के संपर्क में आने से टीका लगवा चुके व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की कितनी आशंका है? विक्टोरियन स्वास्थ्य विभाग की हालिया रिपोर्ट में पाया गया है कि टीका नहीं लगवाने वाले लोगों के टीके लगवा चुके लोगों की तुलना में संक्रमित होने की आशंका 10 गुना अधिक होती है।
इसका मतलब यह है कि अगर आप टीकाकरण नहीं कराने वाले किसी व्यक्ति के साथ समय बिताते हैं, तो इस बात की आशंका है कि वे संक्रमित हों और आपको संक्रमित कर दें, लेकिन अगर उन्हें टीका लग चुका है, तो उनके संक्रमित होने की संभावना 10 गुणा कम हैं और आपके उनसे संक्रमित होने की आशंका भी आधी रह जाएगी।
यानी यदि टीकाकरण नहीं कराने वाले व्यक्ति की तुलना में टीका लगवा चुके व्यक्ति से संक्रमित होने का जोखिम 20 गुणा कम है। यह गणना टीके के प्रकार और इस बात पर निर्भर करती है कि टीकाकरण कराए कितना समय बीत चुका है।
कुछ लोगों को टीका नहीं लग पाया है क्योंकि या तो उनकी आयु कम है या वे किसी ऐसी बीमारी से पीड़ित हैं जिससे कि उनका टीकाकरण नहीं कराया जा सकता। कुछ ऐसे लोग हैं, जिनकी रोग प्रतिरोधी क्षमता कमजोर है। ऐसे में उन्हें दोनों खुराक लेने के बावजूद समुदाय के अन्य लोगों की तरह संक्रमण से सुरक्षा नहीं मिल सकती। अधिक से अधिक लोगों को टीकाकरण कराके इन लोगों को सुरक्षा प्रदान की जा सकती है।
टीका नहीं लगवा पाने वाले लोग यदि टीकाकरण करा चुके लोगों के संपर्क में आते हैं, तो उनके संक्रमित होने की आशंका भी कम होती है। इसके अलावा टीकाकरण नहीं करा पाने वाले लोग मास्क पहनकर, हाथ धोकर और इसी प्रकार की अन्य सावधानियां बरतकर खतरे को कम कर सकते है।
क्या रैपिड एंटीजन जांच से मदद मिलती है?
कुछ लोगों का सुझाव है कि जो लोग टीकाकरण नहीं कराना चाहते, उनकी बार-बार जांच करके संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। यदि आपने अपने घर पर रैपिड एंटीजन जांच की है, तो आपके संक्रमित होने की स्थिति में इस जांच का परिणाम सही आने की संभावना 64 प्रतिशत है।
रैपिड एंटीजन जांच से लगभग दो-तिहाई मामलों का पता लग सकता है। यदि आप किसी ऐसे स्थान पर जाते हैं, जहां सभी ने रैपिड एंटीजन जांच कराई है और जांच परिणाम में उनके संक्रमित नहीं होने की पुष्टि हुई है, तो संक्रमण के जोखिम में तीन गुणा कमी होगी। रैपिड जांच से खतरा भले ही कम होता है, लेकिन यह टीकों का स्थान नहीं ले सकती। यदि इन दोनों का साथ में इस्तेमाल किया जाए, तो यह अधिक फायदेमंद होगा।