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वैज्ञानिकों का दावा, कोरोना वायरस का कुछ नहीं बिगाड़ सकती गर्मी, सिर्फ ये 2 तरीके ही आएंगे काम

By भाषा | Updated: May 8, 2020 15:01 IST

कई अध्ययनों में इस बात का दावा किया जा रहा था कि कोरोना वायरस गर्मी में खत्म हो सकता है

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कोरोना वायरस का प्रकोप थमने के नाम नहीं ले रहा है. इस खतरनाक वायरस की चपेट में दुनियाभर में अब तक 3,917,531 लोग आ चुके हैं जबकि 270,720 लोगों ने दम तोड़ दिया है। अगर बात करें भारत की तो यहां मामले बढ़कर 56,351 हो गए हैं जबकि मरने वालों की संख्या 1,889 हो गई है।

कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है और इससे बचने के सिर्फ एक ही तरीका है और वो है खुद को संक्रमित लोगों से दूर रखना। कोरोना के बारे में अनुमान लगाया जा रहा था कि यह गर्म तापमान में निष्क्रिय हो सकता है और इस संबंध में कई अध्ययन भी सामने आए हैं। हालांकि एक नए अध्ययन ने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया है। 

एक वैश्विक अध्ययन के अनुसार तापमान और अक्षांश कोविड-19 के प्रसार के साथ जुड़े हुए नहीं हैं। अध्ययन में पाया गया है कि स्कूलों को बंद रखना और अन्य सरकारी स्वास्थ्य उपायों का कोरोना वायरस के रोकथाम पर सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

अध्ययन में 144 भूराजनीतिक इलाकों- ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और कनाडा के राज्यों एवं प्रांतों तथा विश्व के कई अन्य क्षेत्रों और कोविड-19 के कुल 3,75,600 मामलों को देखा गया।

अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि चीन, इटली, ईरान और दक्षिण कोरिया को इसलिए बाहर रखा गया है क्योंकि अन्य क्षेत्रों के विश्लेषण के वक्त चीन में वायरस या तो कमजोर हो रहा था या बीमारी अपनी पूर्णता पर थी।

टोरंटो यूनिवर्सिटी और कनाडा के सेंट माइकल्स अस्पताल के पीटर जूनी ने कहा, “हमारा अध्ययन कोविड-19 महामारी से वैश्विक डेटा का इस्तेमाल कर महत्त्वपूर्ण नये साक्ष्य उपलब्ध कराता है कि इन सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेपों ने महामारी को बढ़ने से रोका है।’’

महामारी के विकास का अनुमान लगाने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने 27 मार्च के मामलों की संख्या की तुलना 20 मार्च के मामलों के साथ की। उन्होंने सात से 13 मार्च के बीच संपर्क की अवधि के दौरान अक्षांश, तापमान, नमी, स्कूल बंद रहने, लोगों के जमा होने और सामाजिक दूरी के प्रभाव को निर्धारित किया।

अध्ययन में कोविड-19 के महामारी विकास के साथ तापमान या अक्षांश का कोई संबंध नहीं देखा गया और नमी तथा संक्रमण घटने के बीच भी कमजोर संबंध देखा गया।

इस परिणाम ने अनुसंधानकर्ताओं को चौंकाया है कि गर्म मौसम का वैश्विक महामारी के बढ़ने-घटने पर कोई फर्क नहीं पड़ता। यह अध्ययन ‘कैनेडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल” में प्रकाशित हुआ है।  

कोरोना वायरस का प्रकोप थमने के नाम नहीं ले रहा है. इस खतरनाक वायरस की चपेट में दुनियाभर में अब तक 3,917,531 लोग आ चुके हैं जबकि 270,720 लोगों ने दम तोड़ दिया है। इससे सबसे ज्यादा अमेरिका प्रभावित हुआ है। यहाँ मरने वालों की तादात 76,928 जा पहुंची है और कुल संक्रमितों की संख्या 76,928 हो गई है और यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।

टॅग्स :कोरोना वायरससीओवीआईडी-19 इंडियामेडिकल ट्रीटमेंट
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