कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है। इस खतरनाक वायरस ने 10,803,599 लोगों को संक्रमित कर दिया है और 518,968 लोगों को मौत की नींद सुला दिया है। चीन से निकले इस वायरस का अभी तक कोई स्थायी इलाज या दवा नहीं मिली है। फिलहाल तमाम वैज्ञानिक अन्य बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली विभिन्न दवाओं पर प्रयोग कर रहे हैं।
इस बीच चीन के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि डायबिटीज की दवा मेटफोर्मिन (Metformin) कोरोना वायरस के इलाज में सहायक हो सकती है। इस दवा का उपयोग पहले से ही एनएचएस द्वारा किया जा रहा है। यह दवा ब्रेस्ट कैंसर और हार्ट डिजीज के इलाज में उपयोगी पाई गई है। अमेरिका के मिन्नेसोटा यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का भी कहना है कि मेटफॉरमिन दवा कोरोना मरीजों की मौत के खतरे को कम कर सकती है।
मेटफोर्मिन से मौत का खतरा कम
द सन की रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के शुरू होने वाले चीन के शहर वुहान में डॉक्टरों ने हाल ही में एक अध्ययन प्रकाशित किया है जिसमें कहा गया है कि मेटफोर्मिन लेने वाले डायबिटीज रोगियों को दवा नहीं लेने की तुलना में मरने की संभावना बहुत कम थी।
मिनेसोटा यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए शोध में यह भी पाया गया कि दवा वायरस से मौत के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकती है। अध्ययन के निष्कर्षों में पाया गया कि दवा शरीर में भड़काऊ प्रतिक्रिया को कम करती है। यह वायरस से लड़ने के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है क्योंकि सूजन और इसके बाद का साइटोकाइन स्टॉर्म मौत के मुख्य कारणों में से है।
मेटफोर्मिन के अन्य फायदे
वजन कम करने में सहायकअध्ययनों से यह भी पता चला है कि यह दवा अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त लोगों का वजन कम करने में मदद करती है, भले ही उन्हें डायबिटीज न हो। आपको बता दें कि अधिक वजन और मोटे लोगों को कोविड-19 से गंभीर जटिलताओं या मृत्यु का अधिक खतरा है।
ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में मददगार
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह दवा न सिर्फ डायबिटीज और मोटापा कम करने बल्कि ब्रेस्ट कैंसर लड़ने में भी सहायक हो सकती है। ब्रेस्ट कैंसर से हर साल लगभग 11,400 लोगों की मौत होती है।
मेटफोर्मिन की कीमत
डेक्सामेथासोन (dexamethasone) की तरह, मेटफॉर्मिन दवा सस्ती और व्यापक रूप से उपलब्ध है, जो विकासशील देशों के लिए अच्छी खबर है। भारत में यह दवा काफी सस्ती है। मेटफोर्मि-500 एमजी की एक टैबलेट की कीमत 1.5 रुपये है। टाइप-2 डायबिटीज के इलाज के लिए 1950 के दशक से ही इस दवा का उपयोग किया जा रहा है।
यूरोप में कोविड-19 की पहली दवा के रूप में रेमडेसिवीर को मान्यता मिली
यूरोपीय औषधि एजेंसी ने कोविड-19 के इलाज के लिए पहली दवा के रूप में रेमडेसिवीर को मान्यता दे दी है। परीक्षण के दौरान अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों को जल्द स्वस्थ्य होने में इस दवा से मदद मिली थी। औषधि एजेंसी का कहना है कि वह रेमडेसिवीर को सशर्त विपणण की मान्यता दे रही है। इसका उपयोग 12 साल से ज्यादा आयु वाले ऐसे मरीजों पर किया जाएगा, जिन्हें न्यूमोनिया है और ऑक्सीजन की जरूरत है।