1,738 पुरुषों की जांच, क्या दवा हिंसा और घरेलू हिंसा को कम कर सकती?, देखिए रिपोर्ट में बेहद दिलचस्प खुलासा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 7, 2025 18:06 IST2025-12-07T18:05:12+5:302025-12-07T18:06:26+5:30

परीक्षण में यह जांच की गई कि क्या अवसादरोधी दवा सेर्ट्रालाइन आवेगशील पुरुषों में हिंसक अपराध करने की प्रवृत्ति को कम कर सकती है।

1,738 men examined can medicine reduce violence and domestic violence, see very interesting revelations report | 1,738 पुरुषों की जांच, क्या दवा हिंसा और घरेलू हिंसा को कम कर सकती?, देखिए रिपोर्ट में बेहद दिलचस्प खुलासा

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Highlightsपरीक्षण में यह पता लगाने की कोशिश की गयी कि क्या दवा हिंसा और घरेलू हिंसा को कम कर सकती है।परीक्षण में सेर्ट्रालाइन या प्लेसिबो प्राप्त करने के लिए यादृच्छिक रूप से चुना।सामान्य हिंसा पर सेर्ट्रालाइन के प्रभाव के परिणाम अनिर्णायक थे।

सिडनीः ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने अप्रैल 2024 में, घरेलू और पारिवारिक हिंसा को एक 'राष्ट्रीय संकट' घोषित करते हुए इसकी रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की थी। उन्होंने घरेलू हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई का भी आह्वान किया था। तब से इस समस्या में कोई सुधार नहीं हुआ है। लेकिन न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय और न्यूकैसल विश्वविद्यालय द्वारा किया गया दुनिया का पहला परीक्षण, आगे बढ़ने का एक नया रास्ता प्रस्तुत कर सकता है। इस परीक्षण में यह पता लगाने की कोशिश की गयी कि क्या दवा हिंसा और घरेलू हिंसा को कम कर सकती है।

एक जटिल समस्या के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण--- इस परीक्षण में यह जांच की गई कि क्या अवसादरोधी दवा सेर्ट्रालाइन आवेगशील पुरुषों में हिंसक अपराध करने की प्रवृत्ति को कम कर सकती है। हमने 2013 और 2021 के बीच न्यू साउथ वेल्स में 1,738 पुरुषों की जांच की, और अंततः 630 प्रतिभागियों को “डबल-ब्लाइंड” परीक्षण में सेर्ट्रालाइन या प्लेसिबो प्राप्त करने के लिए यादृच्छिक रूप से चुना।

इसका मतलब यह है कि शोधकर्ताओं, नर्सों, मनोचिकित्सकों और प्रतिभागियों को यह पता नहीं था कि कौन से पुरुष सेर्ट्रालाइन या प्लेसिबो ले रहे थे। अधिकांश प्रतिभागियों की भर्ती सामुदायिक सुधार कार्यालयों और अदालतों के माध्यम से की गई थी। सामान्य हिंसा पर सेर्ट्रालाइन के प्रभाव के परिणाम अनिर्णायक थे।

हालांकि, जिन लोगों ने सेर्ट्रालाइन लिया, उनमें घरेलू हिंसा के पुनः अपराध करने में महत्वपूर्ण कमी देखी गई:

1... 12 महीनों में, प्लेसिबो (24.8 प्रतिशत) की तुलना में सेर्ट्रालाइन दवा लेने वाले समूह (19.1 प्रतिशत) में घरेलू हिंसा में शामिल होने की प्रवृति कम थी।

2...24 महीनों में, प्लेसिबो समूह (35.7 प्रतिशत) की तुलना में सेर्ट्रालाइन समूह (28.2 प्रतिशत) में अपराध कम था।

3...जिन पुरुषों ने अपनी दवाइयां अधिक नियमित रूप से लीं, उनमें 24 महीनों में पुनः अपराध करने की घटनाओं में 30 प्रतिशत की कमी आई।

सेर्ट्रालाइन कैसे काम करता है?

अवसादरोधी दवा सेर्ट्रालाइन मस्तिष्क में सेरोटोनिन की कार्यप्रणाली को बढ़ाकर काम करती है, जो आवेग नियंत्रण और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को विनियमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अत्यधिक आवेगशील पुरुषों के लिए, यह सीधे तौर पर हिंसा के मुख्य कारक को कम करता है - भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को रोकने और नियंत्रित करने में असमर्थता।

घरेलू हिंसा में प्रायः अंतरंग संबंधों में भावनात्मक रूप से आवेशित, आवेगपूर्ण प्रतिक्रियाएं शामिल होती हैं। इन प्रतिक्रियात्मक संदर्भों में क्रोध और आक्रामकता का प्रकार मस्तिष्क सेरोटोनिन न्यूरोट्रांसमिशन को विनियमित करने के लिए सबसे अधिक प्रतिक्रियाशील माना जाता है। सामान्य हिंसा कहीं अधिक विविध होती है, जिसमें पूर्व नियोजित कृत्य भी शामिल होते हैं, और यह आमतौर पर कम प्रतिक्रियात्मक होते हैं।

यादृच्छिकीकरण से पहले प्रारंभिक चार सप्ताह की अवधि के दौरान, सभी प्रतिभागियों को सेर्ट्रालाइन दिया गया और हमने देखा:---

1) अवसाद में 55 प्रतिशत की कमी

2) मनोवैज्ञानिक संकट में 44 प्रतिशत की कमी

3) क्रोध में 35 प्रतिशत की कमी

4) चिड़चिड़ापन में 25 प्रतिशत की कमी

5) आवेगशीलता में 20 प्रतिशत की कमी।

ये परिवर्तन परीक्षण के अधिकांश मनोसामाजिक समर्थन के पूर्ण प्रभाव से पहले ही घटित हो गए थे, जिससे दवा का प्रत्यक्ष प्रभाव प्रदर्शित हुआ। जेल में काफी समय बिता चुके एक प्रतिभागी ने हमें बताया, ‘‘ मैं सड़क पर गुस्से में था, एक आदमी अपनी कार से बाहर कूद पड़ा और मुझ पर हमला करने लगा, और अगर ऐसा नहीं होता तो मैं उसे कुचल देता।

लेकिन मैंने बस इतना कहा, 'यार, पुलिस बुलाए जाने से पहले ही भाग जाओ।' मुझे पूरा यकीन है कि ये दवा की वजह से हुआ। मुझे गर्व है, बहुत समय हो गया है, लेकिन आखिरकार मैंने खुद पर काबू पा लिया है।’’ कई प्रतिभागियों के सामने बेघर होने, इलाज न होने पर मानसिक स्वास्थ्य संबंधी विकार, मादक पदार्थों का सेवन, रिश्तों में संकट, स्वास्थ्य सेवाओं से विमुखता और सरकारी संस्थाओं के साथ टकराव जैसी समस्याएं थीं। कई पुरुष 'अनदेखी' में फंस गए, क्योंकि उनके मामले मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं या मानक सुधार कार्यक्रमों के लिए बहुत जटिल थे।

इसका मतलब है कि उन्हें जरूरी सहायता नहीं मिल पाई। इसका अर्थ यह है कि उन्हें आवश्यक सहायता नहीं मिल सकी। हमने महसूस किया कि इन व्यापक मनोसामाजिक आवश्यकताओं को संबोधित किए बिना दवा देना हमारी देखभाल के कर्तव्य में विफलता होगी।

इसलिए हमारे अध्ययन में एक व्यापक सहायता मॉडल को शामिल किया गया, जिसमें फार्माकोथेरेपी को आघात-सूचित नैदानिक ​​परामर्श के साथ जोड़ा गया, प्रतिभागियों का सक्रिय रूप से अनुवर्तन किया गया, 24 घंटे संकट सहायता दी गई, पुरुषों को सहायता सेवाओं और साथी सुरक्षा योजना का उपयोग करने में सहायता की गई।

Web Title: 1,738 men examined can medicine reduce violence and domestic violence, see very interesting revelations report

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