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Covid-19 treatment: क्या mouthwash या nasal rinse कोरोना वायरस को बेअसर कर सकते हैं ?

By उस्मान | Updated: October 26, 2020 11:09 IST

कोरोना वायरस का इलाज : कई कंपनियों ने ऐसे उत्पाद बनाए हैं जिनका इस्तेमाल वायरस से लड़ने के लिए मुंह या नाक के जरिये किया जाता है

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ठळक मुद्देटीके या दवाओं को नाक या मुंह से देने से वायरस से अधिक सुरक्षा मिल सकती हैशोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस पर इसके प्रभाव को लेकर कोई जांच नहीं कीजॉनसन बेबी शैम्पू की नजर रिंस एक मिनट में 99 प्रतिशत से अधिक वायरस को निष्क्रिय करने में सक्षम

कोरोना वायरस का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। चीन से निकले इस खतरनाक वायरस से दुनियाभर में 43,345,944 लोग संक्रमित हो गए हैं जिनमें से 1,159,093 लोगों की मौत हो गई है। कोरोना का अभी तक कोई स्थायी इलाज या टीका उपलब्ध नहीं है।

कोरोना के लिए कई टीकों और दवाओं पर काम जारी है। कई रिसर्च में यह भी दावा किया जा रहा है कि कोरोना के टीके या दवाओं को नाक या मुंह से देने से वायरस से अधिक सुरक्षा मिल सकती है।  

मेडिकल वायरोलॉजी के जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि नेजल रिंस और माउथवॉश ह्यूमन कोरोना वायरस को सीधे प्रभावित करके 'अतिरिक्त सुरक्षा' प्रदान करने में सक्षम हो सकते हैं। 

हालांकि शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस पर इसके प्रभाव को लेकर कोई जांच नहीं की है और ऐसे कोई संकेत नहीं हैं कि यह चीजें कोविड-19 को रोक सकती हैं।

ऐसे सैकड़ों कोरोना वायरस हैं, जो जानवरों में बीमारियों का कारण बनते हैं। आज तक केवल सात प्रकारों की पहचान की गई है जो मनुष्यों को संक्रमित करते हैं।

शरीर में कोरोना वायरस मुंह और नाक के जरिये प्रवेश करता है। यही वजह है कि कई फार्मा कंपनियों ने कई ऐसे उत्पाद तैयार किये हैं जिन्हें नाक या मुंह से जरिये दिया जा सकता है ताकि इनका प्रभाव ज्यादा हो सके।  एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि जॉनसन बेबी शैम्पू की नजर रिंस एक मिनट में 99 प्रतिशत से अधिक वायरस को निष्क्रिय करने में सक्षम है जबकि 2 मिनट में 99.9 प्रतिशत से अधिक वायरस को।

ओरल रिंस के मामले में भी, शोधकर्ताओं ने 30 सेकंड, 1 और 2 मिनट के संपर्क समय का परीक्षण किया। तीन ओरल रिन्स ने ह्यूमन कोरोना वायरस को निष्क्रिय करने के लिए समान क्षमता का प्रदर्शन किया।

इनमें से लिस्टरीन एंटीसेप्टिक 99.99 प्रतिशत से संक्रामक वायरस के स्तर को कम करने में सक्षम था। शोधकर्ताओं ने यह भी उल्लेख किया कि सभी लिस्टेरिन जैसे सभी माउथवॉश और गार्गल संक्रामक वायरस को 99 प्रतिशत से अधिक कम करने में सक्षम थे।

शोधकर्ताओं ने सार्स-को-2 के खिलाफ माउथवॉश और नेजल रिन्स की प्रभावकारिता का परीक्षण नहीं किया था। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह अधिक महंगा होता, वायरस कम उपलब्ध होता है और इसके लिए जैव-स्तर 3 प्रयोगशाला जांच की आवश्यकता होती है।

इस बात का रखें ध्यानकोविड-19 के मामले में ऐसा कोई सबूत नहीं है कि गले की स्वच्छता बनाए रखना और नियमित रूप से गरारे करने से संक्रमण को रोक सकता है।

भारत में कोरोना के मरीज 79 लाख से पार

इस बीच भारत में कोरोना के मरीज 79 लाख से पार हो गए हैं। देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के 45,149 नए मामले सामने आए। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई है। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 480 मरीजों की मौत हुई है। अबतक 79,09,960 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमे से 6,53,717 सक्रिय मामले हैं और 71,37,229 लाख ठीक हो गए हैं, जिन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है। वहीं, 1,19,014 मरीजों की मौत हो चुकी है।

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार देश में 25 अक्टूबर तक कुल 10,34,62,778 नमूनों की जांच की गई, इनमें से 9,39,309 नमूनों की जांच शनिवार को की गई।

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