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Covid-19 vaccine 'Covaxin' trial: भारत की पहली कोविड-19 वैक्सीन 'कोवाक्सिन' के अभी तक नहीं दिखे दुष्प्रभाव, जानें टीके की 10 खास बातें

By उस्मान | Updated: August 31, 2020 13:03 IST

इसे भारत की पहले देसी कोविड-19 टीका बताया जा रहा है और जल्दी ही इसका दूसरा चरण के ट्रायल शुरू हो सकता है

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ठळक मुद्दे'कोवाक्सिन' का दूसरा ह्यूमन ट्रायल जल्द ही शुरू हो सकता हैपहले चरण के परीक्षण में कोई दुष्प्रभाव नहीं हुआ थादूसरे चरण के ट्रायल के लिए लोगों में उत्साह है

भारत की पहले देसी कोविड-19 वैक्सीन 'कोवाक्सिन' (Covaxin) का दूसरा ह्यूमन ट्रायल जल्द ही शुरू हो सकता है। इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस और एसयूएम के डॉक्टर ई वेंकट राव ने कहा, वैक्सीन के ट्रायल का पहला चरण अभी जारी है और दूसरे ट्रायल की तैयारियां की जा रही हैं और जल्द ही शुरू हो सकता है।   

वैक्सीन प्राप्त करने वाले वालंटियर्स से इकठ्ठा किये गए ब्लड सैंपल से यह पता किया गया है कि टीका  एंटीबॉडी लेवल के मामले में कितना प्रभावी था। डॉक्टर राव ने कहा कि टीका के पहले चरण के परीक्षण में कोई दुष्प्रभाव नहीं हुआ था। 

टीका देने के बाद लिया ब्लड सैंपललाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार,  डॉ राव ने कहा, 'टीकाकरण से पहले तीन से सात दिनों की अवधि में आयोजित एक स्क्रीनिंग प्रक्रिया के माध्यम से चयनित होने के बाद प्रत्येक वालंटियर को वैक्सीन की दो खुराक दी गई थी। पहली खुराक डे जीरो (Day Zero) पर दी गई थी जबकि रक्त का नमूना एकत्र किया गया था। दूसरी खुराक 14वें दिन दी गई थी और रक्त का नमूना भी एकत्र किया गया था। 

दूसरे चरण के ट्रायल के लिए लोगों में उत्साहउन्होंने कहा कि सुरक्षा की अवधि का अनुमान लगाने के लिए वालंटियर्स के ब्लड सैंपल भी विभिन्न दिनों (28, 42, 104, 194 दिन) पर एकत्र किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ह्यूमन ट्रायल के दूसरे चरण का हिस्सा बनने के लिए लोगों में बहुत उत्साह था। 

कुल 12 संस्थानों में होगा ह्यूमन ट्रायलभारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने इस वैक्सीन का 12 चिकित्सा केंद्रों ह्यूमन ट्रायल करने की मंजूरी दी है, इनमें IMS और SUM अस्पताल भी हैं। इस वैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा विकसित किया गया है। 

ट्रायल में हिस्सा लेने के लिए यहां करें संपर्कजो लोग इस परीक्षण का हिस्सा बनना चाहते हैं, वे http://ptctu.soa.ac.in पर केंद्र से संपर्क कर सकते हैं। 

1) एम्स (दिल्ली) में कोवाक्सिन का मानव परीक्षण ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से हरी झंडी मिलने के बाद शुरू हुआ है। डीसीजीआई देश की सबसे बड़ी दवा नियामक संस्था है। इस वैक्सीन को हाल ही में इस संस्था से मंजूरी मिली थी। 

2) कोवाक्सिन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से विकसित किया है।

3) एम्स (दिल्ली) ने परीक्षण के लिए कुछ वालंटियर्स को पंजीकृत किया था। कोवाक्सिन का ह्यूमन ट्रायल होने से पहले वालंटियर्स का हेल्थ चेकअप होगा और यह देखा जाएगा कि वो इन परीक्षण के लिए कितने तैयार हैं।

4) ह्यूमन ट्रायल के लिए कुल 375 वालंटियर्स की लिस्ट बनी है जिनमें से एम्स (दिल्ली) पहले और दूसरे चरण के परीक्षणों के लिए केवल 100 प्रतिभागियों का चयन करेगा। बाकी वालंटियर्स का अलग जगह पर परीक्षण होगा।

5) आईसीएमआर ने 12 संस्थानों को इस वैक्सीन के लिए चुना है 17 जुलाई को, रोहतक के पोस्ट-ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट (PGI) में कोवाक्सिन का मानव परीक्षण शुरू हुआ, जहां तीन स्वयंसेवकों को कोवाक्सिन दिया गया।

6) एम्स-पटना और कुछ अन्य स्थानों पर भी परीक्षण शुरू हो गए हैं। उत्तरी गोवा के पेरनेम तालुका में रेडकर अस्पताल में भी इस वैक्सीन का ट्रायल होगा। उत्तरी गोवा का यह निजी अस्पताल 12 संस्थानों में से एक है। 

7) गोवा के रेडकर अस्पताल में दस वालंटियर्स पर यह परीक्षण होगा। वालंटियर्स की रिपोर्ट उनकी पात्रता का पता लगाने के लिए दिल्ली भेजी गई है। 

8) भारत में कोवाक्सिन के अलावा DCGI ने फार्मा दिग्गज Zydus Cadila को Covid -19 वैक्सीन के लिए मनुष्यों पर चरण I / II नैदानिक परीक्षण करने की अनुमति दी है।

9) कोवाक्सिन और ज़ाइडस कैडिला वैक्सीन को चूहों और खरगोशों में परीक्षण में सफलता के बाद मानव परीक्षणों के लिए मंजूरी मिली है। ये केवल दो स्वदेशी वैक्सीन हैं जो भारत में मानव परीक्षण चरण तक पहुंची हैं।

10) कंपनी भारत बायोटेक द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन अध्ययनों के परिणाम आशाजनक रहे हैं और व्यापक सुरक्षा और प्रभावी इम्यून रेस्पोंस दिखाते हैं।

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