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अवसाद, तनाव और अकेलापन से कम हो सकता है टीके का असर, कोविड-19 महामारी पर बोले वैज्ञानिक

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: January 15, 2021 14:58 IST

भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार देश में 14 जनवरी तक कुल 18,49,62,401 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई. उनमें से 7,30,096 नमूनों की जांच की गई.

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ठळक मुद्देटीका लगवाने से 24 घंटे पहले रात में अच्छी नींद लेने समेत साधारण कोशिशों से टीके का प्रारंभिक असर बढ़ सकता है.शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर सकती हैं, जिससे टीके का असर धीमा पड़ सकता है.भावनात्मक तनाव पैदा करने वाली परेशानियां किसी व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं.

नई दिल्लीः वैज्ञानिकों का कहना है कि अवसाद, तनाव और अकेलापन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करके कोविड-19 टीके समेत विभिन्न टीकों के असर को कम कर सकता है.

'पर्सपेक्टिव ऑन साइकोलॉजिकल साइंस' में प्रकाशित होने के लिए स्वीकार की गई रिपोर्ट के अनुसार व्यायाम और टीका लगवाने से 24 घंटे पहले रात में अच्छी नींद लेने समेत साधारण कोशिशों से टीके का प्रारंभिक असर बढ़ सकता है.

अनुसंधाकर्ताओं ने कहा कि जांच से पता चला है कि अमेरिका में वितरण के लिए मंजूर किए गए टीके मजबूत प्रतिरोधक प्रतिक्रिया पैदा करने के मामले में बेहद कारगर है. हर किसी को तत्काल इसका पूरा फायदा नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि पर्यावरण कारक, व्यक्तिगत अनुवांशिकी तथा शारीरिक एवं मानसिक परेशानियां शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर सकती हैं, जिससे टीके का असर धीमा पड़ सकता है.

अमेरिका के ओहायो विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ता एनेलीज मेडिसन ने कहा, ''कोविड-19 महामारी से शारीरिक दिक्कतों के साथ-साथ मानसिक दिक्कतें भी पेश आई हैं, जिसके चलते तनाव, अवसाद, और अन्य संबंधित परेशानियां पैदा हुई हैं. इस तरह के भावनात्मक तनाव पैदा करने वाली परेशानियां किसी व्यक्ति की प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं.''

रिपोर्ट में टीके की प्रभावकारिता और इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि किस तरह स्वास्थ्य हालात और भावनात्मक तनाव पैदा करने वाली परेशानियां प्रतिरोधक प्रतिक्रिया विकसित करने की शरीर की क्षमता को नुकसान पहुंचा सकती हैं. टीका प्रतिरोधक प्रणाली को चुनौती देते हुए अपना काम करता है, लिहाजा टीके की प्रभावकारिता काफी हद तक प्रतिरोधक क्षमता पर निर्भर करती है.

भारत में कोविड-19 के 15,590 नए मामले

भारत में एक दिन में कोविड-19 के 15,590 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 1,05,27,683 हो गए, जिसमें से 1,01,62,738 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, देश में वायरस से 191 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,51,918 हो गई.

आंकड़ों के अनुसार, कुल 1,01,62,738 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही देश में मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 96.53 प्रतिशत हो गई। वहीं कोविड-19 से मृत्यु दर 1.44  प्रतिशत है। देश में कोविड-19 के उपचाराधीन लोगों की संख्या तीन लाख से कम ही है. अभी 2,13,027 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 2.02 प्रतिशत है.

भारत में सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख के पार चली गई थी. वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख और 19 दिसम्बर को एक करोड़ के पार चले गए थे.

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