भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कोरोना वायरस के इलाज की वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) का मानव परीक्षण यानी ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया है। Covaxin का मानव परीक्षण रोहतक के पोस्ट-ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में शुरू हुआ है। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है।
उन्होंने लिखा,' भारत बायोटेक ने कोरोना की वैक्सीन कोवैक्सीन का शुक्रवार को पीजीआई-रोहतक ट्रायल शुरू कर दिया है। आज तीन वालंटियर्स पर ट्रायल शुरू हुआ है और सभी ने वैक्सीन को बहुत अच्छी तरह से सहन किया है।'
ह्यूमन ट्रायल क्या है
जाहिर है टीका या दवा बनाना कोई आसान काम नहीं है और यही वजह है कि सात महीने बाद बाद भी इसका स्थायी इलाज नहीं मिला है। टीके या दवा के कई दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए तैयार की गई वैक्सीन को कई चरणों से गुजरना पड़ता है।
COVAXIN क्या है?
COVAXIN वैक्सीन को संक्रामक और जानलेवा बीमारी कोरोना वायरस के लिए भारत की पहली वैक्सीन बताया जा रहा है। COVAXIN को भारत बायोटेक इंटरनेशनल द्वारा ICMR और NIV के सहयोग के साथ विकसित किया गया है। इसे भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल से मानव परीक्षण के लिए मंजूरी मिल गई है।
इस स्वदेशी वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के मानव क्लीनिकल परीक्षण की मंजूरी मिल गई है। मानव परीक्षण अगले महीने शुरू होंगे। वैक्सीन कैंडिडेट को बनाने के लिए एनआईवी, पुणे में आइसोलेट कोरोना वायरस स्ट्रेन को भारत बायोटेक को ट्रांसफर किया गया था।
स्वास्थ्य मंत्रालय से मिली अनुमति
भारत बायोटेक की COVAXIN वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय से पहले और दूसरे चरण की मंजूरी मिल गई है।
बाजार में कब आएगी कोरोना की दवा COVAXIN
बताया जा रहा है कि COVAXIN वैक्सीन का मानव परीक्षण का पहला और दूसरा चरण 2 जुलाई से शुरू होगा। इसलिए वर्तमान में इस बात की कोई पुष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है कि टीका कब तक बाजार में उपलब्ध होगा।
COVAXIN के रिजल्ट कैसे हैं
कंपनी भारत बायोटेक द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन अध्ययनों के परिणाम आशाजनक रहे हैं और व्यापक सुरक्षा और प्रभावी इम्यून रेस्पोंस दिखाते हैं।
COVAXIN वैक्सीन कीमात
फिलहाल इस दवा को मानव परीक्षण के लिए मंजूरी मिली है जिसमें अभी थोड़ा समय लगा सकता है इसलिए अभी तक ओस दवा की कीमत के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
भारत में इन तीन दवाओं पर हो रहा है काम
भारत बायोटेक (Bharat Biotech)
हैदराबाद स्थित बायोटेक कंपनी ने अपने टीके 'कोवैक्सीन' (Covaxin) का मानव परीक्षण शुरू किया है, जो भारत का पहला स्वदेशी कोविड-19 टीका है। यह कंपनी 200 मिलियन टीके बनाने पर काम कर ही है रहा है। भारत बायोटेक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर वैक्सीन विकसित कर रहा है।
प्रेमास बायोटेक (Premas Biotech)
गुरुग्राम स्थित बायोटेक कंपनी ने ट्रिपल एंटीजन वायरस-लाइक पार्टिकल (वीएलपी) वैक्सीन (triple antigen virus-like particle (VLP) विकसित की है और कंपनी पशु परीक्षण कर रही है। चूहों में परीक्षण करने के बाद सुरक्षा का मूल्यांकन और खुराक अनुमापन का काम किया जाएगा। वर्तमान में, प्रेमास एकमात्र भारतीय कंपनी है जिसने ट्रिपल एंटीजन कॉविड वैक्सीन के उम्मीदवार का पता लगाया है।
ज़ाइडस कैडिला (Zydus Cadila)
फार्मास्युटिकल कंपनी को DCGI से कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए मानव परीक्षण करने की मंजूरी मिली है। इसे ZyCoV-D नाम दिया गया है। इस दवा का ट्रायल इस महीने में कई शहरों के 1,000 वालंटियर्स पर होगा। कंपनी का कहना है कि हम अनुकूली नैदानिक परीक्षण प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं (चरण I के बाद चरण II जिसके बीच में अधिक अंतराल के बिना)। हमें चरण पूरा करने में लगभग तीन महीने लगेंगे। दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण के बाद हम विचार के लिए DCGI से संपर्क करेंगे।