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बुखार, हैजा, पेट दर्द, सिर दर्द, उल्टी, दस्त, मतली, कब्ज, चक्कर और आंत्रशोथ का रामबाण इलाज हैं ये 10 चीजें

By उस्मान | Updated: October 12, 2018 10:58 IST

अक्टूबर और नवंबर के महीने में तापमान बदलने से पेट से जुड़ी गंभीर बीमारियों का बड़ा खतरा होता है. इन समस्याओं के लिए दवाओं के अधिक सेवन से आपको कई खतरे हो सकते हैं. इसलिए आपको घरेलू उपायों पर काम करना चाहिए.

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1) उल्टी रोकने के लिए अदरकअदरक पाचन तंत्र के लिए बेहतर चीज है। ये नैचुरल एंटी-एमेटिक के जैसे काम करता है जिस वजह से उल्टी रोकने लिए सबसे बेहतर विकल्प है। आप एक चम्मच अदरक रस में नींबू के रस को मिलाकर दिन में दो से तीन बार ले सकते हैं। इससे तुरंत उल्टी से राहत मिलती है। इसके अलावा आप अदरक के छोटे टुकड़े को नमक के साथ खा सकते हैं। 

2) दस्त से राहत पाने के लिए कच्चा केलादस्त को डायरिया भी कहते है जो पाचन तंत्र बिगड़ने के कारण हो सकती है। बड़े और बच्चे, दस्त और पेट में मरोड़ की समस्या से कोई भी प्रभावित हो सकता है। इससे राहत पाने के लिए तीन से चार कच्चे केलों को उबाल लें। एक बर्तन में घी गर्म करें और केलों के उसमें डालें। इसके बाद उसमें कुछ लौंग, थोड़ा धनिया, दही और सेंध नमक डालकर मिक्स कर लें। थोड़ी देर पकाने के बाद इसके सेवन करें। 

3) हैजा के उपचार के लिए नींबू नींबू के रस में कच्ची हल्दी की जड़ें 2 घंटे के लिए भिगा कर रखें और बाद में पीसकर एक कंटेनर में रख लें। एक कप पानी में इस पेस्ट की कुछ मात्रा को पानी और शहद मिलाकर पीएं। इसके अलावा घर पर ओआरएस तैयार करें, इसके लिए चार कप पानी में छह छोटे चम्मच चीनी और आधी छोटी चम्मच नमक मिलाएं और जितना ज्यादा पी सकें। 

4) कब्ज के लिए पपीता और अंजीरपेट ठीक से साफ नहीं होना, कब्ज का प्रमुख लक्षण भी है और कारण भी। इसके और भी कारण हैं जिनमें गलत खानपान, ठीक समय पर शौच न होना। पपीता में विटामिन डी भरपूर मात्रा में होता है। खाने में टेस्टी होने के साथ-साथ यह पेट के लिए भी बहुत लाभकारी है। रोजाना दिन में एक बार पके हुए पपीते का सेवन करें। पका हुआ अमरूद खाने से भी कब्ज से राहत मिलती है। सूखी अंजीर को रात के समय पानी में भिगोकर रखा दें और सुबह इसे चबाकर खाएं। इसके साथ दूध भी पी सकते हैं। 5-6 दिन इसका सेवन करने से कब्ज दूर हो जाएगी।   

5) बुखार के लिए गिलोय बुखार को लोग आम बीमारी समझते हैं। आपको बता दें कि यह आम बीमारी आपके शरीर को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। तापमान में अचानक परिवर्तन होने या संक्रमण का दौर होने पर अधिकतर लोग बुखार से पीड़ित होते हैं। पान के पत्‍तों की तरह दिखने वाले गिलोय के पत्‍ते एक तरह की बेल है। गिलोय के सेवन से इम्‍यूनिटी स्‍ट्रॉग होती है और शरीर बीमारियां से बचा रहता है। आयुर्वेद में तो गिलोय को बुखार की एक महान औषधि के रूप में माना गया है। 

6) मतली के लिए जीरामतली को जी मिचलाने या मोशन सिकनेस कहा जाता है। इसके कई कारण होते हैं जैसे ज्यादा या दूषित खाना, बीमारी, गर्भावस्था, ज्‍यादा शराब पीने, पेट में संक्रमण आदि। आप जीरे के इस्तेमाल से इससे राहत पा सकते हैं। जीरे अपने चिकित्‍सीय गुणों के कारण जाना जाता है। जीरा से उचित पाचन होता है जो न केवल अग्नशाय में पाचक एंजाइमों का स्राव में मदद करता है। मतली का एहसास होने पर जीरा और जायफल मिली चाय पीने से फायदा होता है। अगर आपको जीरा पसंद नहीं हैं तो आप चाय में जीरा पाउडर भी डाल सकते हैं।

7) सिरदर्द के लिए चमेली की चायअक्सर लोग सिर दर्द के उपचार के लिए क्रोसिन और पेरासिटामोल जैसी दर्द निवारक दवाओं का सेवन करते हैं। आपको बता दें कि इनके ज्यादा सेवन से आपको आगे कई समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए आपको चमेली के फूल की चाय का सेवन करना चाहिए। यह सिर दर्द में बहुत ही फायदेमंद है। एक कप चमेली के फूल की चाय बना कर पी लें चाहें तो इसमें स्वाद के लिए शहद का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

8) चक्कर के लिए लौकी दिमाग में खून की पर्याप्त पूर्ती ना हो पाने की वजह से चक्कर आने लगते हैं। इससे राहत पाने के लिए सूखी लौकी की डंठल की तरफ से काट दें, ताकि अन्दर का खोखलापन दिखाई दे। अगर सूखा गूदा हो तो उसे निकाल दें। अब इसमें ऊपर तक पानी भर कर 12 घंटे तक रखें फिर हिलाकर पानी निकाल कर साफ कपड़े छान लें। इस पानी को ऐसे बर्तन में भरें, जिसमें आप अपनी नाक डुबो सकें। नाक डुबोकर जोर से सांस खींचें, ताकि पानी नाक से अन्दर चढ़ जाए। पानी खींचने के बाद नाक नीची करके आराम करें। इस उपाय से चक्कर आने की समस्या सदा के लिए खत्म हो जाती है। 

9) आंत्रशोथ के लिए छाछ आंत्रशोथ एक बीमारी है, जो बैक्टीरिया द्वारा आहार-पथ मुंह, भोजन-नली, पेट और आंत के संक्रमण होती है। आंत्रशोथ में पेट तथा अंतड़ियों में जलन होने लगती है तथा रोगी की दस्त लग जाते हैं। इससे बचने के लिए आपको घर का स्वच्छ, बिना मसाले वाला हल्का भोजन करना चाहिए। खाने से पहले हाथ साबुन के साथ धोने चाहिए। छाछ का सेवन करने से पाचन तंत्र ठंडा रहता है। इसके अलावा सब्जियों का सूप पीना चाहिए क्योंकि यह आसानी से पच जाता है।

10) पेट दर्द के लिए हींगपेट में दर्द होना एक आम समस्या है। इसके कई कारण हो सकते हैं। पेट दर्द के मुख्य कारण कब्ज का होना, ज्यादा गैस बनना, अपच, विषाक्त भोजन सेवन करना आदि सकता हैं। पेट दर्द मे हींग बहुत ही लाभकारी है। 5 ग्राम हींग को थोड़े पानी में पीसकर पेस्ट बनाएं। इसे नाभी पर और उसके आस पास लगायें फिर कुछ देर आराम करें। इससे पेट की गैस निकल जायेगी और दर्द में राहत मिलेगी। 

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