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COVID-19: भारत में कोरोना के मामले 58 लाख पार, इन 5 वजहों से बढ़ रहे केस, एक्सपर्ट्स ने बताये वायरस को रोकने के 3 उपाय

By उस्मान | Updated: September 25, 2020 13:03 IST

भारत में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने के कारण : एक्सपर्ट्स का दावा है कि लोगों ने बीमारी को हल्के में लेना शुरू कर दिया है

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ठळक मुद्दे47 लाख से अधिक लोग संक्रमण मुक्तमृतक संख्या बढ़कर 92,290 हो गईरोगियों की मृत्यु की दर 1.59 प्रतिशत

भारत में कोविड-19 के मामले 58 लाख के पार चले गए, जबकि इनमें से 47 लाख से अधिक लोग संक्रमण मुक्त भी हो चुके हैं। देश में मरीजों के ठीक होने की दर 81.74 प्रतिशत है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, एक दिन में कोविड-19 के 86,052 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 58,18,570 हो गए। वहीं पिछले 24 घंटे में 1,141 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 92,290 हो गई। 

रोगियों की मृत्यु की दर 1.59 प्रतिशत

आंकड़ों के अनुसार देश में अभी तक 47,56,164 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। कोविड-19 से रोगियों की मृत्यु की दर 1.59 प्रतिशत है। उसके अनुसार देश में अभी 9,70,116 मरीजों का कोरोना वायरस का इलाज जारी है, जो कुल मामलों का 16.67 प्रतिशत हैं। 

अब तक कुल 6,89,28,440 नमूनों की जांच

भारत में कोविड-19 के मामले सात अगस्त को 20 लाख के पार, 23 अगस्त को 30 लाख के पार, पांच सितम्बर को 40 लाख के पार और 16 सितम्बर को 50 लाख के पार चले गए थे। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार देश में 24 सितम्बर तक कुल 6,89,28,440 नमूनों की जांच की गई, इनमें से 14,92,409 नमूनों की जांच बृहस्पतिवार को की गई।

भारत में कोरोना के मामले बढ़ने के कारण 

एहितयाती उपायों पर ध्यान नहीं देना

मामले बढ़ने की एक वजह लोगों द्वारा एहितयाती उपायों पर ध्यान नहीं देना है। संक्रमण फैलने के अन्य कारणों में त्योहार का मौसम, कोविड-19 का संदेह होने पर भी देर से जांच करवाना, संक्रमितों के संपर्क में आना, प्रवासियों का लौटना और अनलॉक (लॉकडाउन से चरणबद्ध तरीके से बाहर निकलने की प्रक्रिया) के कदम हैं। बीते कुछ दिन में नए मामले और उपचाराधीन मरीज भी बढ़े हैं। 

समय पर जांच नहीं कराना 

कोरोना के मामले बढ़ने का एक प्रमुख कारण समय पर जांच नहीं कराना है. लोगों को यह अहसास नहीं होता कि समय पर जांच नहीं करवाने पर वे अपने आसपास के कई लोगों को संक्रमित कर देंगे।  किसी भी सरकारी अस्पताल या दवाखाने में नि:शुल्क जांच करवाई जा सकती है।' 

मामूली लक्षणों की अनदेखी करना

मेदोर अस्पताल, कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया, के प्रभारी मनोज शर्मा ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए आने वाले लोगों की संख्या अब कम हो गई है।

उन्होंने कहा कि कई लोगों को लगता है कि मामूली लक्षण हैं तो वे ठीक हो जाएंगे। लोगों को यह डर भी लगता है कि अधिकारी उनके घर के बाहर स्टिकर चिपका देंगे और उनके पड़ोसियों को भी पता चल जाएगा। 

कोरोना वायरस को रोकने के उपाय

इस बात से चिंतित नीति आयोग के सदस्य और कोरोना राष्ट्रीय टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉक्टर वीके पॉल ने कहा है कि कोरोना काल में अगले दो माह ज्यादा सतर्कता वाले हैं। देखने में आ रहा है कि लोग मास्क का इस्तेमाल कम कर रहे हैं, जिससे संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है।

मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का रखें ध्यान

उन्होंने कहा, 'मेरी देशवासियों से अपील है कि वह खुद भी मास्क पहनें और लोगों को भी मास्क पहनने के लिए प्रेरित करें। अगले माह से त्योहार शुरू हो रहे हैं। ऐसे में लोगों से अपील है कि सामाजिक दूरी के नियमों का पालन जरूरी करें वरना जरा सी चूक बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है।

इम्यूनिटी सिस्टम बनाएं मजबूत

डा. पॉल ने कहा कि इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जरूरी है कि लोग हल्दी वाला दूध पीएं, च्यवनप्राश खाएं और काढ़ा जरूर पीएं। जिससे कोरोना संक्रमित होने से बचा जा सके।

वायरस से लड़ने के लिए पियें काढ़ा

उन्होंने कहा कि मौसम में बदलाव आने वाला है और सर्दी के दिनों में जुकाम व खांसी होना आम बात है। कोरोना और सर्दी के मौसम में होने वाला बुखार और जुकाम एक जैसे ही लक्षण को दर्शाते हैं। ऐसे में कुछ तरीकों को अपनाकर इससे बचा जा सकता है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

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