कोरोना वायरस से दुनियाभर में अब तक 445,986 लोगों की मौत हो चुकी है और 8,257,885 से ज्यादा लोग संक्रमित हो गए हैं। कोरोना का अभी तक कोई स्थायी इलाज नहीं मिला है हालांकि दुनियाभर के तमाम वैज्ञानिक दिन-रात इसके इलाज में जुटे हैं।
इस बीच एक पॉजिटिव खबर यह आई है कि इंग्लैंड में वैज्ञानिकों की एक टीम ने दावा किया है उन्हें इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि एक स्टेराइड दवा के इस्तेमाल से कोरोना संक्रमण से गंभीर रूप से बीमार मरीजों को मौत से बचाया जा सकता है।
द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, त्वचा संबंधी समस्याओं और एलर्जी के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) को कोरोना वायरस के उपचार में फायदेमंद पाया गया है और मृत्यु दर के जोखिम को कम करने में सफल रही है।
कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स एडर्नल ग्लैंड द्वारा स्रावित हार्मोन का एक वर्ग है। इस वर्ग की औषधियां इन यौगिकों की सिंथेटिक कॉपी है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने अपने एक बयान में कहा है कि 'रिकवरी ट्रायल' में इस दवा के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।
डेक्सामेथासोन क्या है (What is Dexamethasone)
डेक्सामेथासोन एक कॉर्टिकोस्टेरॉइड है जिसका आमतौर पर शरीर में सूजन की स्थिति को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है जैसे कि एलर्जी संबंधी विकार और सूजन आंत्र रोग। इसके अलावा इस दवा का ल्यूपस, रुमेटीइड आर्थराइटिस और मायस्थेनिया ग्रेविस जैसे ऑटोइम्यून डिजीज के इलाज के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
किन बीमारियों के लिए इस्तेमाल होती है डेक्सामेथासोन (Uses and side effects of Dexamethasone)
यह सूजन को कम करके रोगियों को इन बीमारियों से बचाने में सहायक है। इसे शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा को दबाने के लिए भी जाना जाता है। यही वजह है कि रोगियों को अक्सर टीबी जैसे संक्रमण का टेस्ट किये जाने के बाद ही इसे शुरू किया जाता है। दवा के उपयोग के दौरान रोगी को इस तरह के संक्रमण को पकड़ने की संभावना बहुत अधिक है। अगर इसके दुष्प्रभावों की बात करें तो इसमें अवसाद और रक्तचाप का बढ़ना शामिल हैं।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम को मिली कामयाबी
रिकवरी ट्रायल को समझने के लिए यह सबसे बड़े प्रयोगों में से एक है। इसमें 2104 रोगियों को शामिल किया गया था और इन्हें 10 दिनों तक 6 मिलीग्राम डेक्सामेथासोन की कम खुराक दी थी। जब उनके परिणामों की तुलना मानक देखभाल प्राप्त करने वाले 4321 रोगियों के साथ की गई, तो स्टेरॉयड ने वेंटिलेटर पर पहले से ही रोगियों में एक तिहाई और अन्य तरीकों से पूरक ऑक्सीजन प्राप्त करने वाले रोगियों में एक-तिहाई से मृत्यु को कम कर दिया।
दवा के इस्तेमाल के बाद श्वसन संबंधी मशीनों के साथ उपचार करा रहे मरीजों की मृत्यु दर 35 प्रतिशत तक घट गयी।जिन लोगों को ऑक्सीजन की सहायता दी जा रही थी उनमें भी मृत्यु दर 20 प्रतिशत कम हो गयी।
रेमेडिसविर से ज्यादा असरदार है डेक्सामेथासोन
डेक्सामेथासोन का प्रभाव रेमेडिसविर की तुलना में बहुत अधिक मजबूत है। रेमेडिसविर एक ऐसी दवा है जो अब तक कोविड-19 रोगियों के इलाज में मदद करती है। इस एंटीवायरल दवा ने उन दिनों की संख्या को कम कर दिया जब गंभीर रोगियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन यह स्पष्ट रूप से मौतों को कम नहीं करती है।
डब्ल्यूएचओ का क्या कहना है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक, टेड्रोस अदनोम घेबेयियस ने डेक्सामेथासोन के परिणामों को "महान समाचार" बताया है। यह पहली कोविड-19 दवा है जो स्पष्ट रूप से मृत्यु दर को कम करने में साबित हुई है।