भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। चीन से निकले इस खतरानक वायरस ने देश में 1,118,107 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है और 27,503 लोगों की मौत हो गई है। इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने दावा किया है कि भारत में कोरोना वायरस कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू हो गया है।
संगठन का कहना है कि यह स्थिति 'बहुत खराब' है। संगठन ने कहा है कि अब रोजाना 30 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं और यह दर्शाता है कि देश में कोविड-19 संक्रमण का सामुदायिक प्रसार शुरू हो गया है। महामारी अब बड़े शहरों के अलावा कस्बों और गांवों तक फैल रही है, जहां इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल होगा।
आईएमए हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉक्टर वीके मोंगा ने कहा, 'यह एक घातीय वृद्धि है। हर दिन लगभग 30,000 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। यह वास्तव में देश के लिए एक बुरी स्थिति है। इसके साथ बहुत सारे कारक जुड़े हुए हैं लेकिन कुल मिलाकर यह अब ग्रामीण क्षेत्रों में फैल रहा है। यह एक बुरा संकेत है। यह कोरोना के समुदाय के प्रसार को दर्शाता है।'
उन्होंने कहा, 'कोरोना के मामले कस्बों और गांवों देखने को मिल रहे हैं, जहां स्थिति को नियंत्रित करना बहुत मुश्किल होगा। दिल्ली जैसे शहर में हम इसे कंट्रोल करने में सक्षम थे लेकिन महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, गोवा, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में इसे कंट्रोल करना आसान नहीं है।'
कोरोना वायरस से बचाव के तरीके
उन्होंने कहा कि अगर सामान्य बातों का ध्यान नहीं रखा जाएगा, तो हालात बिगड़ेंगे। ऐसे में एहतियात के तौर पर लोगों को हाथ धोना, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन करना जरूरी है।
कोरोना से बचने के लिए दो गज की दूरी जरूरी
उन्होंने कहा, 'इस खास विषय को लेकर हम डब्ल्यूएचओ के मुख्यालय से आने वाली सूचनाओं पर नजर रख रहे हैं लेकिन आपको पता होगा कि आरंभिक चरण से ही हम 'दो गज दूरी' बनाए रखने पर लगातार जोर दे रहे हैं। दूरी बनाए रखने के इस विचार का पालन कर हम सुरक्षित रह सकते हैं क्योंकि सूक्ष्म बूंदें हवा में कुछ समय तक रह सकती है।'
हवा में फैल रहे वायरस से न घबराएं
हैदराबाद स्थित आधुनिक जीव विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान करने वाले वैज्ञानिक ने कहा है कोरोना वायरस संक्रमण के हवा से फैलने संबंधी 200 से अधिक वैज्ञानिकों के एक समूह के दावे को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।
हर जगह और हर किसी को संक्रमित नहीं करेगा
उन्होंने यह भी कहा कि इस अध्ययन में सिर्फ यह बताने की कोशिश की गई है कि यह वायरस हवा में अस्थायी रूप से हो सकता है और इसका यह मतलब भी नहीं है कि वायरस हर जगह पहुंच रहा है और हर किसी को संक्रमित कर देगा।
कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी
उन्होंने कहा कि वायरस से बचने के लिए सामाजिक दूरी बनाये रखने जैसी अन्य सावधानी बरतना जारी रखना चाहिए। हवा में फैलने का मतलब है यह पांच माइक्रोन से कम आकार की छोटी बूंदों (ड्रॉप्लेटस) में हवा में इधर-उधर जा सकता है और इसका मतलब यह हुआ कि बड़ी बूंदों के रूप में यह कुछ ही मिनटों तक हवा में रहेगा।
अधिक समय तक मास्क पहनना जरूरी
यहां स्थित ‘सीएसआईआर-सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी’ (सीसीएमबी) के निदेशक राकेश मिश्रा ने कहा कि इसका मतलब यह है कि लोगों को अधिक समय तक मास्क पहनना चाहिए।
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)