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Coronavirus Medicine: कोरोना के इलाज के लिए पहली जेनेरिक दवा Covifor को मंजूरी, जानें कहां मिलेगी, कीमत

By उस्मान | Updated: June 22, 2020 09:39 IST

Coronavirus Medicine in India: फिलहाल यह दवा अस्पताल में ही मिलेगी लेकिन कुछ हफ्तों बाद बाजार में भी आ जायेगी

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ठळक मुद्देहेटेरो कोविड-19 के इलाज के लिए वायरल रोधी परीक्षणगत दवा रेमडेसिवीर पेश करेगीइसके लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक की अनुमति मिल गई हैयह दवा 100 एमजी की शीशी (इंजेक्शन) के रूप में उपलब्ध होगी

कोरोना वायरस का कहर थमने के नाम नहीं ले रहा है। उस महामारी से दुनयाभर में अब तक 470,703 लोगों की मौत हो चुकी है और 9,046,080 लोग प्रभावित हुए हैं। कोरोना वायरस का अभी तक कोई स्थायी इलाज नहीं मिला है. दुनियाभर के वैज्ञानिक इसकी खोजने में जुटे हैं। कई दवाओं पर ट्रायल चल रहा है और उम्मीद जताई जा रही है इस जल्द ही इसके लिए दवा या टीका विकसित कर लिया जाएगा।

इस बीच खबर आई है कि दवा कंपनी हेटेरो कोविड-19 के इलाज के लिए वायरल रोधी परीक्षणगत दवा रेमडेसिवीर पेश करेगी। कंपनी ने कहा कि उसे इसके लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) की अनुमति मिल गई है। 

भारत में ‘कोविफोर’ नाम से बिकेगी दवा

हेटेरो ने बयान में कहा कि कंपनी को डीसीजीआई से रेमडेसिवीर के विनिर्माण और विपणन की अनुमति मिल गई है। रेमडेसिवीर के जेनेरिक संस्करण की भारत में ब्रिकी ‘कोविफोर’ ब्रांड नाम से की जाएगी। यह दवा 100 एमजी की शीशी (इंजेक्शन) के रूप में उपलब्ध होगी। 

एक डोज की कीमत होगी 5-6 हजार रुपये

अस्पताल में चिकित्सक की देखरेख में यह इंजेक्शन दिया जा सकेगा। इस दवा कीमत के बारे में पूछे जाने पर हेटेरो ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रबंध निदेशक वाम्सी कृष्ण बांदी ने कहा कि इसके इंजेक्शन की एक डोज का दाम 5,000 से 6,000 रुपये होगा। 

उन्होंने कहा कि अभी इस दवा का विनिर्माण कंपनी के हैदराबाद के फार्मूलेशन संयंत्र में हो रहा है। इसेका एक्टिव फार्मास्युटिकल इन्ग्रिडिएंट (एपीआई) कंपनी के विशाखापत्तनम संयंत्र में बनाया जा रहा है। 

अभी सिर्फ अस्पताल में ही मिलेगी दवा

वाम्सी ने कहा कि यह दवा सिर्फ अस्पतालों और सरकार के जरिये उपलब्ध होगी। अभी इसकी खुदरा बिक्री नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि कंपनी अगले कुछ सप्ताह के दौरान इसकी एक लाख खुराक का उत्पादन करेगी। 

मांग के आधार पर उत्पादन बढ़ाया जाएगा। बयान में कहा गया है कि डीसीजीआई ने बालिगों और बच्चों में संदिग्ध या पुष्ट कोविड-19 के मामलों या फिर इसके संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती लोगों के इलाज के लिए इस दवा को अनुमति दे दी है। 

नतीजे रहे काफी सकारात्मक

कंपनी ने कहा कि भारत में कोविड-19 के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। ऐसे में कोविफोर को अनुमति पासा पलटने वाली साबित हो सकती है, क्योंकि इसके क्लिनिकल नतीजे काफी सकारात्मक रहे हैं। 

देशभर के मरीजों को जल्द होगी उपलब्ध

हेटेरो ग्रुप ऑफ कंपनीज के चेयरमैन बी पार्थ सराधी रेड्डी ने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यह उत्पाद जल्द देशभर के मरीजों को उपलब्ध हो सके।’’ उन्होंने कहा कि कंपनी मौजूदा जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित करेगी। इस उत्पाद को भारतीय बाजार में गिलेड साइंसेज इंक के साथ लाइसेंसिंग करार के तहत उतारा जा रहा है। 

कंपनी ने कहा कि इस दवा को पेश करने का मकसद निचले या मध्यम आय वाले देशों में कोविड-19 का इलाज उपलब्ध कराना है। मई में घरेलू कंपनियों...हेटेरो, सिप्ला और जुबिलेंट लाइफ साइंसेज ने दवा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी गिलेड साइंसेज के साथ रेमडेसिवीर के विनिर्माण और वितरण के लिए गैर-विशिष्ट लाइसेंसिंग करार किया था।  

ग्लेनमार्क ने फैबिफ्लू को दी मंजूरी

कोरोना वायरस के इलाज के लिए पहली दवाई भारत में आ गई है। ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स को कोरोना के लिए एंटिवायरल दवा फेविपिराविर बनाने और बाजार में बेचने के लिए परमिशन दे दी गई है। कंपनी फैबिफ्लू के नाम से यह दवा बनाती है। एक टैबलेट की कीमत 130 रुपये पड़ेगी। 34 टैबलेट की एक पूरी स्ट्रिप 3500 रुपये में उपलब्ध होगी। फैबिफ्लू दवा को माइल्ड से मॉडरेट सिम्प्टम्स वाले मरीज के इलाज के लिए इस दवा का इस्तेमाल किया जाएगा। यह दवाई अस्पतालों के प्रिस्क्रिप्‍शन पर मेडिकल स्‍टोर्स में मिलेगा।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

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