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बीएचयू ने गिलोय की 600 नर्सरी लगवाई, कहा-इम्यूनो बूस्टर है गिलोय, किडनी रोग और बुखार के लिए भी लाभदायक

By भाषा | Updated: May 7, 2020 13:05 IST

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कोरोना वायरस के मद्देनजर देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश के वाराणसी और मिर्जापुर मंडल के सात जिलों में गिलोय की नर्सरी लगवाई है।

वाराणसी मंडल के चार जिलों- वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, चंदौली और मिर्जापुर मंडल के तीन जिलों- मिर्जापुर, सोनभद्र और भदोही में ये नर्सरी लगवाई गई हैं।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में चिकित्सा विज्ञान संस्थान के आयुर्वेद संकाय के डीन और उत्तर प्रदेश में गिलोय मिशन के परियोजना संयोजक डाक्टर वाई.बी. त्रिपाठी ने बताया, “हमने लॉकडाउन के दौरान सात जिलों में गिलोय की 600 नर्सरी लगवाई है।”

उन्होंने बताया, “प्रदेश में दो महीने से यह परियोजना चल रही है.. इसी लॉकडाउन के दौरान गिलोय की नर्सरी लगवाई गई। घर बैठे 500 किसानों से संपर्क कर उन्हें नर्सरी लगाने के लिए प्रेरित किया गया। लॉकडाउन खुलने पर सभाएं की जाएंगी, गिलोय के गुणों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा और दो लाख गिलोय के पौधों का निःशुल्क वितरण किया जाएगा। ”

गिलोय के फायदे

प्रयागराज में जड़ी बूटियों पर अनुसंधान कर रहे ‘आयुष रिसर्च सेंटर एंड हास्पिटल’ के आयुर्वेदाचार्य डाक्टर नरेंद्र नाथ केसरवानी ने बताया, “गिलोय में तीन प्रकार के एल्केलाइड- गिलोइनिन, ग्लूकोसाइड और बरबेरिन पाए जाते हैं जो श्वेत रक्त कणिकाओं (डब्लूबीसी) को बढ़ाते हैं और अधिक संख्या में डब्लूबीसी, शरीर की कोशिकाओं की रक्षा करते हैं और नई कोशिकाओं का निर्माण करते हैं। इसीलिए गिलोय को इम्यूनो बूस्टर भी कहा जाता है।”

त्रिपाठी ने बताया कि यदि यह प्रयोग सफल रहा तो और जिलों को इस परियोजना के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि गिलोय को लेकर मुंबई के केईएम हास्पिटल में 1990-91 में अनुसंधान हो चुका है।

गिलोय के गुण

गिलोय में बहुत से गुण हैं.. यह किडनी को ठीक रखता है, बुखार को दूर करता है। इसलिए गिलोय को अमृता कहा जाता है। उन्होंने कहा कि आंवले की तरह ही गिलोय या गुडुच भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बहुत मजबूत करता है और इसकी लता आसानी से कहीं भी लग जाती है।

लोगों को इस बात के लिए प्रेरित किया जाएगा कि वे गिलोय का छह इंच डंठल तोड़कर उसका काढ़ा बनाएं और प्रतिदिन सुबह इसका सेवन करें ताकि उनका इम्यून सिस्टम मजबूत बने।

कोरोना के खिलाफ जंग में आयुर्वेद के फायदे बताने के लिए हाल ही में “कोविड19 के संदर्भ में आयुर्वेद की प्रासंगिकता” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ था. इसमें आयुर्वेद विशेषज्ञों ने बताया था कि 'वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की रोकथाम में आयुर्वेद की बढ़ती भूमिका को देखते हुए आज संपूर्ण विश्व को आयुर्वेद से बहुत उम्मीद है।' 

प्रयागराज के प्रोफेसर जी. एस. तोमर ने कहा, 'आयुर्वेद सम्पूर्ण जीवन दर्शन है एवं इसी समग्र दृष्टिकोण के कारण पूरा विश्व आयुर्वेद की तरफ आशावादी नजरों से देख रहा है । लोगों को आयुष मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श के अनुसार इम्युनिटी बढाने का निरंतर प्रयास करना चाहिए ।'

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के क्रिया शरीर विभाग से वैद्य सुशील दुबे ने कहा कि संक्रमण से बचाव में औषधि के प्रयोग के पूर्व रोगी की प्रकृति एवं नाड़ी परीक्षण आवश्यक है और गर्मी में औषधियों का प्रयोग वैद्य की सलाह से ही करना चाहिए ।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के काय चिकित्सा विभाग के प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद ने कोरोना संक्रमित मरीजों को छह श्रेणियों में बांटते हुए हर्बल औषधियों एवं रस औषधियों के माध्यम से कोरोना से बचाव के विषय में बताया । उन्होंने गिलोय, अशवगन्धा, शिरीष क्वाथ जैसी औषधियों की जानकारी दी।

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