Common Eligibility Test: देश में अब एक एजेंसी-एक एग्ज़ाम, पीएम बोले-करोड़ों युवाओं के लिए वरदान, जानिए बड़ी बातें
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 19, 2020 19:26 IST2020-08-19T19:20:27+5:302020-08-19T19:26:37+5:30
अमित शाह ने कहा कि आज भारत के युवाओं के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। मैं PM को धन्यवाद देता हूं उन्होंने आज कैबिनेट में नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी को मंजूरी दी। यह परिवर्तनकारी सुधार कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के माध्यम से केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए कई परीक्षाओं की बाधा को दूर करेगा।

मंत्रिमंडल ने साझा पात्रता परीक्षा लेने के लिये ‘राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी’ के गठन का निर्णय किया गया है। (photo-ani)
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी का गठन देश के करोड़ों युवाओं के लिए वरदान साबित होगा और इससे अलग-अलग परीक्षाओं से मुक्ति मिलेगी व समय के साथ-साथ संसाधनों की भी बचत होगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा साझा पात्रता परीक्षा आयोजित करने के लिये राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के बाद मोदी ने ट्वीट कर कहा कि इससे भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता को और बल मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी करोड़ों युवाओं के लिए वरदान साबित होगी। साझा पात्रता परीक्षा के जरिए यह अलग-अलग परीक्षाओं को समाप्त करेगी और समय के साथ संसाधनों की भी बचत होगी। इससे पारदर्शिता को और बल मिलेगा।’
अमित शाह ने कहा कि आज भारत के युवाओं के लिए एक ऐतिहासिक दिन
अमित शाह ने कहा कि आज भारत के युवाओं के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। मैं PM को धन्यवाद देता हूं उन्होंने आज कैबिनेट में नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी को मंजूरी दी। यह परिवर्तनकारी सुधार कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट के माध्यम से केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए कई परीक्षाओं की बाधा को दूर करेगा।
कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट आयोजित करने के लिए राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि CET का स्कोर* 3 साल तक मान्य रहेगा जिसके दौरान उम्मीदवार अपनी योग्यता और पसंद के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं। नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी एक क्रांतिकारी सुधार है। इससे इज ऑफ रिक्रूटमेंट, इज ऑफ सिलेक्शन, इज ऑफ जॉब प्लेसमेंट और इज ऑफ लीविंग आएगा। विशेष रूप से युवाओं के लिए जो किसी असुविधा के कारण बहुत सारी परीक्षाओं में नहीं पहुंच पाते थे।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नौकरी के लिए युवाओं को बहुत से टेस्ट देने होते हैं
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि नौकरी के लिए युवाओं को बहुत से टेस्ट देने होते हैं। इसे समाप्त करने के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। राष्ट्रीय भर्ती संस्था कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट लेगी जिसका करोड़ों युवाओं को फायदा मिलेगा। सरकार के सचिव सी. चंद्रमौली ने कहा कि केंद्रीय सरकार में लगभग 20 से अधिक भर्ती एजेंसियां हैं। अभी हम केवल तीन एजेंसियों की परीक्षा कॉमन कर रहे हैं, समय के साथ हम सभी भर्ती एजेंसियों के लिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट करेंगे।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एव प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया ‘‘युवाओं को फिलहाल नौकरी के लिये कई अलग अलग परीक्षाएं देनी पड़ती हैं। ऐसी परीक्षाओं के लिये अभी लगभग 20 भर्ती एजेंसियां हैं और परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थियों को दूसरे स्थानों पर भी जाना पड़ता है।’’
उन्होंने कहा कि इस संबंध में परेशानियां दूर करने की मांग काफी समय से की जा रही थी । इसे देखते हुए मंत्रिमंडल ने साझा पात्रता परीक्षा लेने के लिये ‘राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी’ के गठन का निर्णय किया गया है। केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया और कहा कि प्रारंभ में तीन एजेंसियों की परीक्षाएं राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के दायरे में आयेंगी। एक अधिकारी ने बताया कि शुरू में इसके दायरे में रेलवे भर्ती परीक्षा, बैंकों की भर्ती परीक्षा और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) आयेंगे।
The National Recruitment Agency will prove to be a boon for crores of youngsters. Through the Common Eligibility Test, it will eliminate multiple tests and save precious time as well as resources. This will also be a big boost to transparency: PM Narendra Modi (file pic) pic.twitter.com/dg8I6beL9F
— ANI (@ANI) August 19, 2020
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी नौकरियों के लिये राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के गठन को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती प्रक्रिया में परिवर्तनकारी सुधार लाने के उद्देश्य से साझा पात्रता परीक्षा आयोजित करने के लिये ‘‘ राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी’’ (एनआरए) के गठन को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह जानकारी दी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया। बैठक के बाद सूचना एव प्रसारण मंत्री जावड़ेकर ने संवाददाताओं को बताया ‘‘युवाओं को फिलहाल नौकरी के लिये कई अलग अलग परीक्षाएं देनी पड़ती हैं।
ऐसी परीक्षाओं के लिये अभी लगभग 20 भर्ती एजेंसियां हैं और परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थियों को दूसरे स्थानों पर भी जाना पड़ता है।’’ उन्होंने कहा कि इस संबंध में परेशानियां दूर करने की मांग काफी समय से की जा रही थी । इसे देखते हुए मंत्रिमंडल ने साझा पात्रता परीक्षा लेने के लिये ‘राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी’ के गठन का निर्णय किया गया है। जावड़ेकर ने कहा कि इससे अभ्यर्थियों को नौकरियों के लिए एक साझा परीक्षा देने की सहुलियत मिलेगी और उनका समय और खर्च बचेगा। सरकारी बयान के अनुसार, वर्तमान में, सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को विभिन्न पदों के लिए अलग-अलग भर्ती एजेंसियों द्वारा संचालित की जाने वाली भिन्न-भिन्न परीक्षाओं में सम्मिलित होना पड़ता है।
उम्मीदवारों को भिन्न-भिन्न भर्ती एजेंसियों को शुल्क का भुगतान करना पड़ता
उम्मीदवारों को भिन्न-भिन्न भर्ती एजेंसियों को शुल्क का भुगतान करना पड़ता है और इन परीक्षाओं में भाग लेने के लिए लंबी दूरियां तय करनी पड़ती है। इसमें कहा गया है कि इन अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं से उम्मीदवारों के साथ-साथ संबंधित भर्ती एजेंसियों पर भी बोझ पड़ता हैं । इसमें बार-बार होने वाला खर्च, कानून और व्यवस्था/सुरक्षा संबंधी मुद्दे और परीक्षा केन्द्रों संबंधी समस्याएं शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया और कहा कि प्रारंभ में तीन एजेंसियों की परीक्षाएं राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के दायरे में आयेंगी लेकिन बाद में अन्य एजेंसियों को भी इसके दायरे में लाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों के अभ्यर्थियों, महिलाओं, दिव्यांगों को विभिन्न नौकरियों के लिये परीक्षा देने लम्बी दूरी तय करने की परेशानी से मुक्ति मिलेगी । एक अधिकारी ने बताया कि शुरू में इसके दायरे में रेलवे भर्ती परीक्षा, बैंकों की भर्ती परीक्षा और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) आयेंगे । उन्होंने बताया कि इस परीक्षा में हासिल स्कोर तीन साल तक मान्य होंगे। परीक्षा आयोजित करने के लिये हर जिले में कम से कम एक परीक्षा केंद्र स्थापित किया जायेगा।
केन्द्र सरकार की भर्ती के क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का पालन करेगी
बयान के अनुसार, राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) नामक एक बहु-एजेंसी निकाय द्वारा समूह ख और ग (गैर-तकनीकी) पदों के लिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग करने हेतु सामान्य योग्यता परीक्षा (सीईटी) को शुरू किए जाने का प्रस्ताव किया गया है। एनआरए के संचालक निकाय में रेलवे मंत्रालय, वित्त मंत्रालय/वित्तीय सेवा विभाग, एसएससी, आरआरबी तथा आईबीपीएस के प्रतिनिधि शामिल होंगे। एक विशेषज्ञ निकाय के रूप में एनआरए केन्द्र सरकार की भर्ती के क्षेत्र में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का पालन करेगी।
बहरहाल, सिंह ने बताया कि आने वाले समय में इस परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यार्थियों को प्रदान सीईटी स्कोर को केंद्र सरकार, राज्य सरकार, केंद्र शासित प्रदेशों, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम, निजी क्षेत्र की अन्य भर्ती एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे लागत कम करने के साथ भर्ती में लगने वाले समय को भी बचाया जा सकता है। सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के लिए 1517.57 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। इस व्यय को तीन वर्षों की अवधि में किया जाएगा।
117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा आधारभूत ढांचा स्थापित करने के लिए भी राशि खर्च होगी
एनआरए की स्थापना के अलावा, 117 आकांक्षी जिलों में परीक्षा आधारभूत ढांचा स्थापित करने के लिए भी राशि खर्च होगी। केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रारंभिक योजना देशभर में 1000 परीक्षा केंद्र स्थापित करने की है। उन्होंने कहा कि औसतन, इन परीक्षाओं में अलग से 2.5 करोड़ से 3 करोड़ उम्मीदवार शामिल होते हैं। ये उम्मीदवार एक सामान्य योग्यता परीक्षा में केवल एक बार शामिल होंगे तथा उच्च स्तर की परीक्षा के लिए किसी या इन सभी भर्ती एजेंसियों में आवेदन कर पाएंगे।
बयान के अनुसार, एनआरए के तहत एक परीक्षा में शामिल होने से उम्मीदवारों को कई पदों के लिए प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा। एनआरए प्रथम स्तर परीक्षा का संचालन करेगा जो कई अन्य चयनों के लिए प्रारंभिक परीक्षा होगी। इसमें कहा गया है कि उम्मीदवारों द्वारा सीईटी में भाग लेने के लिए अवसरों की संख्या पर कोई सीमा नहीं होगी। सरकार की मौजूदा नीति के अनुसार अजा/अजजा/अपिव तथा अन्य श्रेणियों के उम्मीदवारों को ऊपरी आयु-सीमा में छूट दी जाएगी।
उम्मीदवारों के पास एक ही पोर्टल पर पंजीकृत होने की तथा परीक्षा केन्द्रों के लिए अपनी पसंद व्यक्त करने की सुविधा होगी। उपलब्धता के आधार पर उन्हें परीक्षा केन्द्र आवंटित किए जाएंगे। साझा पात्रता परीक्षा अनेक भाषाओं में उपलब्ध होगी।
एजेंसी से इनपुट