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देश में एक दिन में रिकॉर्ड 2 लाख से अधिक केस, इन 10 गलतियों की वजह से तेजी से बढ़ रहे हैं मामले

By उस्मान | Updated: April 15, 2021 09:55 IST

देश में कोरोना की वजह से तबाही मची हुई है और नए मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है

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कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। भारत में रोजाना रिकॉर्ड नए मामले सामने आ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में भारत में कोरोना के करीब 2 लाख नए मामले सामने आए हैं और एक हजार से अधिक मौतें हुई हैं।

वर्ल्डोमीटर के अनुसार, पिछले 24 घंटों के दौरान देश में 1.99 लाख से अधिक नए मामले सामने आए हैं। खबर लिखे जाने तक कोरोना के कुल मामले 14,070,890 हो गए हैं जबकि 1000 से अधिक मौतों के साथ कोविड से मरने वालों की कुल संख्या 1,73,152 हो गई है। 

भारत में कोरोना वायरस बढ़ने के कारण

गलत तरीके से मास्क पहनना

लॉकडाउन खुलने के बाद कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि लोग गलत तरीके से मास्क पहनते हैं। कई लोग आपको मास्क को गले में टांग लेते हैं। या फिर मुंह और नाक को कवर नहीं करते हैं। आपको बता दें कि ऐसा करने से आपके नाक या मुंह के जरिये बूंदें शरीर में प्रवेश कर सकती हैं। 

खुद को अलग नहीं करना

अगर आपको संदेह है कि आपको कोरोना जैसे लक्षण हैं जिनमें हल्के बुखार, खांसी या गले में खराश शामिल हैं, तो आपको खुद को अलग कर लेना चाहिए। अधिक गंभीर लक्षण, जैसे उच्च बुखार, कमजोरी, सुस्ती या सांस की तकलीफ वाले लोगों को तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। लेकिन लोग ऐसा नहीं कर रहे हैं। देखा गया है कि लोग इन लक्षणों के साथ ही बाहर घूम रहे हैं। ऐसा करना आपको और अन्य लोगों को जोखिम में डाल सकता है। 

मिथकों पर विश्वास करना

सोशल मीडिया पर कई इस तरह की जानकारियां वायरल हो रही हैं जिनमें कुछ तरीकों को आजमाकर कोरोना का इलाज करने का दावा किया जा रहा है। आपको बता दें कि अगर आपको किसी भी तरह का लक्षण महसूस हो रहा है तो आपको वायरल हो रहे मिथकों की बजाय डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऐसा नहीं करने से आप दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं। 

सिर्फ वैकल्पिक उपचार की तलाश

बीमार लोग वैकल्पिक उपचार या प्राकृतिक चिकित्सा पर भरोसा करके अपने और दूसरों के लिए अतिरिक्त खतरा पैदा कर सकते हैं। सीडीसी के अनुसार, कोरोना के लिए कोई टीका नहीं है। इसलिए लहसुन खाना, विटामिन सी वाले सप्लीमेंट खाना और अधिक गर्म पानी पीना आदि से सावधान रहें। किसी भी तरह के लक्षण महसूस होने पर टेस्ट कराएं और डॉक्टर की सलाह फॉलो करें।

साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखना

कुछ लोग साफ-सफाई पर अभी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। आपको ऐसे लोगों से निकट संपर्क से बचना चाहिए जो बीमार हैं। अपनी आँखें, नाक और मुंह नहीं छूना। अगर आप बीमार हैं तो घर पर रहें। खांसी या छींक के समय मुंह को कवर करें और टिश्यू को कचरे में डालना। नियमित रूप से घर की सफाई स्प्रे या वाइप्स का उपयोग करके अक्सर छुआ गई वस्तुओं और सतहों की सफाई और कीटाणुरहित करना।

मास्क नहीं पहनना

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि कुछ 'गैर जिम्मेदार' लोगों के मास्क नहीं पहनने तथा सामाजिक दूरी बनाकर नहीं रखने से भारत में कोरोना वायरस महामारी बढ़ रही है।

 सोशल डिस्टेंसिंग को भूल जाना

आईसीएमआर के डॉक्टर भार्गव ने कहा, 'मैं यह नहीं कहूंगा कि जवान या वृद्ध ऐसा कर रहे हैं, मैं कहूंगा कि गैर-जिम्मेदार, कम जागरुक लोग मास्क नहीं पहन रहे और सामाजिक दूरी का पालन नहीं कर रहे हैं जिससे भारत में महामारी बढ़ रही है।' 

कोविड-19 का डर कम होना

जनता के बीच कोविड-19 को लेकर डर कम होने लगा है। अब लोग दूरी बनाना जैसे नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। कहीं भी आपको पहले जैसे भीड़ मिल जाएगी। हाथ धोना, मास्क पहनना जैसी बातों को लोग भूलने लगे हैं।

जांच कराने नहीं जाना

मीडियोर अस्पताल कुतुब इंस्टीट्यूशन एरिया में प्रभारी डॉ मनोज शर्मा ने कहा कि भारी बारिश के कारण कुछ दिन तक कोरोना वायरस की जांच के लिए कम संख्या में लोग अस्पताल आए, इसके अलावा स्वतंत्रता दिवस, जन्माष्टमी जैसे अवकाश वाले दिनों और त्योहारों पर भी जांच के लिए कम संख्या में लोग आए। 

राममनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) में कोविड-19 के लिए नोडल अधिकारी देश दीपक ने कहा कि जांच की संख्या में बदलाव आ रहा है क्योंकि लोग छुट्टी वाले दिन बड़ी संख्या में नहीं आते।  

एहितयाती उपायों पर ध्यान नहीं देना

मामले बढ़ने की एक वजह लोगों द्वारा एहितयाती उपायों पर ध्यान नहीं देना है। संक्रमण फैलने के अन्य कारणों में त्योहार का मौसम, कोविड-19 का संदेह होने पर भी देर से जांच करवाना, संक्रमितों के संपर्क में आना, प्रवासियों का लौटना और अनलॉक (लॉकडाउन से चरणबद्ध तरीके से बाहर निकलने की प्रक्रिया) के कदम हैं। बीते कुछ दिन में नए मामले और उपचाराधीन मरीज भी बढ़े हैं। 

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