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Black Fungus symptoms: AIIMS प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताये 'ब्लैक फंगस' के 5 प्रमुख लक्षण, समझें और बचाव करें

By उस्मान | Updated: May 23, 2021 09:14 IST

एम्स प्रमुख ने कहा है कि इन लक्षणों के महसूस होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए

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ठळक मुद्देइन लक्षणों के महसूस होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए कोरोना से ठीक हुए मरीज लक्षणों को नजरअंदाज न करेंचेहरे पर सूजन हो सकता है इसका लक्षण

अगर आप हाल ही में कोरोना वायरस से ठीक हुए हैं या आपका इलाज चल रहा है और ऐसे में आपको लगातार सिरदर्द या चेहरे के एक तरफ सूजन जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए और साथ में ब्लैक फंगस का परीक्षण करवाएं। 

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार,एम्स प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया के अनुसार, यदि आपको मुंह के रंग बदलने और चेहरे के किसी भी हिस्से में सनसनी कम होना जैसे लक्षण भी महसूस करते हैं, तो भी आपको ब्लैक फंगस की जांच करानी चाहिए। 

गुलेरिया ने कहा, 'यदि आपकी नाक बंद हो रही है और जोर लग रहा है, तो यह शुरुआती संकेत हैं कि आपको ब्लैक फंगस को लेकर चिंता करनी चाहिए. इसके अलावा अगर आपको दांतों में ढीलापन महसूस हो रहा है, तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

ब्लैक फंगस की जांच करने के लिए साइनस का एक्स-रे या सीटी स्कैन किया जाता है। एक दूसरा नाक की एंडोस्कोपी के माध्यम से बायोप्सी करना है। उन्होंने बताया कि ब्लड टेस्टिंग के जरिये भी इसका पता लगाया जा सकता है। 

डॉ गुलेरिया ने कहा कि भारत में ब्लैक फंगस के अधिक मामले सामने आ रहे हैं, हालांकि यह संक्रामक नहीं है, क्योंकि डायबिटीज और स्टेरॉयड का अधिक इस्तेमाल करने वाली बड़ी आबादी संक्रामक नहीं है। उन्होंने कहा, पहली लहर में भी म्यूकोर्मिकोसिस के मामले सामने आए, हालांकि स्टेरॉयड के अत्यधिक उपयोग के कारण दूसरी लहर के दौरान संख्या अधिक है।

भारत में कोरोना वायरस महामारी के बीच 'ब्लैक फंगस' का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार देश में इस घातक वायरस के करीब सात हजार मामले हो गए हैं। इसे म्यूकोर्मिकोसिस भी कहा जाता है।

यह आमतौर पर उन रोगियों में देखा जा रहा है जिन्हें लंबे समय तक स्टेरॉयड दिया गया था, जो लंबे समय से अस्पताल में भर्ती थे, ऑक्सीजन या वेंटिलेटर पर थे, खराब स्वच्छता या जो डायबिटीज जैसी अन्य बीमारी के लिए दवा ले रहे हैं। यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है, तो यह संक्रमण घातक हो सकता है।

ब्लैक फंगस के लक्षण

ब्लैक फंगस के प्रमुख लक्षणों में मुंह से जुड़े लक्षण हैं. इनमें मुंह, जीभ, मसूड़ों का रंग बदलना, भरी हुई नाक, तेज दर्द, चेहरे की सूजन, आंखों के नीचे भारीपन, बेचैनी, बुखार और सिरदर्द शामिल हैं।

ब्लैक फंगस से बचने के उपाय

मौखिक स्वच्छता बनाए रखेंकोविड के ठीक होने के बाद, स्टेरॉयड और अन्य दवाओं का सेवन मुंह में बैक्टीरिया या फंगस को बढ़ने में सक्षम बनाता है और साइनस, फेफड़े और यहां तक कि मस्तिष्क में भी समस्या पैदा करता है। दिन में दो-तीन बार ब्रश करें. मुंह की सफाई करने से बहुत मदद मिल सकती है। 

ब्रश बदलेंरोगियों के लिए बीमारी के प्रभाव से खुद को बचाने के लिए कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद अच्छी मौखिक स्वच्छता बनाए रखना आवश्यक है। मरीजों को सलाह दी जाती है कि वे एक बार नकारात्मक परीक्षण करने के बाद अपना टूथब्रश बदल लें और नियमित रूप से अपना मुंह धोते रहें।

टूथब्रश और टंग क्लीनर को साफ रखेंकोरोना से ठीक हुए मरीज को अपना ब्रश वहां नहीं रखना चाहिए, जहां अन्य लोग रख रहे हैं। इसके अलावा ब्रश और टंग क्लीनर को नियमित रूप से एंटीसेप्टिक माउथवॉश से साफ करने की सलाह दी जाती है।

इन लक्षणों पर रखें नजर

डॉक्टर लोगों को सलाह दे रहे हैं कि वे चेहरे के किसी भी हिस्से में सूजन, आंखों की रोशनी की समस्या या सिर के किसी एक हिस्से में दर्द जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें। अगर कोविड-19 से ठीक होने वाले व्यक्ति को इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो वो तत्काल ईएनटी स्पेशलिस्ट से संपर्क करें।

एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया और एम्स के डॉक्टर पीयूष रंजन सहित कई विशेषज्ञों ने कहा है कि एक बार संक्रमित होने पर इस फंगल संक्रमण का जल्द पता लगने से मरीजों की जान बच सकती है। 

उन्होंने कहा है कि लक्षणों को समझने के लिए कोरोना के मरीजों को दिन के उजाले में नाक, गाल और आंखों के आसपास चेहरे की सूजन, रंग बदलना, दर्द आदि के लिए पूरे चेहरे की जांच करनी चाहिए। 

अगर दांतों का ढीला होना, मुंह के अंदर का हिस्सा काला होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें इसकी सूचना तुरंत डॉक्टर को देनी चाहिए । डॉक्टरों ने सलाह दी है कि कोविड-19 से ठीक होने के दौरान और बाद में ब्लड शुगर लेवल की भी जांच करते रहना चाहिए।

भारत में ब्लैक फंगस के सात हजार से ज्यादा मामले मोटे अनुमानों के अनुसार, देश में ब्लैक फंगस के 7,000 से अधिक मामले हैं। देश में अब तक सबसे ज्यादा संक्रमण महाराष्ट्र में सामने आया है, इसके बाद गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना का नंबर आता है।

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