कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमितों और मृतकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अस्पतालों में रोगियों की भीड़ लगी हुई है। ऑक्सीजन को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। लेकिन सवाल यह है कि क्या कोरोना के हर मरीज को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है? ऑक्सीजन के मामले में कब गंभीर होने की जरूरत है ?
टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना वायरस के वयस्क मरीजों में कोरोना के प्रबंधन के लिए क्लिनिकल गाइडलाइन्स की एक सूची जारी की है। इसमें कोरोना के हल्के, मध्यम और गंभीर लक्षणों के बारे में बताया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि किस स्थिति में अस्पताल की जरूरत पड़ सकती है।
हाल ही में एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने नारायण हेल्थ के अध्यक्ष डॉक्टर देवी शेट्टी और मेदांता के अध्यक्ष डॉक्टर नरेश त्रेहन सहित डॉक्टरों के एक उच्च-स्तरीय समूह ने कोरोना से संबंधित मुद्दों को लेकर संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि अगर किसी मरीज की ऑक्सीजन संतृप्ति 94 फीसदी से ऊपर है तो ऑक्सीजन की कमी से घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को शरीर में दर्द, सर्दी, खांसी, अपच, उल्टी जैसे कोई लक्षण हैं, तो उन्हें कोरोना की जांच करानी चाहिए।
कोरोना के इन 8 लक्षणों को लेकर रहे सतर्क
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्दी पता चल जाए, तो कोरोना की कई जटिलताओं के हराया जा सकता है। हालांकि, कुछ लक्षणों को लेकर सतर्क रहना चाहिए और तुरंत अस्पताल जाना चाहिए।
- आराम करते समय सांस की तकलीफ होना- सूखी खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी होना- अजीब तरह की खांसी जो बढ़ती जा रही है- मानसिक स्थिति में भ्रम या अचानक परिवर्तन- छाती में दर्द- ऑक्सीजन लेवल कम होना- अत्यधिक नींद या जागने में परेशानी- होंठ या चेहरे का लाल होना
देश में कोरोना के मामले 1 लाख 86 हजार पार
भारत सहित पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। दूसरी लहर में संक्रमितों और मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ल्डओ मीटर के अनुसार पूरी दुनिया में कोरोना के मामले 145,346,871 पार हो गए हैं जबकि 3,085,288 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।
अगर बात करें भारत की तो यहां पिछले 24 घंटे में तीन लाख 32 हजार 730 नए मामले सामने आए हैं। साथ ही 2263 लोगों की जान भी चली गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 1 लाख 86 हजार 920 हो गई है। वहीं एक्टिव केस 24 लाख 28 हजार 616 हो गए हैं।
अब तक कुल 13 करोड़ 54 लाख 78 हजार 420 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। ये लगातार दूसरा दिन है जब संक्रमण के तीन लाख से अधिक केस भारत में आए हैं। यही नहीं, ये लगातार 17वां दिन भी है जब भारत में एक लाख से अधिक केस दर्ज किए गए हैं।
साथ ही दुनिया के किसी भी देश में दो दिन में कोरोना के आने वाले ये सबसे अधिक केस हैं। आंकडो़ं का सिलसिला यहीं नहीं रूकता है। ये लगातार 10वां दिन है जब भारत में कोरोना से एक हजार से ज्यादा मौतें दर्ज हुई। वहीं ये लगातार तीसरा दिन भी है जब 2000 से ज्यादा मौत देश में कोरोना से हुई है।
कोरोना संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने की दर भारत में अब गिरकर 83.9 प्रतिशत रह गई है। वहीं, कोरोना से राष्ट्रीय स्तर पर मृत्यु दर गिरकर 1.1 प्रतिशत हो गई है।