लाइव न्यूज़ :

वैज्ञानिकों का दावा, अगर सिर्फ 70% लोग अभी भी कर लें यह एक आसान काम तो खुद खत्म हो सकता है कोरोना वायरस

By उस्मान | Updated: November 26, 2020 08:44 IST

कोरोना वायरस को रोकने के उपाय : इलाज से बेहतर सुरक्षा है, वैक्सीन के इंतजार में न रहें, पहले अपनी सुरक्षा खुद करना सीखें

Open in App
ठळक मुद्देशोधकर्ताओं ने फेस मास्क को बताया बड़ा हथियारबढ़िया क्वालिटी वाले फेस मास्क रोक सकते हैं वायरसकपडे के फेस मास्क भी हैं कारगर

बेशक कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है लेकिन वैज्ञानिकों को अभी भी उम्मीद है कि इसे मिलकर ही रोका जा सकता है। शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में दावा किया है कि अगर 70 फीसदी लोगों ने लगातार मास्क पहन लिया होता तो इस महामारी को आराम से काबू किया जा सकता था। 

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने मास्क को कोरोना के खिलाफ एक महत्वपूर्ण उपयोग बताते हुए कहा है कि बेहतर क्वालिटी का मास्क पहनकर कोरोना वायरस से निपटा जा सकता है। 

फिजिक्स ऑफ फ्लुइड्स नामक जर्नल में प्रकाशित इस शोध ने फेस मास्क पर किए गए अध्ययनों का आंकलन किया और उन्होंने यह जानने की कोशिश की है कि क्या मास्क संक्रमित लोगों को रोगजनक फैलाने वाले वायरस की प्रजनन संख्या को कम करते हैं।

नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर के वैज्ञानिकों का मानना है कि सर्जिकल फेस मास्क जैसे मास्क महामारी को रोक सकते हैं। यहां तक कि कम कुशल कपड़े के मास्क भी वायरस के फैलने की गति को धीमा कर सकते हैं यदि लगातार पहना जाए।

वैज्ञानिकों के अनुसार, फेस मास्क किसी व्यक्ति के बात करते, खांसते या छींकते समय नाक और मुंह से निकली बूंदों को रोकने का काम करता है। बड़ी बूंदों का साइज 5-10 माइक्रोन होता है जबकि 5 माइक्रोन से नीचे की छोटी बूंदें संभवतः अधिक खतरनाक हैं।

उन्होंने बताया कि उपयोग में आने वाले कई प्रकार के फेस मास्क, जैसे कपड़ा मास्क, सर्जिकल मास्क और एन 95 मास्क केवल बाद वाले एरोसोल-आकार की बूंदों को फिल्टर कर सकते हैं। 

शोधकर्ताओं ने कहा कि फेस मास्क कई घंटों तक सुरक्षा दे सकता है। चिकित्सकों और अन्य आवश्यक कर्मचारियों के लिए मास्क पहनना अधिक प्रभावी हो सकता है।

मास्क पहनते समय न करें ये गलतियां

नाक और मुंह को करें कवरमास्क को केवल नाक के ऊपर पहना जाता है ठोड़ी के नीचे नहीं और न सिर्फ मुंह पर। ऐसा करने से नाक खुली रहती है और हवा पास होती रहती है। बेहतर मास्क भी गलत तरीके से पहनने पर सुरक्षा नहीं करता है। 

बार-बार मास्क न उतारेंकई लोग मास्क को बार-बार उतारकर डेस्क, फर्श, टेबल या किसी सतह पर रख देते हैं। आपको बता दें कि वायरस सतह से फैलता है। ऐसा करने से आपका मास्क दूषित हो सकता है। 

बार-बार मास्क को छूने से बचेंबार-बार मोबाइल फोन, आईपैड, कीपैड या अन्य गैजेट को छूने के बाद मास्क को छूने से भी वो दूषित हो सकता है। इसलिए आपको बार-बार मास्क को छूने से बचना चाहिए। 

बात करते समय मुंह से नीचे न करेंबातचीत या खाने के दौरान मास्क को ठोड़ी के नीचे खींचना नहीं चाहिए। ऐसा करने से आपको कोई फायदा नहीं होने वाला है।

सिर्फ एक दिन एक मास्क पहनेंएक्सपर्ट मानते हैं कि किसी भी तरह का मास्क केवल एक दिन ही सुरक्षा दे सकता है क्योंकि इसमें मिट्टी के कण जाने से दूषित होने का खतरा होता है। आप जितने दिनों तक एक मास्क को पहनकर रखेंगे, वो उतना ही अधिक संक्रामक होता रहेगा। एक फेस मास्क को कभी भी एक दिन से अधिक समय तक नहीं पहनना चाहिए। 

सही तरीके से करें निपटानइस्तेमाल किये हुए मास्क को आपको कहीं भी नहीं फेंकना चाहिए। संभव है उसमें किसी तरह का वायरस हो जो दूसरों को प्रभावित कर सकता है। इसका निपटान सही तरह करना चाहिए। 

टॅग्स :कोरोना वायरसकोविड-19 इंडियाहेल्थ टिप्समेडिकल ट्रीटमेंट
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत