राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या घटने के बाद सभी राज्यों में 'दिल्ली मॉडल' की चर्चा होनी शुरू हो गई है। दिल्ली में स्वास्थ्य बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता में गंभीर कमी के बाद यहां कोविड-19 के मरीजों के ठीक होने का ग्राफ तेजी से ऊपर बढ़ रहा है।
लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के 90% से अधिक मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं, जबकि कुल मामलों में से केवल 7% ही एक्टिव केस हैं।
दिल्ली के लोगों की प्रशंसा करते केजरीवाल ने अपने ट्विटर पर महामारी से निपटने में 'दिल्ली मॉडल' के महत्व का भी उल्लेख किया है। कोरोना से निपटने के लिए 'दिल्ली मॉडल' से कैसे मदद मिल रही है और यह कितना कारगर है, चलिए जानते हैं-
क्या है 'दिल्ली मॉडल'
इस मॉडल को स्वास्थ्य बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता में गंभीर कमी के बाद तैयार किया गया था। इसमें टेस्टिंग बढ़ाना, कंटेनमेंट जोन का पता लगाना, हल्के मामलों के लिए क्वारंटाइन जोन पर ध्यान केंद्रित करना, प्लाज्मा थेरेपी और सीरो सर्वेक्षण शामिल हैं।
पिछले तीन महीनों में दिल्ली देश में कोविड-19 के कुल मामले बढ़ने में सबसे बड़ा योगदान रहा था। लेकिन अब सक्रिय मामलों की संख्या में भारी गिरावट आई है। जून में दिल्ली ने कोरोना के मामलों में सबसे बड़ा उछाल देखने को मिला था, जिसमें बड़ी संख्या में मौतें हुईं।
टेस्टिंग बढ़ीबताया जा रहा है कि दिली में रोजाना टेस्ट संख्या 5000 से बढ़ाकर लगभग 20,000 की गई है। केजरीवाल ने कहा, 'हमने धीरे-धीरे कोविड-19 मरीजों के लिए बिस्तरों की संख्या बढ़ा दी है।' इसके अलावा, पिछले कुछ दिनों में जांच की संख्या में वृद्धि हुई है और शनिवार को 24,592 नमूनों की कोविड-19 के लिए जांच की गई।
होम क्वारंटाइन
सरकार ने अस्पतालों से लोड को कम करने के लिए हल्के लक्षणों वाले रोगियों के लिए होम क्वारंटाइन को बढ़ावा दिया। दिल्ली सरकार ने वायरस के प्रसार का आकलन करने के लिए राज्य भर में मासिक सीरो सर्वेक्षण कराने के अपने निर्णय की घोषणा की।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, 'खुशी है कि हमारे दिल्ली मॉडल को दुनिया भर में पहचाना जा रहा है। कोविड-19 को हराने के लिए आने वाले समय में सभी देशों को एक साथ मिलकर ऐसे ही काम की जरूरत है।
रैपिड-एंटीजन टेस्ट से मिला फायदा
प्राधिकारियों ने बताया कि उपरोक्त अवधि के दौरान कुल 5,702 आरटी-पीसीआर जांच और 18,085 रैपिड-एंटीजन जांच की गईं। अब तक, राष्ट्रीय राजधानी में 11,92,082 जांच की गई हैं, जो प्रति 10 लाख की आबादी पर 62,741 जांच है।
प्राधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के कुल मामले 1,45,427 हैं। 1,30,587 मरीज या तो संक्रमण से ठीक हो गए हैं या बाहर चले गए हैं। वर्तमान में 10,729 मरीज उपचाराधीन हैं, जिनमें से 5,462 घर पर पृथक-वास में हैं।
दैनिक बुलेटिन के अनुसार, 2 से 4 अगस्त तक दिल्ली में दैनिक मामले धीरे-धीरे कम हो गए। 2 अगस्त (961), 3 अगस्त (805) और 4 अगस्त (674) मामले सामने आये। हालांकि, 5 से 9 अगस्त तक, दैनिक मामले 1,000 से अधिक दर्ज किए गए हैं, 10 अगस्त को फिर से तीन का आंकड़ा गिर गया है।
अधिकारियों ने बताया कि इस बीच, दिल्ली में सोमवार को 707 ताजा कोरोनावायरस के मामले दर्ज किए गए, जो शहर में 1।46 लाख से अधिक हो गए, जबकि बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 4,131 हो गई।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)