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भारत की पहली कोविड-19 वैक्सीन Covaxin का AIIMS में ट्रायल शुरू, 30 वर्षीय व्यक्ति को दिया गया पहला शॉट, जानें वैक्सीन की 10 खास बातें

By उस्मान | Updated: July 24, 2020 16:45 IST

Bharat Biotech COVID-19 Covaxin human trial: एम्स में एक 30 वर्षीय व्यक्ति को पहला शॉट दिया गया है

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ठळक मुद्देएम्स में एक 30 वर्षीय व्यक्ति को कोविड-19 वैक्सीन का पहला शॉट दिया गयाखुराक देने से पहले इसके सभी टेस्ट हुए थेभारत बायोटेक ने आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर बनाया है

कोरोना वायरस के इलाज के लिए भारत की पहली देसी वैक्सीन कोवाक्सिन (COVAXIN) का दिल्ली एम्स में शुक्रवार को ह्यूमन ट्रायल यानी मानव परीक्षण शुरू हो गया है। एम्स में एक 30 वर्षीय व्यक्ति को कोविड-19 वैक्सीन का पहला शॉट दिया गया है। कोवाक्सिन की पहली खुराक लेने वाला यह व्यक्ति स्वस्थ है और खुराक देने से पहले इसके सभी टेस्ट हुए थे।  

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वालंटियर को अस्पताल में दो घंटे तक निगरानी में रखा जाएगा। उसके बाद उसे घर भेज दिया जाएगा और अगले सात दिनों तक उसकी निगरानी की जाएगी। 

कोवाक्सिन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने आईसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के साथ मिलकर बनाया है। इसे हाल ही में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से ह्यूमन ट्रायल के लिए मंजूरी मिली है।

इस वैक्सीन का ट्रायल 12 अलग-अलग रिसर्च सेंटर में चल रहा है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS)-दिल्ली ने भी इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू किया है। बताया जा रहा है कि एम्स इसका पहला और दूसरा चरण शुरू करने वाला है। चलिए जानते हैं देश का सबसे बड़ा मेडिकल संस्थान किस तरह से इस वैक्सीन का ट्रायल करेगा और भविष्य में कोरोना के इलाज के लिए यह वैक्सीन कितनी मदगार साबित हो सकती है। 

1) एम्स (दिल्ली) में कोवाक्सिन का मानव परीक्षण ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से हरी झंडी मिलने के बाद शुरू हुआ है। डीसीजीआई देश की सबसे बड़ी दवा नियामक संस्था है। इस वैक्सीन को हाल ही में इस संस्था से मंजूरी मिली थी। 

2) कोवाक्सिन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से विकसित किया है।

3) एम्स (दिल्ली) ने परीक्षण के लिए कुछ वालंटियर्स को पंजीकृत किया था। कोवाक्सिन का ह्यूमन ट्रायल होने से पहले वालंटियर्स का हेल्थ चेकअप होगा और यह देखा जाएगा कि वो इन परीक्षण के लिए कितने तैयार हैं।

4) ह्यूमन ट्रायल के लिए कुल 375 वालंटियर्स की लिस्ट बनी है जिनमें से एम्स (दिल्ली) पहले और दूसरे चरण के परीक्षणों के लिए केवल 100 प्रतिभागियों का चयन करेगा। बाकी वालंटियर्स का अलग जगह पर परीक्षण होगा।

5) आईसीएमआर ने 12 संस्थानों को इस वैक्सीन के लिए चुना है 17 जुलाई को, रोहतक के पोस्ट-ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (PGI) में कोवाक्सिन का मानव परीक्षण शुरू हुआ, जहां तीन स्वयंसेवकों को कोवाक्सिन दिया गया।

6) एम्स-पटना और कुछ अन्य स्थानों पर भी परीक्षण शुरू हो गए हैं। उत्तरी गोवा के पेरनेम तालुका में रेडकर अस्पताल में भी इस वैक्सीन का ट्रायल होगा। उत्तरी गोवा का यह निजी अस्पताल 12 संस्थानों में से एक है। 

7) गोवा के रेडकर अस्पताल में दस वालंटियर्स पर यह परीक्षण होगा। वालंटियर्स की रिपोर्ट उनकी पात्रता का पता लगाने के लिए दिल्ली भेजी गई है। 

8) भारत में कोवाक्सिन के अलावा DCGI ने फार्मा दिग्गज Zydus Cadila को Covid -19 वैक्सीन के लिए मनुष्यों पर चरण I / II नैदानिक परीक्षण करने की अनुमति दी है।

9) कोवाक्सिन और ज़ाइडस कैडिला वैक्सीन को चूहों और खरगोशों में परीक्षण में सफलता के बाद मानव परीक्षणों के लिए मंजूरी मिली है। ये केवल दो स्वदेशी वैक्सीन हैं जो भारत में मानव परीक्षण चरण तक पहुंची हैं।

10) कंपनी भारत बायोटेक द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन अध्ययनों के परिणाम आशाजनक रहे हैं और व्यापक सुरक्षा और प्रभावी इम्यून रेस्पोंस दिखाते हैं।

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