Covid-19: वैज्ञानिकों का दावा, कोरोना वायरस और घातक बना सकता है शहरी प्रदूषण

By भाषा | Updated: October 8, 2020 14:43 IST2020-10-08T14:43:49+5:302020-10-08T14:43:49+5:30

नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड के संपर्क में रहने पर कोविड-19 और प्राणघातक हो सकता है

coronavirus and pollution: side effect of pollution during covid-19 pandemic | Covid-19: वैज्ञानिकों का दावा, कोरोना वायरस और घातक बना सकता है शहरी प्रदूषण

कोरोना वायरस

Highlightsनाइट्रोजन डाई ऑक्साइड के संपर्क में रहने पर कोविड-19 और प्राणघातक हो सकता हैप्रदूषण से ऑक्सीडेटिव दबाव, शोथ और श्वास संक्रमण का खतराकोविड-19 से होने वाली मौतों से नाइट्रोजन ऑक्साइड का बहुत मजबूत संबंध

कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. चीन से निकली इस खतरनाक बीमारी से दुनियाभर में अब तक 1,061,144 लोगों की मौत हो गई है और 36,429,108 लोग संक्रमित हुए हैं. फिलहाल कोरोना थमता नहीं दिख रहा है. इस बीच अमेरिका में हुए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि लंबे समय तक शहरी प्रदूषण, खासतौर पर नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड के संपर्क में रहने पर कोविड-19 और प्राणघातक हो सकता है। 

'दि इनोवेशन' जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में अमेरिका के 3,122 काउंटियों में जनवरी से जुलाई के बीच अहम प्रदूषकों जैसे पीएम2.5, नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड और ओजोन का विश्लेषण किया गया। 

अमेरिका स्थित इमोरी विश्वविद्यालय के दोंगहाइ लियांग ने कहा, 'प्रदूषण के अल्पकालिक और दीर्घकालिक संपर्क की स्थिति में मानव शरीर पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तंत्रगत प्रभाव ऑक्सीडेटिव दबाव, शोथ और श्वास संक्रमण के खतरे के रूप में पड़ता है।' 

वायु प्रदूषण के प्रदूषकों और कोविड-19 की तीर्वता के बीच के संबंध का पता लगाने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने दो प्रमुख नतीजों - कोविड-19 के पीड़ित मरीजों की मृत्यु और आबादी में कोविड-19 होने वाली मौतों की दर - का अध्ययन किया। 

दो संकेतक क्रमश: कोविड-19से होने वाली मौतों के लिए जैविक संवेदनशीलता का संकेत दे सकते हैं और कोविड-19 से मौतों की तीव्रता की जानकारी दे सकते हैं। अनुसंधानकर्ताओं के प्रदूषकों के विश्लेषण से पता चला कि कोविड-19 से होने वाली मौतों से नाइट्रोजन ऑक्साइड का बहुत मजबूत संबंध है। 

उन्होंने कहा कि वायु में नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड (एनओ2) के 4.6 हिस्से प्रति अरब (पीपीबी) के इजाफे से क्रमश: 11.3 प्रतिशत कोविड-19 मरीजों की मौत और और 16.2 प्रतिशत मृत्युदर बढ़ती है। 

अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि हवा में महज 4.6 पीपीबी एनओ-2 घटा कर 14,672 कोविड-19 मरीजों की जान बचाई जा सकती है। अनुसंधानकर्ताओं ने पीएम-2.5 का आंशिक असर कोविड-19 मरीजों की मौत पर देखा। कोविड-19 मरीजों की मौत से ओजोन का संबंध देखने को नहीं मिला।  

Web Title: coronavirus and pollution: side effect of pollution during covid-19 pandemic

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