कोरोना वायरस का खतरा अभी कम नहीं हुआ है। एक्सपर्ट्स तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं। इसे देखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशकों ने लोगों कोरोना से जुड़े नियमों का पालन करते रहने की सलाह दी है।
इंडिया डॉट कॉम के अनुसार, एम्स निदेशकों ने कहा है कि 'जब तक बिल्कुल आवश्यक न हो, घर से बाहर निकलने से बचें। जब भी आप घर से बाहर निकलें तो मास्क पहन कर ही निकलें। साबुन से हाथ धोते रहें। किसी भी चीज को छूने के बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल जरूर करें।'
1) दिल्ली एम्स के निदेशक, डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि त्योहारों का मौसम आ रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।
2) रायबरेली एम्स के निदेशक डॉ अरविंद राजवंशी ने कहा कि अगर लोग सख्ती से कोविड-अनुपालन व्यवहार का पालन करते हैं, तो निश्चित रूप से एक नई कोविड लहर को रोका जा सकता है।
उन्होंने कहा कि लोगों को कोविड से जुड़े नियमों का पालन करना होगा, ठीक से मास्क पहनना होगा, हाथों को लगातार साफ करना, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना होगा और तीसरी लहर को रोकने के लिए सामाजिक दूरी का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार वैक्सीन को सभी के लिए समान रूप से सुलभ बनाने की कोशिश कर रही है।
पिछले हफ्ते गुलेरिया ने यह भी कहा था कि भारत कोरोना वायरस की तीसरी लहर नहीं देख सकता है, लेकिन यह काफी हद तक कोविड मानदंडों का पालन करने वाले लोगों पर निर्भर करता है। गुलेरिया ने कहा था, "मुझे नहीं लगता कि हम तीसरी लहर देखेंगे जो दूसरी लहर जितनी खराब होगी।"
3) भोपाल एम्स के निदेशक डॉ सरमन सिंह ने कहा कि सभी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी उपचार दिशा-निर्देशों का ठीक से पालन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, 'हमें लोगों को बीमारी की गंभीरता, विभिन्न निवारक उपायों और टीकाकरण के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए पंचायतों, ग्राम सभाओं और गांवों में समुदाय के प्रभावशाली लोगों को जोड़ने की जरूरत है। इन स्थानीय निकायों को भविष्य की आपदाओं को कम करने के लिए स्थानीय स्तर पर बुनियादी ढांचे के विकास पर भी जोर देना चाहिए।
4) रायपुर एम्स के निदेशक डॉ नितिन अमनगरकर ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर बहुत गंभीर थी और इसने राज्य को बुरी तरह प्रभावित किया था। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत भी अछूता नहीं था।
उन्होंने कहा कि संक्रमण के मामले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत अंतर नहीं था। संक्रमण एक शहर से दूसरे गांव में, एक छोटे से जगह से बड़े शहर में और एक शहर से दूसरे गांव में उन जगहों पर फैल गया जहां लॉकडाउन के बाद भी प्रतिबंधों का सख्ती से पालन नहीं किया जा रहा था।
5) पटना एम्स के निदेशक पीके सिंह ने कहा कि कोविड नियमों का पालन न केवल संक्रमण की श्रृंखला को रोकेगा, बल्कि टीकाकरण के कारण पूरी आबादी पर सरकार के आर्थिक बोझ को कम करने में भी मदद करेगा।
उन्होंने कहा, "हम कोविड की अगली लहर से तभी बच सकते हैं जब वैक्सीन को बड़े पैमाने पर प्रशासित किया जा रहा हो और वैक्सीन मिलने के बाद भी, कोविड नियमों का पालन किया जा रहा हो।