वित्त मंत्री अरुण जेटली इलाज के लिए अमेरिका गए हुए हैं। उन्हें क्या बीमारी है इसे लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन बताया जा रहा है कि वो सॉफ्ट टिश्यू सरकोमा से पीड़ित हैं। यह एक तरह के कैंसर का प्रकार है और यह तब होता है, जब कोशिकाएं डीएनए के भीतर विकसित होने लगती हैं।
जेटली को पिछले साल रेनल ट्रांसप्लांट सर्जरी से भी गुजरना पड़ा था। इसके बाद यह खबर देश के लोगों को निराश कर सकती हैं क्योंकि एक फरवरी से अंतरिम बजट भी पेश होने वाला है।
दिल्ली स्थित मेट्रो कैंसर होस्पिटल में कैंसर स्पेशलिस्ट आरके चौधरी के अनुसार, यह कोशिकाओं में ट्यूमर के रूप में विकसित होता है और शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैलने लगता है। यानी यह बीमारी शरीर के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकती है, खासकर व्यक्ति के कंधों और पैरों को अधिक प्रभावित करती है। ये किसी भी उम्र में हो सकता है।
डॉक्टर्स के अनुसार, सर्जरी के जरिये इसे निकाला जा सकता है। हालांकि रेडिएशन और कीमोथेरेपी के जरिये भी इसका इलाज संभव है लेकिन यह इसके साइज, प्रकार और जगह पर निर्भर करता है।
इस बीमारी को लेकर दुखद यह है कि इसके लक्षण शुरूआती चरण में नजर नहीं आते हैं। किसी व्यक्ति को जब मांसपेशियों और नसों में तेज दर्द रहने लगे तो उसे सावधान हो जाना चाहिए।
सॉफ्ट टिश्यू सर्कोमा के लक्षणशरीर में कोई भी सूजन या गांठ हड्डियों में दर्दलम्बे समय से कोई गांठ
सॉफ्ट टिश्यू सर्कोमा के कारण आमतौर पर यह तब होता है, जब कोशिकाएं डीएनए के भीतर विकसित होने लगती हैं।
सॉफ्ट टिश्यू सर्कोमा का इलाजक्योंकि सॉफ्ट टिश्यू सर्कोमा के कई प्रकार होते हैं इसलिए इसके प्रकार, साइज और जगह के अनुसार इलाज कराना बहुत जरूरी है। इसके लिए डॉक्टर्स इमेजिंग टेस्ट, बायोप्सी, रेडिएशन, कीमोथेरेपी और ड्रग्स के जरिये इलाज करते हैं।
सुबह की धूप है फायदेमंदडॉक्टर के अनुसार, सुबह की धूप से विटामिन डी मिलता है। कई रिसर्च इस बात को मानती हैं कि इससे कैंसर से बचने में मदद मिलती है। युवी किरणें विटामिन डी से भरपूर होती हैं और जब यह त्वचा पर पड़ती हैं, तो कैंसर से जल्दी निपटने में मदद मिलती है।