देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने कोविड-19 के लिए एंटीजन टेस्ट (antigen test) को मंजूरी दी है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसका रिजल्ट केवल 30 मिनट में आ सकता है। आईसीएमआर और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने कम संवेदनशीलता के साथ इसकी उच्च विशिष्टता को देखते हुए इस टेस्ट की सिफारिश की है।
इसे स्टैण्डर्ड क्यू कोविड-19 एजी किट (Standard Q COVID-19 Ag kit) के रूप में जाना जाता है। एंटीजन टेस्ट को दक्षिण कोरियाई जैव प्रौद्योगिकी फर्म एसडी बायोसॉर द्वारा विकसित किया गया है।
एंटीजन टेस्ट की कीमत और रिजल्ट का समय
बताया जा रहा अहै कि इस एक टेस्ट किट का खर्च 450 रुपये आएगा और इसक रिजल्ट 30 मिनट में आ सकता है। अभी जिस प्रणाली आरटी-पीसीआर (RTPCR) टेस्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसका रिजल्ट आने में 3-4 घंटे लगते हैं।
आईसीएमआर ने आरटी-पीसीआर टेस्ट के साथ इस किट का उपयोग करने की सलाह दी। एंटीजन टेस्ट द्वारा कोविड-19 निगेटिव आने वाले संदिग्ध व्यक्ति में संक्रमण का पता लगाने के लिए आरटी-पीसीआर द्वारा टेस्ट किया जाना चाहिए। हालांकि पॉजिटिव आने वालों के रिजल्ट को वास्तविक सकारात्मक माना जाना चाहिए और आरटी-पीसीआर परीक्षण द्वारा पुन: पुष्टि की आवश्यकता नहीं है।
आईसीएमआर ने सुझाव दिया है कि टेस्टिक किट का इस्तेमाल इन्फ्लूएंजा वाले सभी मरीजों के लिए किया जाना चाहिए। अस्पतालों में इस किट का इस्तेमाल सभी मरीजों इन्फ्लुएंजा जैसे इलनेस के रोगियों, बिना लक्षण वाले मरीजों के लिए किया जाता है जो कीमोथेरेपी और ट्रांसप्लांट के लिए अस्पताल में भर्ती होते हैं या जो 65 साल से अधिक अधिक होते हैं।
एंटीजन टेस्ट क्या होता है (What is antigen test)
आमतौर पर एंटीबॉडी टेस्ट के लिए ब्लड सैंपल लिए जाते हैं। जबकि एंटीजन टेस्ट के लिए स्वैब का सैंपल लिया जाता है। आईसीएमआर के मुताबिक इस किट से 99-100% तक नतीजे सही आते हैं। ये इस बात भी निर्भर करता है कि किसी मरीज के अंदर कोरोना वायरस की मात्र कितनी ज्यादा है।
एंटीजन टेस्ट किट से ऐसे होती है जांच
1) पैकेट में एक फॉइल के भीतर टेस्ट डिवाइस होती है। किट के भीतर पेपर स्टैंड, स्टेराइल स्वैब और एक्ट्रैएक्शन बफर ट्यूब होती है। इसके अलावा एक पेपर स्टैंड भी होता है।
2) टेस्ट करने वाला हेल्थ वर्कर पीपीई किट पहने होना चाहिए। इसके अलावा उसके पास एक टाइमिंग डिवाइस या घड़ी भी होनी चाहिए।
3) आरटी-पीसीआर में जहां खून निकालना पड़ता है, वहीं एंटीजन टेस्ट में नेजल स्वैब कलेक्टट की जाती है। इसके लिए एक स्टेराइल ट्यूब संदिग्ध की नाक में डालकर सैंपल लिया जाता है।
4) सैंपल को एक कलेक्शन स्वैब में भरा जाता है। फिर उसे एक वायरल एक्सट्रैक्शन बफर में डाल दिया जाता है ताकि अगर वायरस हो तो वो इनऐक्टिव हो जाए।
5) एक नॉजल के जरिए सैंपल की 2-3 बूंदें टेस्ट स्ट्रिप के वेल में गिराई जाती हैं। 15 मिनट में स्ट्रिप का रंग बदलना यह बता देता है कि कोरोना है या नहीं।
6) अगर सैंपल पॉजिटिव मरीज का होगा तो कंट्रोल लाइन गुलाबी या लाल हो जाएगी। टेस्ट लाइन का रंग भी बदलना चाहिए। लेकिन टेस्ट लाइन का रंग न बदले तो समझिए सैंपल निगेटिव है।