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COVID-19 vaccine trial: फर्स्ट स्टेज में सफल रही अमेरिका की वैक्सीन, मरीजों में बढ़ी वायरस से लड़ने की ताकत, भारत में भी शुरू होगा ह्यूमन ट्रायल

By उस्मान | Updated: July 15, 2020 12:02 IST

बताया जा रहा है कि ट्रायल के दौरान वालंटियर्स में कोई खास दुष्प्रभाव सामने नहीं आया है

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ठळक मुद्देट्रायल के दौरान सभी 45 वालंटियर्स में इसके पॉजिटिव रिजल्ट देखे गएअमेरिकी शोधकर्ताओं ने सूचना दी है कि यह वैक्सीन सेफ है

कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका को एक बड़ी सफलता मिली है। दवा कंपनी मॉडर्ना इंक (Moderna Inc’s) ने कोविड-19 की वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल किया है। ट्रायल के दौरान सभी 45 वालंटियर्स में इसके पॉजिटिव रिजल्ट देखे गए हैं। 

अमेरिकी शोधकर्ताओं ने सूचना दी है कि यह वैक्सीन सेफ है। वैक्सीन ने वालंटियर्स में इम्यून रेस्पोंस के साथ प्रत्‍येक व्‍यक्ति के अंदर कोरोना से जंग के लिए एंटीबॉडी विकसित की है। 

टीम ने न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में बताया है कि इस वैक्सीन का कोई कोई खास दुष्प्रभाव नहीं रहा जिसकी वजह से वैक्‍सीन के ट्रायल को रोक दिया जाए। 

इस परीक्षण में 45 ऐसे लोगों को शामिल किया गया था जो स्‍वस्‍थ थे और उनकी उम्र 18 से 55 साल के बीच थी। टीम को वैक्सीन की दो खुराकें मिलीं, जिनमें उच्च स्तर के वायरस-मारने वाले एंटीबॉडी थे जो कोविड-19 से बरामद किए गए लोगों में देखे गए औसत स्तर से अधिक थे।

 

वालंटियर्स को महसूस हुए हल्के लक्षण

ट्रायल के दौरान वैक्‍सीन के तीन डोज देने के बाद आधे लोगों को हल्‍की थकान, शरीर में दर्द और सिर दर्द हुआ। करीब 40 प्रतिशत लोगों ने वैक्‍सीन देने के बाद हल्‍का बुखार महसूस किया।

भारत में तीन दवाओं पर हो रहा है काम

कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। दुनियाभर के वैज्ञानिक कोरोना वायरस के इलाज के लिए सुरक्षित और सस्ती वैक्सीन बनाने में जुटे हैं। लेकिन सवाल अब भी यह है कि कोरोना वायरस की दवा कब तक तैयार हो जाएगी?

भारत बायोटेक (Bharat Biotech)

हैदराबाद स्थित बायोटेक कंपनी ने अपने टीके 'कोवैक्सीन' (Covaxin) का मानव परीक्षण शुरू किया है, जो भारत का पहला स्वदेशी कोविड-19 टीका है। यह कंपनी 200 मिलियन टीके बनाने पर काम कर ही है रहा है। भारत बायोटेक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर वैक्सीन विकसित कर रहा है।

प्रेमास बायोटेक (Premas Biotech)

गुरुग्राम स्थित बायोटेक कंपनी ने ट्रिपल एंटीजन वायरस-लाइक पार्टिकल (वीएलपी) वैक्सीन (triple antigen virus-like particle (VLP) विकसित की है और कंपनी पशु परीक्षण कर रही है। चूहों में परीक्षण करने के बाद सुरक्षा का मूल्यांकन और खुराक अनुमापन का काम किया जाएगा। वर्तमान में, प्रेमास एकमात्र भारतीय कंपनी है जिसने ट्रिपल एंटीजन कॉविड वैक्सीन के उम्मीदवार का पता लगाया है।

ज़ाइडस कैडिला (Zydus Cadila)

फार्मास्युटिकल कंपनी को DCGI से कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए मानव परीक्षण करने की मंजूरी मिली है। इसे ZyCoV-D नाम दिया गया है। इस दवा का ट्रायल इस महीने में कई शहरों के 1,000 वालंटियर्स पर होगा। कंपनी का कहना है कि हम अनुकूली नैदानिक परीक्षण प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं (चरण I के बाद चरण II जिसके बीच में अधिक अंतराल के बिना)। हमें चरण पूरा करने में लगभग तीन महीने लगेंगे। दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण के बाद हम विचार के लिए DCGI से संपर्क करेंगे। 

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