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COVID-19: आंख में कोरोना की मौजूदगी का पता लगाएगा एम्स, ये हैं आंखों में दिखने वाले कोरोना के 3 लक्षण

By उस्मान | Updated: September 14, 2021 13:35 IST

कोविड-19 कारण मरने वालों की आंख के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस की मौजूदगी का पता लगाने के लिए होगा अध्ययन

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ठळक मुद्देआंखों में कोरोना की मौजूदगी का होगा अध्ययनएम्स का राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र करेगा अध्ययनआंखों में दिख सकते हैं कोरोना वायरस के लक्षण

कोरोना वायरस विभिन्न तरीके से प्रभावित कर रहा है। यह वायरस नाक के जरिये फैलता है लेकिन कई अध्ययन में बताया गया है कि आंखों के जरिये भी शरीर में प्रवेश कर सकता है। इसकी पुष्टि करने के लिए एम्स का राजेंद्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केंद्र कोविड-19 कारण मरने वालों की आंख के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस की मौजूदगी का पता लगाने के लिए एक अध्ययन कर रहा है। 

केंद्र के प्रमुख डॉक्टर जे एस टिटियाल ने कहा कि अध्ययन के लिए पांच नेत्र गोलक एकत्र किए गए हैं। टिटियाल ने कहा, 'शोध अध्ययन से कोविड-19 संक्रमित मृतक के कॉर्निया, ऑप्टिक नर्व और रेटिना में कोरोना वायरस की मौजूदगी का पता लगाने में मदद मिलेगी।'  

उन्होंने कहा, 'इन ऊतकों में कोरोना वायरस की उपस्थिति का पता लगाने और आनुवंशिक सबूतों की तलाश के लिए नेत्र गोलकों के विभिन्न आणविक परीक्षण किये जाएंगे।' 

आरपी सेंटर की डॉ नम्रता शर्मा ने कहा कि अभी तक ऐसा कोई प्रमाणित सबूत नहीं है जो कोविड​​​-19 और दृष्टिहीनता के बीच कोई सीधा संबंध स्थापित करता हो। 

शर्मा ने कहा, ''रेटिनल और वीनस ब्लॉक के अलग-अलग मामले सामने आए हैं, जिससे थ्रोम्बोम्बोलिज़्म के कारण दृष्टि में अचानक कमी आ सकती है। लेकिन इस बारे में अब तक कोई प्रामाणिक कारण और प्रभाव ज्ञात नहीं है। 

हालांकि इससे पहले कई ऐसे अध्ययन सामने आए हैं जिनमें दावा किया गया है कि कोरोना नाक या मुंह के माध्यम से फैलता है लेकिन यह वायरस आंखों से भी अंदर घुस सकता है। विशेषज्ञों ने कुछ ऐसे शुरुआती संकेतों का पता लगाया है जिससे पता चलता है कि कोरोना आंखों के जरिये भी फैल सकता है। 

कोरोना आंखों को कैसे प्रभावित करता है?

विशेषज्ञों का मानना है कि कोरों वायरस आंखों की श्लेष्म झिल्ली, आंखों की सतह, आंतरिक पलकों में इकट्ठा हो सकता है और बढ़ सकता है। यदि आप एक दूषित सतह को छूते हैं, तो संक्रमण आपकी दृष्टि को भी प्रभावित कर सकता है। 

यही वजह है कि कोरोना संकट में अपनी आंखों, मुंह या नाक को छूने से बचना चाहिए। डॉक्टरों का मानना है कि लगभग 1-3 फीसदी लोगों को आंखों के संक्रमण से संबंधित लक्षण विकसित हो सकते हैं। 

बीएमजे ऑप्थल्मोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में अब लोगों को  आंखों के संक्रमण के शुरुआती लक्षणों का पता चला है, जो शुरुआती हफ्तों में महसूस हो सकते हैं, यह लक्षण खांसी, बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द से बिल्कुल अलग हैं। 

आंखों से जुड़े कोरोना वायरस के लक्षण

लाइट से परेशानी होनाअध्ययन के अनुसार, लगभग 18% रोगियों ने प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता का अनुभव किया, जिसे फोटोफोबिया भी कहा जाता है। लक्षण तब हो सकता है जब वातावरण में प्रकाश बहुत अधिक उज्ज्वल होता है और रोगी के लिए असुविधा का कारण बनता है। इस लक्षण के कारण आंखों में सूजन, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द भी हो सकता है। 

आंखों में खुजली होनाजिस तरह गले में खराश होती है उसी तरह आंखों में भी बेचैनी हो सकती है। यह एक कोरोना वायरस का लक्षण हो सकता है। अध्ययन में पाया गया कि लगभग 17% रोगियों में आंखों में खुजली होती है, जबकि 16% में आंखों में दर्द होता है। 

खुजली और आंखों की खराश से आंखें लाल हो सकती हैं। यह आंखों के संक्रमण और एलर्जी के कारण हो सकती है। अत्यधिक रगड़ने से समस्या और बढ़ सकती है। कुछ लोगों को आंखों में जलन, लालिमा, आंखों के आसपास फुंसियां जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। इसके अलावा एलर्जी के अन्य लक्षण जैसे बहती नाक या छींक आना भी हो सकते हैं।

कंजंक्टिवाइटिस या आंख आनाकई अध्ययनों ने संकेत दिया है कि कोरोना वायरस के रोगियों में कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण दिख सकते हैं। इसे पिंक आइज भी कहा जाता है। इसमें आपकी आंखों का रंग लाल या पिंक हो सकता है, गीली हो सकती है, सूजन हो सकती है और अक्सर खुजली हो सकती है। 

( समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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