7 दिन में करो आत्मसमर्पण?, पहलवान सुशील कुमार को सुप्रीम कोर्ट में झटका, आखिर क्यों जेल में ओलंपिक पदक विजेता
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 13, 2025 14:58 IST2025-08-13T14:57:00+5:302025-08-13T14:58:01+5:30
अधीनस्थ अदालत ने कहा कि अपहरण करके स्टेडियम में लाए जाने के बाद, सागर धनखड़ पर कई आरोपियों ने बेसबॉल बैट और हॉकी से बुरी तरह हमला किया था।

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नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी के छत्रसाल स्टेडियम में पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार की जमानत बुधवार को रद्द कर दी। न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के चार मार्च के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें कुमार को जमानत दी गई थी।
ओलंपिक पदक विजेता को एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा गया है। उच्चतम न्यायालय का यह आदेश सागर धनखड़ के पिता अशोक धनखड़ द्वारा दायर की गई उस अपील पर आया है जिसमें उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के कुमार को जमानत देने के आदेश को चुनौती दी थी।
कुमार और अन्य पर एक कथित संपत्ति विवाद को लेकर मई 2021 में धनखड़ पर छत्रसाल स्टेडियम में जानलेवा हमला करने का आरोप है। इस हमले में धनखड़ के दो दोस्त भी घायल हुए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, धनखड़ पर किसी कुंद वस्तु से प्रहार किए जाने से उसके मस्तिष्क पर गंभीर चोट आई थी। कुमार को मई 2021 में गिरफ्तार किया गया था और एक सत्र अदालत ने उन्हें 19 जुलाई 2023 के लिए निर्धारित घुटने की सर्जरी के वास्ते एक सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी।
अक्टूबर 2022 में अधीनस्थ अदालत ने कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत हत्या, आपराधिक साजिश, धमकी और घातक हथियार से अशांति फैलाने सहित शस्त्र अधिनियम के तहत आरोप तय किए थे। अधीनस्थ अदालत ने कहा कि अपहरण करके स्टेडियम में लाए जाने के बाद, सागर धनखड़ पर कई आरोपियों ने बेसबॉल बैट और हॉकी से बुरी तरह हमला किया था।