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Coronavirus: कोरोना वायरस से ठीक हुए लोग बचा सकते हैं मरीजों की जान, जानिये कैसे

By भाषा | Updated: May 5, 2020 14:42 IST

कोरोना वायरस से ठीक होने वाले मरीजों के शरीर में एंटीबॉडी विकसित होती हैं जो वायरस से लड़ने में सहायक हैं

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कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है और इससे अब तक 3,659,103 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इतना ही नहीं इससे अब तक 252,573 लोगों की मौत हो गई है और यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि 1,203,404 लोग ठीक भी हुए हैं। 

कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है लेकिन इस बीच इलाज में जुटे वैज्ञानिकों ने पाया है कि कोविड-19 से हाल में ठीक होकर अस्पताल से छुट्टी पाने वाले ज्यादातर मरीज वायरस के लिए विभिन्न विशिष्ट एंटीबॉडी और टी कोशिकाएं पैदा करते हैं।

कोरोना का टीका बनाने में मिल सकती है मदद

एक अध्ययन में यह सामने आया है जो इस घातक बीमारी के खिलाफ प्रभावी टीका बनाने में लाभदायी साबित हो सकता है। अध्ययन में 14 मरीजों का परीक्षण किया गया जिनमें विभिन्न तरह की रोग प्रतिरोधी प्रतिक्रियाएं देखी गई। इनमें से छह के अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद किए गए परीक्षण के परिणाम दिखाते हैं कि एंटीबॉडी कम से कम इतने वक्त तक बरकरार रहे।

अध्ययन यह भी दिखाता है कि वायरस का कौन सा हिस्सा इन रोग प्रतिरोधी प्रतिक्रियाओं को सक्रिय करने में ज्यादा प्रभावी हैं। इसलिए संभावित टीकों के जरिए उन्हीं हिस्सों को लक्षित करना होगा।

चीन की त्शिंगहुआ यूनिवर्सिटी के अलावा अन्य संस्थानों के अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि यह स्पष्ट नहीं है कि प्रतिरोधी प्रतिक्रियाओं का स्तर अलग-अलग मरीजों में भिन्न क्यों है। उनका कहना है कि यह भिन्नता मरीज के शरीर में प्रवेश करने वक्त वायरस की शुरुआती मात्रा से, उनकी शारीरिक स्थितियां या सूक्ष्मजीविता (माइक्रोबायोटा) से संबंधित हो सकती है।

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि अन्य खुले प्रश्न ये हैं कि क्या ये रोग प्रतिरोधी प्रतिक्रियाएं फिर से सार्स-सीओवी-2 के संपर्क में आने पर कोविड-19 से मरीज की रक्षा करेंगी। साथ ही सवाल यह भी है कि किस प्रकार की टी कोशिकाएं वायरस के संक्रमण से सक्रिय होती हैं।

उन्होंने कहा कि यह भी गौर करना आवश्यक है कि प्रयोगशाला परीक्षण जिनका इस्तेमाल मानव में सार्स-सीओवी-2 के प्रति एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए किया जाता है, उनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की और पुष्टि किए जाने की जरूरत है। यह अध्ययन ‘इम्युनिटी’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।  

देश में कोरोना वायरस ने 1,568 लोगों की जान ली, मामले बढ़कर 46,433  हुए

देश में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 1,568 हो गई और संक्रमित मामलों की तादाद 46,433 पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि संक्रमण से 12,726 मरीज ठीक हो गए हैं और एक रोगी देश से बाहर जा चुका है।

वहीं कोविड-19 से संक्रमित 32,138 मरीजों का अब भी इलाज चल रहा है। कुल मामलों में 111 विदेश नागरिक शामिल हैं। सोमवार शाम से कुल 179 मरीजों की जान गई है जिनमें से 98 की पश्चिम बंगाल में मौत हुई है। इसके बाद महाराष्ट्र में 35, गुजरात में 29, राजस्थान में छह, उत्तर प्रदेश में पांच, पंजाब में दो, हरियाणा, तमिलनाडु और चंडीगढ़ में एक-एक मरीज की मौत हुई है।

देश में कोविड-19 से हुई 1,568 मौतों में से सबसे ज्यादा 583 लोगों की जान महाराष्ट्र में गई है। इसके बाद गुजरात में 319, मध्य प्रदेश में 165, पश्चिम बंगाल में 133, राजस्थान में 77, दिल्ली में 64, उत्तर प्रदेश में 50 और आंध्र प्रदेश में 36 मरीजों ने दम तोड़ा है। तमिलनाडु में मृतकों का आंकड़ा 31 तक पहुंच गया है, जबकि तेलंगाना में 29 लोगों की संक्रमण ने जान ली है।

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