एम्स में EWS कोटे से नहीं हुआ एक भी दाखिला, स्वास्थय मंत्रालय का निर्देश गया खाली
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 23, 2019 10:41 AM2019-07-23T10:41:35+5:302019-07-23T10:41:35+5:30
आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करने के लिए स्वास्थय मंत्रालय ने एम्स से सीटें बढ़ाने के लिए कहा था, लेकिन अस्पताल ने इस वर्ष जरूरी सुविधाओं के अभाव की बात कह इस वर्ष आरक्षण लागू नहीं करने में छूट मांगी थी.
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में एमबीबीएस पाठ्यक्रम के लिए इस वर्ष ईडब्ल्यूएस कोटे से एक भी दाखिला नहीं लिया गया है. जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्र के मेडिकल कॉलेजों को निर्देश दिया था कि इसी वर्ष से आर्थिक आधार पर इकॉनोमिक वीकर सेक्शन के लिए सीटें आरक्षित की जाएं. दिल्ली एम्स में इस वक्त 100 सीटें उपलब्ध हैं.
आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू होने के बाद इस वर्ष से 10 सीटें ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए आरक्षित होनी थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक आधार पर आरक्षण लागू करने के लिए स्वास्थय मंत्रालय ने एम्स से सीटें बढ़ाने के लिए कहा था, लेकिन अस्पताल ने इस वर्ष जरूरी सुविधाओं के अभाव की बात कह इस वर्ष आरक्षण लागू नहीं करने में छूट मांगी थी.
एम्स प्रशासन ने इस साल 25 अतिरिक्त छात्रों के लिए छात्रावास और लेक्चर रूम जैसी सुविधाएं बढ़ाने में असमर्थता जताई थी. एम्स के अगले अकादमिक सत्र से ईडब्ल्यूएस आरक्षण को लागू करने की बात कही है.
देश के 14 एम्स में एमबीबीएस की 1200 सीटों के लिए 25 और 26 मई को परीक्षा हुई थी.
एम्स के छात्रों को पहले ही छात्रावास की कमी से जूझना पड़ रहा है. इस वर्ष छात्रावास संख्या 7 और 8 में रेजिडेंट डॉक्टर्स से कमरा खाली करा कर उसे एमबीबीएस छात्रों को दे दिया गया है. पहले इन कमरों में एक छात्र रहते थे लेकिन अब दो रहेंगे.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी इस वर्ष ईडब्ल्यूएस कोटे से आरक्षण लागू नहीं हो पाया है. प्रिंसिपल प्रो. एससी. शर्मा ने कहा है कि अकादमिक काउंसिल की बैठक के बाद ही कोई फैसला लिया जायेगा. वहीं, बीएचयू में इसी सत्र से बढ़ी हुई सीटों पर प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी और दाखिला प्रक्रिया अगस्त तक पूरा हो जायेगा.