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लक्षण दिखते ही कोरोना टेस्ट कराने से रिपोर्ट आ सकती है निगेटिव, सटीक रिजल्ट के लिए इतने दिनों बाद कराएं जांच

By भाषा | Updated: June 11, 2020 16:42 IST

वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि लक्षण दिखने पर जल्दी से जांच कराने से कोई फायदा नहीं है, इससे रिपोर्ट सही नहीं आती है

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ठळक मुद्देशुरुआत में जांच की जाती है तो नतीजों में ऐसा हो सकता है कि वह संक्रमित न पाया जाएजल्दी जांच कराने से 67 प्रतिशत से अधिक लोगों के संक्रमित न पाए जाने की संभावना

कोरोना वायरस को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है और यह डायलॉग इस महामारी पर एक दम सटीक बैठ रहा है। वैज्ञानिक छह महीने बाद भी इस खतरनाक वायरस के बारे में पूरी तरह नहीं जान पाए हैं। जब तक उन्हें कुछ समझ आता है, तब तक एक हैरान करने वाली जानकारी आ चुकी होती है. 

कोरोना को लेकर अब जो नई जानकारी सामने आई है वो यह है कि अगर कोई शख्स कोविड-19 से संक्रमित होता है और शुरुआती स्तर पर ही उसकी जांच की जाती है तो नतीजों में ऐसा हो सकता है कि वह संक्रमित न पाया जाए जबकि असल में वह इस बीमारी की चपेट में आ चुका होता है। 

लक्षण दिखने के तीन दिन टेस्ट कराना बेहतरएक अध्ययन में यह दावा करते हुए कहा गया है कि इस विषाणु की जांच लक्षण दिखाई देने के तीन दिन बाद करना बेहतर होता है। यह अध्ययन पत्रिका ‘ऐनल्ज़ ऑफ इंटरनल मेडिसिन’ में प्रकाशित हुआ है। अमेरिका के जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अस्पताल में भर्ती मरीजों समेत कई अन्य मरीजों के मुंह के लार के 1,330 नमूनों का विश्लेषण किया।

जांच निगेटिव आने से दूसरे लोगों को भी खतराअध्ययन की सह लेखक लॉरेन कुसिर्का ने कहा, ‘‘चाहे किसी व्यक्ति में लक्षण हों या न हों लेकिन वह संक्रमित नहीं पाया जाता है तो यह इस बात की गारंटी नहीं है कि वह विषाणु से संक्रमित नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संक्रमित न पाए जाने पर हम मानते है कि यह जांच सही है और इससे दूसरे लोगों की जान जोखिम में पड़ जाती है।’’ 

अधिक आशंका वालों का हो इलाजवैज्ञानिकों के अनुसार जिन मरीजों के कोरोना वायरस की चपेट में आने की अधिक आशंका होती है उनका संक्रमित मानकर इलाज करना चाहिए खासतौर से अगर उनमें कोविड-19 के अनुरूप लक्षण हैं। उनका मानना है कि मरीजों को जांच की कमियों के बारे में भी बताना चाहिए। 

कम से कम आठ दिन बाद हो जांचआंकड़ों के आधार पर शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया कि संक्रमण की चपेट में आने के चार दिन बाद जिनकी जांच की जाती है उनमें 67 प्रतिशत से अधिक लोगों के संक्रमित न पाए जाने की संभावना होती है भले ही वे असल में संक्रमित होते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण की जांच कराने का सबसे सही समय संक्रमण के आठ दिन बाद है जो कि लक्षण दिखने के औसतन तीन दिन हो सकता है।  

कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है और इस खतरनाक वायरस की चपेट में अब तक 418,919 लोगों की मौत हो गई है और कुल संक्रमितों की संख्या 7,452,809 के ज्यादा हो गई है। यह आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है. भारत में इस महामारी से 287,155 लोग प्रभावित हुए हैं और मरने वालों की संख्या 8,107 हो गई है। 

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